tag:blogger.com,1999:blog-53439832341179368212024-03-13T22:23:49.683+05:30Hindi ArticlesHindi Article (हिंदी आर्टिकल )से आपको हर तरह की जानकारियॉ मिल पाए। हम पूरी कोसिस कर रहे है की हम ज्यादा-से-ज्यादा हिंदी भाषा में Articles को शेयर करें। कृप्या हमारे साथ जुड़े रहिए, और अगर आप भी हमसे जुड़कर हिंदी भाषा में जानकारियाँ हमारे हिंदी भाषी भाइयो से साझा (share)करना चाहते है तो आप भी हमारे से जुड़ सकते है।Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comBlogger136125tag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-90014576584199677442024-01-31T15:17:00.000+05:302024-01-31T15:17:47.976+05:30क्या आप अपनी dream job पाना चाहते हैं? 5 step plan to get your dream job<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><span style="text-align: justify;">मुझे याद है, बचपन में जब कोई मुझसे पूछा करता था कि तुम बड़े हो कर क्या बनना चाहते हो, तो मेरा एक ही जवाब होता था, कि मैं बड़ा हो कर policeman बनना चाहता हूँ. उनकी वर्दी, और निडरता मुझे हमेशा ही आकर्षित करती थी. लेकिन जैसे जैसे मैं बड़ा हुआ, मेरी सोच में बदलाव आया, और उसी के साथ बदलाव आया मेरे career goals में. बचपन के बजाय, मेरे goals अब बेहतर तरीके से सोचे और सुलझे हुए थे. लेकिन इतना सोचने के बाद भी मैंने कई ऐसी jobs की, जिनमे मुझे बिलकुल भी interest नहीं आया. काफी समय बाद मैं अपने passion को समझ पाया. मुझे यकीन है कि आप में से भी कई लोग इस दौर से गुज़र रहे होंगे. लेकिन आपको घबराने की बिलकुल भी ज़रुरत नहीं है. अक्सर अपनी dream job को पहचानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, लेकिन एक बार आपने जान लिया, कि आप अपनी ज़िन्दगी में क्या करना चाहते हैं तो कोई आपको नहीं रोक सकता।</span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><span style="text-align: justify;"> </span></div><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://2.bp.blogspot.com/-KcqhHpkthUM/W9bLD7p_KkI/AAAAAAAAaRU/sH4yObGLvvk4HHozAWxfUi4b2n42WcnjwCPcBGAYYCw/s1600/%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%2B%25E0%25A4%2586%25E0%25A4%25AA%2B%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580%2Bdream%2Bjob%2B%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BE%2B%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%2587%2B%25E0%25A4%25B9%25E0%25A5%2588%25E0%25A4%2582.png" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="5 step plan to get your dream job" border="0" data-original-height="315" data-original-width="560" src="https://2.bp.blogspot.com/-KcqhHpkthUM/W9bLD7p_KkI/AAAAAAAAaRU/sH4yObGLvvk4HHozAWxfUi4b2n42WcnjwCPcBGAYYCw/s1600/%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%2B%25E0%25A4%2586%25E0%25A4%25AA%2B%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2580%2Bdream%2Bjob%2B%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BE%2B%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%2587%2B%25E0%25A4%25B9%25E0%25A5%2588%25E0%25A4%2582.png" title="5 step plan to get your dream job" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">5 step plan to get your dream job</td></tr></tbody></table><div>इस article में हम इसी बारे में विस्तार से बात करेंगे. हम जानेंगे कि किस तरह आप ना सिर्फ अपनी dream job को पहचान सकते हैं, बल्कि उसे पा भी सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं।<br /><span style="font-size: large;"><b> 1. अपने passion को पहचाने (Identify your passion):</b></span><br /><br />मैं कई बार ऐसे लोगों से मिलता हूँ जो सालों का experience लेने के बावजूद कहते हैं, कि उन्हें job में मज़ा नहीं आता. ये बड़े ही दुःख की बात है. एक व्यक्ति तभी सफल हो सकता है जब वो अपने काम से प्यार करे, जब उसे अपना काम करने में मज़ा आये. लेकिन हम अक्सर जल्दबाज़ी में कोई भी job चुन लेते हैं. नतीजा, जल्दी ही हम उस काम से bore होने लगते हैं और फिर शिकायत करते हैं कि हमे काम करने में मज़ा नहीं आ रहा।<br /><br />इसलिए बेहतर यही है कि शुरू से ही अपना job ध्यान से चुने. अच्छे से सोचें, कि ऐसा कौनसा काम है जो आपको ख़ुशी देता है. लेकिन ध्यान रहे कि आपको ये भी देखना होगा कि उस काम का कोई scope है भी या नहीं. अगर आप ऐसा कोई profile चुन लेंगे, जिसके scope नहीं है तो आपको salary कम ही मिलेगी. तो अपनी dream job चुनते वक़्त इन दोनों बातो का ज़रूर ध्यान रखें।<br /><div><br />आप confused हो रहे हैं तो अपने आस पास के लोगो से सलाह ले सकते हैं. अपने friends, family members, आदि से discussion करें और बैठ कर फिर हर profile के फायदे और नुकसान देखें. जल्दी ही आप अपनी dream job को पहचान लेंगे।