आलेख का वर्गीकरण/ रिपोर्ट, फीचर और आलेख में अंतर / आलेख के उदाहरण

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आलेख क्या होता है

आलेख क्या होता है

सर्वप्रथम हमें जानना अतिआवश्यक है कि आलेख क्या होता है:- तो आइए हम जानते हैं इसकी परिभाषा, इसका नमूना, इसके अंग तथा साथ ही यह जानते हैं कि रिपोर्ट और आलेख में समानता तथा अंतर, आलेख के उदाहरण तथा लेखन हेतु महत्वपूर्ण बिंदु ।

आलेख एक गद्य लेखन विधा है जिसे वैचारिक गद्य रचना भी कह सकते हैं, वैचारिक जहां हमारे विचारों की प्रधानता है, लेखक के नीति विचारों की प्रधानता है। आलेख निम्न विषयों पर  प्रतिपादित किए जाते हैं जैसे ज्वलंत विषय, समस्याओं, अवसरों तथा चरित्र पर आलेख लिखे जाते हैं।

किसी एक विषय पर प्रधान छोटी सी संयुक्त रचना को आलेख कहते हैं जिसमें तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक अथवा विचारात्मक संपूर्ण जानकारी होती है, आलेख गद्य लेखन की वह विधा है जिसमें लेखक अपनी बातों को स्वतंत्रता पूर्वक दुनिया के सामने बयां कर सकता हैं।

आलेख लेखन के मुख्य अंग निम्न प्रकार है:- 

आलेख में मुख्य रूप से दो अंग प्रयुक्त होते हैं प्रथम अंग है भूमिका तथा इसका द्वितीय व महत्वपूर्ण अंग है विषय का प्रतिपादन । भूमिका के अंतर्गत शीर्षक का अनुरूपण किया जाता है जिसमें भूमिका के अनुरूप छोटे लिखने की बात कही जाती है तथा  विषय के प्रतिपादन में विषय का क्रमिक विकास तारतम्यता और क्रमबद्धता का ध्यान रखा जाता है तथा अंत में तुलनात्मक विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाला जाता है ।

आलेख लिखने हेतु महत्वपूर्ण बाते :-

सर्वप्रथम आलेख लिखने से पहले अध्ययन, शोध कार्य, चिंतन-मनन और विश्लेषण होना अति आवश्यक है तथा उसके बाद आलेख की शुरुआत करनी चाहिए तथा ध्यान देने हेतु बात यह है कि आलेख का प्रकार संक्षिप्त होना चाहिए इसे हम निबंध का संक्षिप्त रूप भी कह सकते हैं, आलेख और निबंध में यही अंतर होता है कि आलेख में निजी विचार होते हैं तथा निबंध में ऐसा नहीं होता । तीसरी ध्यान रखने बात यह है कि विषय वस्तु से संबंधित आंकड़े या भ्रमण हेतु उदाहरण कहीं से नोट कर लें और आलेख लिखते समय उन्हें सही स्थान दें और इसमें वैचारिक और तकनीकी युक्त कौशल भाषा जिसमें विचारों और तथ्यों की स्पष्टता रहती है।

यह विचार श्रृंखलाबद्ध होने चाहिए और आलेख की भाषा सरल समझ में आ सकने वाली रोचक और आकर्षक होनी चाहिए वाक्य छोटे हो एक परिच्छेद में एक भाव व्यक्त हो, अंत में ध्यान रखने योग्य बात यह है कि आलेख का समाप्ति अंश निष्कर्ष परक होना चाहिए इन बातों का ध्यान रखते हुए आलेख की रचना होनी चाहिए।

अब हम जानते हैं कि आलेख और फीचर में क्या समानता होती है तथा क्या अंतर होते हैं:- 

फीचर किसी रोचक विषय पर मनोरंजक ढंग से लिखा गया विशिष्ट आलेख होता है यह मनोरंजन ढंग से तथ्यों को प्रस्तुत करने की कला है जबकि आलेख गंभीर अध्ययन पर आधारित प्रामाणिक रचना होती है, फीचर विषय से संबंधित अनुभूतियों पर आधारित विशिष्ट आलेख होता है जिसमें कल्पनाशीलता और सृजनात्मकता कौशल होनी चाहिए जबकि आलेख एक विषय पर तथ्यात्मक विश्लेषणात्मक अथवा विचारात्मक जानकारी होती है कल्पना का स्थान नहीं होता है।

आइए हम एक आलेख लिखते हैं जहां शीर्षक है:

 ‘राष्ट्रीय एकता’ :- किसी देश को सही से चलाने के लिए तथा विकास और प्रगति के पथ पर अग्रसर होने के लिए राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित होनी चाहिए बिना राष्ट्रीय एकता के देश खंडों में विभाजित हो जाएगा जाति धर्म क्षेत्र भाषा के आधार पर लोग एक दूसरे से भेदभाव करेंगे देश में आए दिन सांप्रदायिक दंगे होंगे, राष्ट्रीय एकता देश के लिए अति आवश्यक अंग है जो देश को सभी राज्यों के साथ जोड़ने का जरिया है।

भारत एक विशाल देश है। इसकी भौगोलिक और प्राकृतिक स्थिति ऐसी है कि इस एक देश में अनेक देशों की कल्पना को सहज रूप से किया जा सकता है। इस देश में 6 ऋतुओं का एक अद्भुत क्रम है। देश में एक ही समय में एक क्षेत्र में गर्मी का वतावरण होता है तो एक तरफ सर्दी का वातावरण होता है। एक क्षेत्र में हरियाली होती है तो दुसरे क्षेत्र में दूर-दूर तक रेती के अलावा और कुछ दिखाई नहीं देता है।

 अंग्रेजों ने भारत में एकछत्र राज्य करने के लिए सबसे पहले यहाँ की एकता पर प्रहार किया क्योंकि कोई भी शासक अपना प्रभुत्व जमाने के लिए जनता में एकता नहीं चाहता है। इसलिए अंग्रेजों ने फूट डालो राज करो की प्रबल नीति अपनाई जिसके कारण वे सैंकड़ों वर्षों तक भारत के सशक्त शासक बने रहे।

जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत में धर्मों व जातियों तथा वर्गों के आधार पर कलह , दंगे भडकते रहते हैं। वे कभी किसी एक धर्म के लोगों को संरक्षण देते और दूसरों को तंग करते तो कभी दुसरे धर्मों के लोगों को प्रोत्साहित करते थे जिससे जनता परस्पर लडती रहे। फिर भारत के स्वतंत्र होने पर अंग्रेज भारत की अखंडता समाप्त करके ही गये थे।