<br /><br /><span style="font-size: large;"><b>2. Job के लिए आवश्यक skills लाएं (Acquirer required skillset for job)</b></span><br /><br />ध्यान रहे कि हर job के लिए employer candidate में कुछ special skills ढूंढता है, जिनके ना होने पर लोग interview में reject हो जाते हैं. अगर आप भी बिना skills के ही job के लिए apply कर देते हैं तो ये एक बहुत बड़ी गलती है. बिना skills के आप कभी job पा ही नहीं सकते. इसलिए जैसे ही आप अपनी dream job निश्चित करें, उसी दिन से उसकी तैयारी शुरू कर दें. पता लगाए कि उस job में select होने के लिए सबसे ख़ास skills कौनसी हैं. इसके अलावा 1-2 extra skills भी सीख लें. इससे आपके job पाने के chances और भी बढ़ जायेंगे. <br /><br />अगर आपकी कोई dream company है, तो उसके बारे में भी पता लगाएं. Company के बारे में अच्छे से research करना आपको interview के वक़्त बहुत फ़ायदा देगा. </div><br /><div><span style="font-size: large;"><b>3. एक आकर्षक resume बनाये (Create an attractive resume):</b></span><br /><br />क्या आप जानते हैं कि एक average employer केवल <a href="https://www.fool.com/careers/2018/09/16/5-resume-stats-all-job-seekers-should-know.aspx">40 seconds</a> में आपका resume देख कर ये निश्चय कर लेता है कि आपको interview के लिए बुलाना है या नहीं. ऐसे में अगर आपका Resume बहुत ही common है तो आपके hire होने के chances बहुत कम हैं. हाँ, हम सभी के पास एक Resume होता है जो हमारा perfect Resume होता है, लेकिन यह हमे dream job नहीं दिला सकता. आपके Resume में कुछ खासियत होने पर ही आपका चयन हो पायेगा. इसलिए अगर आपका Resume बहुत ही साधारण सा है, तो job पाने की बात बिलकुल भूल जाएँ. आपका Resume आपका first impression बनाता है और यक़ीनन, आप ये first impression long lasting बनाना चाहेंगे. लेकिन आपका साधारण सा Resume ये काम बिलकुल नहीं कर पायेगा. आप चाहे तो <a href="https://www.canva.com/en_in/create/resumes/">Canva CV maker tool</a> का उपयोग कर के एक बहुत ही अच्छा Resume केवल 10 minute में बना सकते हैं, वो भी free में. लेकिन आप जैसे भी अपना Resume बनायें, नीचे दी हुई बातों का ज़रूर ध्यान रखें:<br /><ul style="text-align: left;"><br /><li>याद रहे, Resume आपकी autobiography नहीं है. तो जितना ज़रूरी हो, उतनी ही जानकारी दें. </li><br /><li>आपको शायद colors बहुत पसंद हैं, लेकिन Resume में 2 से ज्यादा colors ना चुने. </li><br /><li>Resume में objective का ना उपयोग करें. इसके बजाय एक अच्छी सी career summary लिखें. </li><br /><li>केवल वही hobbies mention करें जो आपके job profile से match करती हैं. </li><br /><li>कोई भी बात झूठ ना बोलें, वरना आपको interview में परेशानी हो सकती है. </li><br /></ul><span style="font-size: large;"><b>4. Networking करते रहें (Leverage the power of networking):</b></span><br /><br />Networking की importance को कभी भी ignore नहीं किया जा सकता. जब आप अपनी dream job पहचानते हैं तो यक़ीनन आप कुछ ऐसी companies का भी पता लगाते हैं जहाँ आप काम करना चाहेंगे. तो अगला step है, इन companies में contacts बनाना. LinkedIn पर उस Company को search करें, और उनके employees को request भेजे. उनसे बात करें. अपने दोस्तों में भी पता लगाएं कि क्या आपका कोई जानकार उस Company में पहचान रखता है? इससे आपको इस Company को समझने में मदद मिलेगी. साथ ही, आप ये भी समझ पाएंगे कि Company किस तरह का काम करती है. इसके अलावा, वैसे भी ज्यादा से ज्यादा professionals से बाते करें, ideas share करें, इससे आपकी knowledge बढ़ेगी और क्या पता, आगे चल कर ये आपको किसी अच्छी Company में recommend कर दें.<br /><br /><span style="font-size: large;"><b>5. असफलता से निराश बिलकुल ना हों (Never get defeated by failures)</b></span><br /><br />कई बार ऐसा होता है कि हर चीज़ आपके favor में होते हुए भी आपका काम नहीं बन पाता. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप सब छोड़ कर हार मन कर बैठ जाएँ. हालाँकि ये स्वाभाविक है लेकिन आपको ये आदत बदलनी होगी, वरना आप आगे ही नहीं बढ़ पाएंगे. जीत हार जीवन का एक हिस्सा है. कहा भी गया है, "race में हारता वो नहीं जो गिर जाता है, बल्कि वो है जो गिर कर उठता नहीं.". <br /><br />तो अगर आपको कभी असफलता मिलती है तो उससे सीखें. देखें कि कहाँ आपने गलती की, या कहाँ आप improve कर सकते हैं और फिर से try करें. जल्दी ही आपको आपकी dream job ज़रूर मिलेगी.<br /><br />दोस्तों, उम्मीद है आप ये tips ज़रूर follow करेंगे. हर अच्छी चीज़ धैर्य और मेहनत मांगती है और अगर आपमें ये दोनों गुण है तो आप सफल ज़रूर होंगे.</div></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-7234340878014266112023-10-06T20:35:00.000+05:302023-10-06T20:35:06.053+05:30Question and Answser : हिंदी में क्या कहते हैं ? इन शब्द के सवाल के जवाब , देखिये क्या है क्या कहते है ?<h2 style="text-align: left;"> हिंदी में क्या कहते हैं ? ऐसे ही सवाल के जवाब दे पाएंगे आप ? </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg7N6AwLfQzzc0LIhl2UO03IeQBmDPvEtSfhkXMCLmkHIAG7oYZB9H-JnvJrgOuT2MOle5XxM_8zBJQ5GhU-jX2YTC5xt_mFGuH4Bw3rfgra0w97fnPJ2Ohim1_xw0DpuVEJk-T4Amodo4YMg6M7KXQWpiuHWUZSLKxhRIcVXoxd_U0TLyLym9Efn0Yk8pj/s1280/is%20Shabd%20ko%20Hindi%20me%20kya%20kehte%20hai.png" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="720" data-original-width="1280" height="360" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg7N6AwLfQzzc0LIhl2UO03IeQBmDPvEtSfhkXMCLmkHIAG7oYZB9H-JnvJrgOuT2MOle5XxM_8zBJQ5GhU-jX2YTC5xt_mFGuH4Bw3rfgra0w97fnPJ2Ohim1_xw0DpuVEJk-T4Amodo4YMg6M7KXQWpiuHWUZSLKxhRIcVXoxd_U0TLyLym9Efn0Yk8pj/w640-h360/is%20Shabd%20ko%20Hindi%20me%20kya%20kehte%20hai.png" width="640" /></a></div><br /><h3 style="text-align: left;"><b>Q1. petrol ko hindi mein kya kahate hain</b></h3><p>ANS: petrol ko hindi mein "शिलातैल" ya "ध्रुवस्वर्ण" kaha jata hai.</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q2: Train/ railgadi ko hindi mein kya kahate hain</b></h3><p>Ans: रेलगाड़ी को हिंदी में "रेलगाड़ी" या "लौह पथ गामिनी" कहा जाता है। "रेलगाड़ी" एक हिंदी शब्द है, जबकि "लौह पथ गामिनी" एक संस्कृत शब्द है। "रेलगाड़ी" का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है, जबकि "लौह पथ गामिनी" का इस्तेमाल कम ही किया जाता है।</p><p>"रेलगाड़ी" का अर्थ है "लोहे की पटरी पर चलने वाली गाड़ी"। "लौह पथ गामिनी" का अर्थ है "लोहे के पथ पर चलने वाली गाड़ी"।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q3. पुलिस स्टेशन को हिंदी में क्या कहते हैं(Police)</b></h3><p>ANS: पुलिस स्टेशन को हिंदी में "थाना" कहा जाता है। यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "पुलिस का स्थान"। थाना एक ऐसी जगह है जहाँ पुलिसकर्मी रहते हैं, काम करते हैं, और अपराधियों को रखते हैं।</p><p>इसके अलावा, कुछ लोग "पुलिस स्टेशन" शब्द का हिंदी में इस्तेमाल करते हैं। यह एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका इस्तेमाल भारत में आमतौर पर किया जाता है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q4. बैंक को हिंदी में क्या कहते हैं(Bank)</b></h3><p>Ans: बैंक को हिंदी में "बैंक" या "अधिकोष" कहा जाता है। "बैंक" एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका इस्तेमाल भारत में आमतौर पर किया जाता है। "अधिकोष" एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "धन का भंडार"।</p><p>"बैंक" शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है, जबकि "अधिकोष" शब्द का इस्तेमाल कम ही किया जाता है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q5. एंबुलेंस को हिंदी में क्या कहते हैं(Ambulance)</b></h3><p>ANS: एंबुलेंस को हिंदी में "रोगी वाहन" या "अस्पताल वाहन" कहा जाता है। यह एक वाहन है जिसका उपयोग मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता है, विशेष रूप से आपात स्थिति में। एंबुलेंस में आमतौर पर चिकित्सा उपकरण और कर्मचारी होते हैं जो मरीजों को मदद कर सकते हैं।</p><p>अंग्रेजी शब्द "ambulance" लैटिन शब्द "ambulare" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "चलना"।</p><p>एंबुलेंस का नाम गाड़ी के पीछे वाले हिस्से पर उल्टा लिखा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पीछे से आ रहे वाहन के चालक को एंबुलेंस का नाम और अन्य संकेत आसानी से दिखाई दे सकें।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q6. मोबाइल को हिंदी में क्या कहते हैं(Mobile)</b></h3><p>ANS: मोबाइल को हिंदी में "चलंत दूरभाष यंत्र" कहा जाता है। यह एक उपकरण है जिसका उपयोग आवाज और डेटा संचार के लिए किया जाता है। मोबाइल फोन को आमतौर पर मोबाइल या सेल फोन भी कहा जाता है।</p><p>"चलंत दूरभाष यंत्र" एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "जो चलता है और दूरभाष यंत्र है"। यह मोबाइल फोन के मूल कार्यों को दर्शाता है, जो आवाज और डेटा संचार के लिए है, और यह कि मोबाइल फोन को आसानी से ले जाया जा सकता है।</p><p>हालांकि, हिंदी में आमतौर पर "मोबाइल" शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका इस्तेमाल भारत में आमतौर पर किया जाता है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q7. कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं(Computer)</b></h3><p>Ans: कंप्यूटर को हिंदी में "संगणक" कहा जाता है। यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "गणना करने वाला"। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसका उपयोग डेटा को संसाधित करने, प्रोग्राम चलाने और सूचना उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।</p><p>"संगणक" शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है, जबकि "कंप्यूटर" शब्द का इस्तेमाल भी किया जाता है। यह एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका इस्तेमाल भारत में आमतौर पर किया जाता है।</p><p>कंप्यूटर के कई प्रकार हैं, जिनमें डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप कंप्यूटर, टैबलेट कंप्यूटर और स्मार्टफोन शामिल हैं।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q8. लैपटॉप को हिंदी में क्या कहते हैं(Laptop)</b></h3><p>Ans. लैपटॉप को हिंदी में "सुवाह्य संगणक" या "नोटबुक" कहा जाता है। यह एक व्यक्तिगत संगणक है जिसकी डिज़ाइन में इस बात का ध्यान रखा गया है कि इसे अपने साथ लाना-लेजाना आसान हो और जिसे गोद में रखकर काम किया जा सके।</p><p>"सुवाह्य संगणक" एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "जो आसानी से ले जाया जा सकता है"। "नोटबुक" एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका इस्तेमाल भारत में आमतौर पर किया जाता है।</p><p>लैपटॉप में आमतौर पर इनपुट के लिए एक कीबोर्ड और एक माउस होता है, और आउटपुट के लिए एक स्क्रीन होती है। लैपटॉप में आमतौर पर एक बैटरी होती है, जिससे इसे बिना पावर आउटलेट के भी इस्तेमाल किया जा सकता है।</p><p>लैपटॉप का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है, जिनमें कार्यालय कार्य, शिक्षा, मनोरंजन और संचार शामिल हैं।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q11.माउस को हिंदी में क्या कहते हैं(Mouse)</b></h3><p>Ans: माउस को हिंदी में "माउस" या "पॉइंटिंग डिवाइस" कहा जाता है। यह एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। माउस को एक हाथ से पकड़ा जाता है और इसे धीरे-धीरे या तेजी से आगे और पीछे, ऊपर और नीचे घुमाया जा सकता है। यह गतिविधियां कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को समान गति से आगे और पीछे, ऊपर और नीचे ले जाती हैं। माउस का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है, जिनमें फाइलों और प्रोग्रामों को खोलना, आइटम्स को चुनना और ड्रैग करना, और वस्तुओं को दबाना शामिल हैं।</p><p>लैपटॉप में, माउस को अक्सर टचपैड द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है, जो एक छोटा सा पैनल होता है जिसे स्क्रीन के नीचे रखा जाता है। टचपैड का उपयोग माउस की तरह ही किया जा सकता है, लेकिन इसे हाथ की उंगलियों से छुआ जाता है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q12.कीबोर्ड को हिंदी में क्या कहते हैं (Keyboard)</b></h3><p>Ans: कीबोर्ड को हिंदी में "कुञ्जीपटल" कहा जाता है। यह एक इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग कंप्यूटर में पाठ और अन्य डेटा दर्ज करने के लिए किया जाता है। कीबोर्ड में एक शीर्ष लाइन होती है जिसमें अक्षर, संख्या और अन्य प्रतीक होते हैं। कीबोर्ड में एक निचली लाइन भी होती है जिसमें फ़ंक्शन कुंजी, नियंत्रण कुंजी और अन्य कुंजी होती हैं।</p><p>कीबोर्ड का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है, जिनमें टाइपिंग, फ़ाइलों और प्रोग्रामों को खोलना, आइटम्स को चुनना और ड्रैग करना, और वस्तुओं को दबाना शामिल हैं।</p><p>कुछ अन्य हिंदी शब्द हैं जो कीबोर्ड के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जैसे:</p><p>टाइपिंग मशीन</p><p>कुंजी पट्टी</p><p>कुंजी बोर्ड</p><p>कीबोर्ड</p><p>हालांकि, "कुञ्जीपटल" शब्द सबसे आम है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q13. बुलेट ट्रेन को हिंदी में क्या कहते हैं(bullet Train)</b></h3><p>Ans: बुलेट ट्रेन को हिंदी में "उच्च गति वाली ट्रेन" कहा जाता है। यह एक प्रकार की रेलगाड़ी है जो बहुत तेज गति से चलती है, आमतौर पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक। बुलेट ट्रेनों का उपयोग लंबी दूरी की यात्रा के लिए किया जाता है, और वे पारंपरिक रेलगाड़ियों की तुलना में अधिक कुशल और तेज़ होती हैं।</p><p>अंग्रेजी शब्द "bullet train" 1964 में जापान में विकसित पहली उच्च गति वाली ट्रेन के नाम पर रखा गया था। जापानी में, बुलेट ट्रेन को "शीनकानसेन" कहा जाता है, जिसका अर्थ है "नया मुख्य लाइन"।</p><p>भारत में, बुलेट ट्रेन के लिए "उच्च गति वाली ट्रेन" शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, कुछ लोग "बुलेट ट्रेन" शब्द का भी इस्तेमाल करते हैं, जो जापानी शब्द "शीनकानसेन" से लिया गया है।</p><p>यहां कुछ अन्य हिंदी शब्द दिए गए हैं जो बुलेट ट्रेन के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं:</p><p>द्रुतगामी रेल</p><p>शीर्ष गति वाली रेल</p><p>सुपर रेल</p><p>हालांकि, "उच्च गति वाली ट्रेन" शब्द सबसे आम है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q14. प्लेटफार्म को हिंदी में क्या कहते हैं(Platform)</b></h3><p>Ans: प्लेटफार्म को हिंदी में कई नामों से जाना जाता है। सबसे आम शब्द "चबूतरा" है। इसके अलावा, "प्लेटफार्म", "रेलवे प्लेटफार्म", "लौहपथगामिनी विराम बिंदु", और "लौहपथगामिनी विश्राम स्थल" जैसे शब्द भी इस्तेमाल किए जाते हैं।</p><p>"चबूतरा" शब्द का इस्तेमाल सबसे आम है, और इसे आम तौर पर किसी भी प्रकार के चबूतरे के लिए इस्तेमाल किया जाता है, चाहे वह रेलवे प्लेटफार्म हो या कोई अन्य। "प्लेटफार्म" शब्द का इस्तेमाल भी अक्सर किया जाता है, और यह अंग्रेजी शब्द "platform" का अनुवाद है। "रेलवे प्लेटफार्म" और "लौहपथगामिनी विराम बिंदु" शब्दों का इस्तेमाल विशेष रूप से रेलवे प्लेटफार्मों के लिए किया जाता है। "लौहपथगामिनी विश्राम स्थल" शब्द का इस्तेमाल रेलवे प्लेटफार्मों के लिए एक अधिक औपचारिक शब्द है।</p><p>यहां कुछ अन्य हिंदी शब्द दिए गए हैं जो प्लेटफार्म के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं:</p><p>मंच</p><p>स्थल</p><p>आधार</p><p>आधार</p><p>अवसर</p><p>हालांकि, "चबूतरा" शब्द सबसे आम है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q15. क्रिकेट को हिंदी में क्या कहते हैं(Cricket)</b></h3><p>Ans क्रिकेट को हिंदी में "क्रिकेट" ही कहा जाता है। यह एक अंग्रेजी शब्द है, और इसे हिंदी में भी बिना किसी बदलाव के इस्तेमाल किया जाता है।</p><p>हालांकि, कुछ लोग "झींगुर" और "बल्ला" शब्दों का इस्तेमाल करके क्रिकेट के खेल को "झींगुर बल्ला" भी कहते हैं। यह एक अधिक स्थानीयकृत नाम है, और इसे आमतौर पर बच्चों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।</p><p>क्रिकेट एक लोकप्रिय खेल है, और इसे भारत में बहुत पसंद किया जाता है। भारत में, क्रिकेट के कई खिलाड़ी हैं जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q16. फुटबॉल को हिंदी में क्या कहते हैं(football)</b></h3><p>Ans: फुटबॉल को हिंदी में "फुटबॉल" ही कहा जाता है। यह एक अंग्रेजी शब्द है, और इसे हिंदी में भी बिना किसी बदलाव के इस्तेमाल किया जाता है।</p><p>हालांकि, कुछ लोग "पैर से खेलने वाली गेंद" शब्दों का इस्तेमाल करके फुटबॉल के खेल को "पैर से खेलने वाली गेंद" भी कहते हैं। यह एक अधिक स्थानीयकृत नाम है, और इसे आमतौर पर बच्चों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।</p><p>फुटबॉल एक लोकप्रिय खेल है, और इसे दुनिया भर में बहुत पसंद किया जाता है। भारत में, फुटबॉल के कई खिलाड़ी हैं जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।</p><p>कुछ लोग "सॉकर" शब्द का इस्तेमाल भी करते हैं, जो अंग्रेजी शब्द "association football" का संक्षिप्त रूप है। हालांकि, यह शब्द भारत में उतना आम नहीं है जितना कि "फुटबॉल" शब्द है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;"><b>Q17. हॉकी को हिंदी में क्या कहते हैं(Hockey)</b></h3><p>Ans: हॉकी को हिंदी में "जेष्ठिक्रिडा" कहा जाता है। यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "बड़े खेल"। यह नाम इस तथ्य को दर्शाता है कि हॉकी एक टीम खेल है जिसमें 11 खिलाड़ी शामिल होते हैं, जो एक बर्फ या मैदान पर एक छोटी गोल गेंद को एक लाठी (स्टिक) से हिलाकर लक्ष्य तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं।</p><p>हॉकी को हिंदी में "हॉकी" भी कहा जाता है, जो एक अंग्रेजी शब्द है। हालांकि, "जेष्ठिक्रिडा" शब्द अधिक पारंपरिक है और इसे अक्सर अधिक औपचारिक संदर्भों में इस्तेमाल किया जाता है।</p><p>हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, और इसे भारत में बहुत पसंद किया जाता है। भारत में, हॉकी के कई खिलाड़ी हैं जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;">Q18. बैडमिंटन को हिंदी में क्या कहते हैं(Badminton)</h3><p>Ans: बैडमिंटन को हिंदी में "बैडमिंटन" ही कहा जाता है। यह एक अंग्रेजी शब्द है, और इसे हिंदी में भी बिना किसी बदलाव के इस्तेमाल किया जाता है।</p><p>हालांकि, कुछ लोग "चिड़िया-बल्ला" शब्दों का इस्तेमाल करके बैडमिंटन के खेल को "चिड़िया-बल्ला" भी कहते हैं। यह एक अधिक स्थानीयकृत नाम है, और इसे आमतौर पर बच्चों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। यह नाम इस तथ्य पर आधारित है कि बैडमिंटन में एक शटलकॉक का इस्तेमाल किया जाता है, जो चिड़िया के पंखों से बना होता है।</p><p>बैडमिंटन एक लोकप्रिय खेल है, और इसे भारत में बहुत पसंद किया जाता है। भारत में, बैडमिंटन के कई खिलाड़ी हैं जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।</p><p>कुछ लोग "पंखी" शब्द का इस्तेमाल भी करते हैं, जो बैडमिंटन में इस्तेमाल किए जाने वाले शटलकॉक का एक और नाम है। हालांकि, यह शब्द उतना आम नहीं है जितना कि "बैडमिंटन" शब्द है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;">Q19. बास्केटबॉल को हिंदी में क्या कहते हैं(Basket Ball ko hindi me kya kehte hai)</h3><p>Ans: बास्केटबॉल को हिंदी में "बास्केटबॉल" ही कहा जाता है। यह एक अंग्रेजी शब्द है, और इसे हिंदी में भी बिना किसी बदलाव के इस्तेमाल किया जाता है।</p><p>हालांकि, कुछ लोग "टोकरी गेंद" शब्दों का इस्तेमाल करके बास्केटबॉल के खेल को "टोकरी गेंद" भी कहते हैं। यह एक अधिक स्थानीयकृत नाम है, और इसे आमतौर पर बच्चों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। यह नाम इस तथ्य पर आधारित है कि बास्केटबॉल में एक टोकरी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें गेंद को डालकर अंक बनाए जाते हैं।</p><p>बास्केटबॉल एक लोकप्रिय खेल है, और इसे भारत में बहुत पसंद किया जाता है। भारत में, बास्केटबॉल के कई खिलाड़ी हैं जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।</p><p>कुछ लोग "टोकरी" शब्द का इस्तेमाल भी करते हैं, जो बास्केटबॉल में इस्तेमाल किए जाने वाले टोकरी का एक और नाम है। हालांकि, यह शब्द उतना आम नहीं है जितना कि "बास्केटबॉल" शब्द है।</p><p>इसलिए, बास्केटबॉल का हिंदी में सही अनुवाद "बास्केटबॉल" है।</p><p><br /></p><h3 style="text-align: left;">Q20. डीजल को हिंदी में क्या कहते हैं(diesel ko hindi mein kya kahate hain)</h3><p>Ans: हिंदी में, डीजल को "डीजल" ही कहा जाता है। यह एक अंग्रेजी शब्द है, और इसे हिंदी में भी बिना किसी बदलाव के इस्तेमाल किया जाता है।</p><p>हालांकि, कुछ लोग "शिलातैल" शब्द का इस्तेमाल भी करते हैं। यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "पत्थर का तेल"। यह नाम इस तथ्य को दर्शाता है कि डीजल एक प्रकार का पेट्रोलियम उत्पाद है जो चट्टानों से निकाला जाता है।</p><p>कुछ लोग "ध्रुव स्वर्ण" शब्द का इस्तेमाल भी करते हैं। यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "ध्रुव का स्वर्ण"। यह नाम इस तथ्य को दर्शाता है कि डीजल का रंग पीला या सुनहरा होता है।</p><p>इन दो शब्दों का इस्तेमाल कम आम है, और आमतौर पर केवल अधिक औपचारिक संदर्भों में इस्तेमाल किया जाता है। </p>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-34813685502843535352023-09-28T12:58:00.000+05:302023-09-28T12:58:11.648+05:30ब्लॉग क्या होता है- Blog kya hota hai <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">हम इस article/post के माध्यम से आपको बताएँगे की- ब्लॉग क्या है। ब्लॉग कहते किसे है। ब्लॉग क्या होता है ? लोग ब्लॉग क्यों बनते है? लोग blogging क्यों करते है ? ब्लॉग से हमें फ़ायदा क्या ? इन सब सवालों के जवाब पाने के लिए इस post को पढ़िए, इसमें आपको पूरी जानकारी देने की हमारी पूरी कोसिस रहेगी।<br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://4.bp.blogspot.com/-SnLVPSmmbps/WZlhyc0i-zI/AAAAAAAAFSI/tWwMPGewH14bB6c7BP-F3GiEZldpZUfzgCLcBGAs/s1600/What%2BIs%2BBlog%2B%25281%2529.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="blog kya hota hai" border="0" data-original-height="315" data-original-width="560" src="https://4.bp.blogspot.com/-SnLVPSmmbps/WZlhyc0i-zI/AAAAAAAAFSI/tWwMPGewH14bB6c7BP-F3GiEZldpZUfzgCLcBGAs/s1600/What%2BIs%2BBlog%2B%25281%2529.jpg" title="blog kya hota hai" /></a></div><h2 style="text-align: left;">ब्लॉग क्या होता है ? ब्लॉग किसे कहते है ?</h2><div>Blog एक ऐसी जगह है जहाँ पर हर रोज, हर घंटे कुछ-न-कुछ नया सिखने को मिलता है, वहाँ हर रोज़, हर घंटे नये-नये Post Updates होते रहते है। ब्लॉग एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइट) होते हैं जिन्हें दैनन्दिनी (डायरी) की तरह लिखा जाता है। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। हर ब्लॉग में कुछ Article, कुछ फोटो और कुछ Video भी हो सकती हैं। <b>हिन्दी भाषा के अनुसार ब्लॉग को "चिठ्ठा"कहा जाता है</b>। '<b>चिट्ठा'</b> शब्द पहले हिन्दी चिट्ठाकार (Indian blogger) आलोक कुमार द्वारा प्रतिपादित/Found किया गया था, जो कि अब Internet पर हिन्दी दुनिया में प्रचलित हो गया है। "<b>चिठ्ठा</b>" शब्द अब Google द्वारा भी अपने शब्दकोश/Dictionary में शामिल किया जा चुका है।</div><div><br /><span style="font-family: "times new roman";"><b>Blog</b> एक अंग्रेजी शब्द है जो की <b>W</b></span><b style="font-family: "times new roman";">eblog </b><span style="font-family: "times new roman";"> शब्द का एक सूक्ष्म (Short Name) रूप है। </span><b style="font-family: "times new roman";">weblog</b><span style="font-family: "times new roman";"> नाम 1997 में </span><b style="font-family: "times new roman";">Jorn Berger</b><span style="font-family: "times new roman";"> ने दिया, जिसे आगे चलकर 1999 में </span><b style="font-family: "times new roman";">Merholz</b><span style="font-family: "times new roman";"> ने इसका short नाम रखा <b>Blog</b></span><span style="font-family: "times new roman";"> जो आज इस नाम से प्रसिद्ध है, लोग इसी नाम से जानते है, तथा यह शब्द इन्टरनेट पर प्रचलित हो गया है। </span></div><div><br />दोस्तों आपको पता ही होगा की लोग पुराने ज़माने या कुछ सालों पहले यानि लगभग 20 साल पहले, लोग Dairy, पत्रिका, अपने सुझाव या कुछ महत्वपूर्ण बातें इत्यादि, लिखा करते थे, या share किया करते थे। आज के आधुनिक युग (modern age ) में लोग इन्टरनेट पर लिखना यानि ब्लॉग लिखना पसंद करते हैं, उसे share करते है। इसी को <b>ब्लॉग</b> कहा जाता है। ब्लॉग किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। ब्लॉग लिखने वाले को ब्लॉगर (Blogger) भी कहा जाता है ओर जो काम ब्लॉग पर होता है उसे ब्लॉग्गिंग (Blogging) कहा जाता है। </div><div><h4 style="text-align: left;"><b><span face=""helvetica neue" , "arial" , "helvetica" , sans-serif">ब्लॉग्गिंग (Blogging) -</span></b></h4><div style="text-align: left;">Blog बना कर Articles लिखने ओर Blog को Maintain करने के काम को ही Blogging कहते है, Blogging एक ऐसा जरिया है जिसके द्वारा हम किसी विषय/Topic पर लिख सकते है,अपने विचार को अपने नजरियों से दुसरो के सामने रख सकते है आप जो कुछ भी जानते है वो दुसरो को भी सिखा सकते है, Blogging ज्ञान और मनोरंजन का साधन बन चूका है। ब्लोगिंग करके आप अच्छे पैसे भी कमा सकते है। Blogging से अपना नाम Internet की दुनिया में अपना पहचान भी बना सकते है। </div><h4 style="text-align: left;"><b><span face=""helvetica neue" , "arial" , "helvetica" , sans-serif">ब्लॉगर (Blogger) - </span></b></h4>ब्लॉगर वह व्यक्ति होता है, जो ब्लॉग बनाकर , अपना ज्ञान, अपने विचार और जो भी कुछ वो जानता हो, जिससे दूसरों की मदद कर सकता है लोगो तक पहुचता है , वे अपने ब्लॉग के माध्यम से, इसके लिए वे हर रोज़ लिखता है, हर वक्त लोगो को updates रखने के लिए नई-नई चीजों के खोज में लगा रहता हो, यानि की वो हर चीज़ जिसे लोग नही जानते उससे अपने ब्लॉग के जरिये से बताता है उसे <b>ब्लॉगर </b>कहते है। सीधे शब्दो में बोल सकते है जो व्यक्ति Blogging करता है, वह Blogger कहलाता है। <br /></div><div><h4 style="text-align: left;">एक ब्लॉग दिखने में कैसा होता है ?</h4><div>एक Simple Blogकी बात करी जाए तो, एक तरफ Posts List दिखाई जाती है ओर एक तरफ Sidebar में feature, ब्लॉग में post के निचे comment system होता है जिससे ब्लॉग में आने वाले readers अपने सुजाव, राय दे सके। और एक subscribe box होता है, subscribe box में readers अपने email के जरिए से आपकी ब्लॉग से नई-नई article/post के updates अपने email में पा सकता है। एक ब्लॉग को ज्यादातर एक Admin(Owner) या एक Team द्वारा चलाया जा सकता है। एक ब्लॉग में हर रोज़ नई-नई post/articles प्रकाशित (Publish) होते है। जैसे:- hindiarticles.com को ही देख लीजिये ये भी एक ब्लॉग है।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://1.bp.blogspot.com/--F8DCGrmg_k/WMqxZAoGEtI/AAAAAAAADIY/_RXbmWr9EM4I6lIWKLvSjD9MUhgcnoqRACLcB/s1600/blog%2B%25282%2529.png" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="212" src="https://1.bp.blogspot.com/--F8DCGrmg_k/WMqxZAoGEtI/AAAAAAAADIY/_RXbmWr9EM4I6lIWKLvSjD9MUhgcnoqRACLcB/s320/blog%2B%25282%2529.png" width="320" /></a></div></div><h3 style="text-align: left;"><br />ब्लॉग बनाने के फायदे - Benefits of Blogs </h3></div><div>आमतोर पर Blog बनाकर या Blogging करके हमें कोई नुकशान नहीं होता, बल्कि ब्लॉग से Benefits ही Benefits है। कुछ points यहाँ इस प्रकार दिया गया है। </div><div><ul style="text-align: left;"><li>अपनी ज्ञान को एक दुसरे से share करके यानि ब्लॉग में articles को लिखके, ब्लॉग से हम पैसे भी कमा सकते है।</li><li>इन्टरनेट की दुनिया में अपनी पहचान बना सकते है। </li><li>ब्लॉग एक ऐसा जरिया जहाँ पर आपको कुछ-न-कुछ न्यू जानकारिय मिलती रहती है। आप इसे सीखते भी है, ओर सिखाते भी है। </li><li>ब्लॉग बनाना बहुत ही आसन है, simple ब्लॉग बनाने में हमें Technical Knowledge या coding की जानकारी जरुरत नही पड़ती।</li><li>ब्लॉग एक एसा जगह है, जहाँ आप अपनी बातों को कम समय में हजारों लोगो तक पंहुचा सकते हों। </li><li>ब्लॉग किसी भी भाषा में लिखा सकते है। इसमें कोई रोक-टोक नही है। </li><li>ब्लॉग बनाने के लिए कोई Technical पढाई जरुरी नही पड़ती, ब्लॉग कोई-भी आम-व्यक्ति बना सकता है। </li><li>सबसे बड़ी बात तो यह है की Blogging करके आपका ज्ञान कम नही होता, बल्कि ज्ञान बढ़ता है। </li></ul></div><div><h3 style="text-align: left;"><br />मुफ्त में ब्लॉग कैसे बनाये- Make free blog site</h3></div><div><br /><span style="background-color: white;"><span face="sans-serif" style="color: #252525;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;">अगर आप भी अपना एक ब्लॉग बनाना चाहते है तो आप इन platform की मदद से Free Blog बना सकते है वो भी बिना किसी technical जानकारी के </span></span><span face="sans-serif" style="color: #252525;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;">ब्लॉग बनाने के कई तरीके होते है, </span></span></span></div><div><ol style="text-align: left;"><li><span face="sans-serif" style="color: #252525;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;"><b><a href="http://www.blogger.com/" target="_blank">Blogger</a> :- </b>blogger बहुत ही मसहूर (famous) platform है, blogger google का product है, इसको blogspot के नाम से भी जाना जाता है, ये पुरे विश्व में famous है, इसे use करना बहुत ही सरल है, आज कल इसी platform को लोग ज्यादा अपनाते है एक मुफ्त ब्लॉग साइट बनाने के लिए। hindiarticles.com ये भी blogger में बानी हुयी है। </span></span></li><br /><li><span face="sans-serif" style="color: #252525;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;"><b style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;"><a href="http://wordpress.com/" target="_blank">Wordpress</a> :- </b><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;">WordPress भी पुरे विश्व मसहूर है, WordPress की सेवा free भी है और paid भी। आप अगर free सेवा में ब्लॉग बनाते है तो ये भी blogger जैसा ही है लेकिन आप अगर paid सेवा use करते है तो ये blogger से बहुत ही अधिक सक्तिशाली बन जाता है। ये एक (CMS) </span><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;">content management system है । इसे इस्तेमाल करने में बहुत सरल है। </span><span style="background-color: white;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;">यह पहली बार 27 मई 2003 को इनके संस्थापक Matt Mullenweg और Mike Little द्वारा जारी किया गया था।</span></span><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;"> </span></span></span></li><br /><li><span face="sans-serif" style="color: #252525;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;"><b><a href="http://www.joomla.com/" target="_blank">Joomla</a> :- </b></span></span><span face="sans-serif" style="color: #252525;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;">Joomla एक free और open-source content management system (CMS) है। इसकी सहायता से internet पर ब्लॉग बना सकते है। इसके साथ ही यह एक "मॉडेल-विउ-कन्ट्रोलर वेब अप्लिकेशन डेवेलपमेन्ट फ्रेमवर्क" भी है। यह PHP Programming भाषा में लिखा गया है। Joomla 17 अगस्त 2005 को अस्तित्व में आया।</span></span></li><br /><li><span face="sans-serif" style="color: #252525;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;"><a href="http://www.weebly.com/" style="font-weight: bold;" target="_blank">weebly</a><b> :- </b>weebly भी एक अच्छी सेवा है, लेकिन ये एक वेब होस्टिंग सेवा है इसकी मदद से तृतीय वर्ग की वेबसाइटें बनाई जाती है, इसमें ड्रैग एण्ड ड्रॉप के वेबसाइट फीचर है। </span></span></li></ol><div><span style="color: #252525; font-size: 14px;">और भी ब्लॉग बनाने के platform है लेकिन हमने इनमे से कुछ ही के नाम को आपके सामने रखा है।ये बहुत ही मसहूर platform है। आप भी अपने ब्लॉग इन platform में बना सकते है, हम जल्द ही ब्लॉगर.कॉम पे एक पोस्ट लिखेंगे की ब्लॉग कैसे बनाया जाता है। </span></div></div><div><br /><span face="sans-serif" style="color: #252525;"><span style="font-size: 14px; line-height: 22.4px;">तो दोस्तों आशा करता हूँ,</span></span><span face="sans-serif" style="color: #252525; font-size: 14px; line-height: 22.4px;"> की आपको पता चल गया होगा की</span><b style="color: #252525; font-family: sans-serif; font-size: 14px; line-height: 22.4px;"> ब्लॉग क्या होता है? what is blog ?</b><span face="sans-serif" style="color: #252525; font-size: 14px; line-height: 22.4px;"> दोस्तों इस post को ज्यादा-से-ज्यादा अपने साथियो से share करे ओर हमारे साथ जुड़े रहिए, नये post पाने के लिए email से subscribe करिए, और अपने सुझाव देने के लिए comment कीजिये। धन्यवाद।</span></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-51140782496361960012023-09-28T12:43:00.000+05:302023-09-28T12:43:15.824+05:30कम सिबिल स्कोर के साथ भी व्यक्तिगत ऋण पाने के लिए युक्तियाँ/सुझाव [CIBIL Score improve tips]<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><br /><b>CIBIL SCORE :</b> आपका क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (CIBIL) स्कोर एक तीन अंकों वाला नंबर है जो पूरी तरह से आपका क्रेडिट इतिहास है। यह स्कोर 300 से 900 तक होता है, जहां वित्तीय मामलों में 750 से ऊपर का स्कोर आपको योग्य बनाता है। आपका स्कोर जितना अधिक होगा, लोन देने वाले आपको और भी ज्यादा जिम्मेदार मानेंगे। यह उन्हें दिखाता है कि आप समय पर लोन चुका सकते हैं।<br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://4.bp.blogspot.com/-Z_IsScxajIg/W0eYNpt_2FI/AAAAAAAAIWk/yw73uf28MV812-02Ovjs8z0oGhYHh1NEgCLcBGAs/s1600/credit-score.png" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="CIBIL Score, personal loan, loan, CIBIL score kam kare" border="0" data-original-height="400" data-original-width="620" src="https://4.bp.blogspot.com/-Z_IsScxajIg/W0eYNpt_2FI/AAAAAAAAIWk/yw73uf28MV812-02Ovjs8z0oGhYHh1NEgCLcBGAs/s1600/credit-score.png" title="कम सिबिल स्कोर(CIBIL SCORE) के साथ भी व्यक्तिगत ऋण पाने के लिए युक्तियाँ/सुझाव" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">Image: google | how to improve cibil score</td></tr></tbody></table><br />जब <a href="https://www.bajajfinserv.in/hindi/personal-loan" rel="nofollow" target="_blank">व्यक्तिगत ऋण</a> की बात आती है, तो आपका CIBIL स्कोर और भी महत्वपूर्ण होता है। यह लोन देने वालों की नज़रों में आपकी विश्वसनीयता और विश्वास बनाता है। यह कहना सही नहीं है कि आपको कम CIBIL स्कोर के साथ पर्सनल लोन नहीं मिल सकता है। उधार देने वाले आपके आवेदन को अनुमोदित तो कर सकते हैं, मगर चूंकि आप एक जोखिम वाले व्यक्ति हो सकते हैं तो आपसे ब्याज अधिक लेंगे।<br /><br />तो, तुरंत ही एप्रूवल लें और बेहद मामूली दरों पर पर्सनल लोन लें, यहां वे तरीके हैं जिनमें आप अपना CIBIL स्कोर सुधार सकते हैं।<h3 style="text-align: left;">समय पर ईएमआई(EMI) भुगतान करें</h3>अगर हम ईएमआई समय पर नहीं देते हैं या देर से देते हैं तो यह भी आपके सिबिल स्कोर पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। ईएमआई भुगतान की मिसिंग डेडलाइन के साथ भी यही होता है। तो, ईएमआई हमेशा समय पर दें और उसके लिए एक रिमाइंडर लगा लें। आप अपने बैंक के साथ एक ऑटो-डिडक्शन भी कर सकते हैं या ईएमआई भुगतान के लिए एक अलग नकद शेष रख सकते हैं। इस तरह, आप की न तो कोई डेडलाइन ही मिस होगी और न ही आपको यह चिंता होगी कि आपके पास जरूरी पैसा नहीं है, यही दो बातें हैं जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकती हैं।<h4 style="text-align: left;">जितनी जल्दी हो सके लोन चुकादें।</h4>यदि आप समय के साथ लोन की समय सीमा बढ़ाते जाते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नकारात्मक रूप से दिखाना शुरू कर देता है। इसलिए, लोन को बकाया रखने के बजाय इसे बोनस या निवेश से मिलने वाली आय के प्रयोग से चुकाने की कोशिश करें। जल्दी पुनर्भुगतान आपको क्रेडिट स्कोर को बढ़ावा देगा।<h4 style="text-align: left;">एक स्थिर आय पोर्टफोलियो बनाएँ।</h4>एक सुरक्षित नौकरी आपको आश्वस्त करती है कि आपके पास ईएमआई का भुगतान करने के लिए जरूरी माध्यम है। यह आपके क्रेडिट स्कोर में बदल जाएगा। इसके अलावा, निवेश के माध्यम से आय के अन्य स्रोतों और / या किराये की संपत्ति से आय देखें। इससे लोन चुकाया दे सकता है।<h4 style="text-align: left;">समय पर कर चुकाएं</h4>यदि आप नियमित रूप से कर देते हैं तो यह आपके क्रेडिट स्कोर में जोड़ा जाएगा। आपकी बचत और संपत्ति के लिए आपकी आय और व्यय के लिए एकाउंटिंग लोन देने वालों की नज़रों में आपका मूल्य बढ़ाएगा। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आपने सभी कर समय पर चुकाए हैं और वह सारी जानकारी है जिसे आप कानूनी रूप से घोषित करने के लिए बाध्य हैं। एक बार ऐसा करने के बाद, आपका क्रेडिट स्कोर इसे सकारात्मक तरीके से प्रतिबिंबित करेगा। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है यदि आप किसी भी प्रकार का लोन ले रहे हैं। दस्तावेज दाखिल करते समय आपको पिछले कुछ वर्षों से अपनी कर रसीद जमा करनी पड़ सकती है।<br /><br />चूंकि पर्सनल लोन पैसों की अलग-अलग ज़रूरतों को पूरा करने का एक आसान और तेज़ तरीका है, इसलिए अपने सीआईबीआईएल स्कोर पर ध्यान दें। एक बार जब आप अपने सीआईबीआईएल स्कोर की जांच कर लेंगे, और यदि कम हो तो अपने स्कोर को बढ़ाने का प्रयास करें और बजाज फिनसर्व से पर्सनल लोन लें। यहां आप एक लचीली अवधि, जमानत मुक्त, सरल पात्रता और लचीले प्रीपेमेंट का आनंद ले सकते हैं। पर्सनल लोन, होमलोन, बिजनिस लोन और कई अन्य वित्तीय उत्पादों के लिए बजाज फिनसर्व प्री-एप्रूव्ड ऑफर भी देखें। न केवल यह फाइनेंसिंग की प्रक्रिया को सरल करता है बल्कि बचत के समय भी आपकी मदद करता है।</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-67418281428695303492023-09-28T12:41:00.000+05:302023-09-28T12:41:13.795+05:30Logo बनाएं सिर्फ 10 minute में!<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">दोस्तों आज मैं आपको बताऊंगा कि आप दस मिनट में logo कैसे बना सकते हैं। वैसे तो logo बनाने के कई तरीके होते हैं पर आज हम सिर्फ वही माध्यम चुनेंगे जहाँ हम मुफ्त में logo बना सकें।<br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://1.bp.blogspot.com/-_Y-c-1VIsWw/XHfPB0GNAnI/AAAAAAAAcbQ/r8AFyc8BWMIlJIsODF9R9zyWaE8797AXwCLcBGAs/s1600/Logo%2B%25E0%25A4%25AC%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%258F%25E0%25A4%2582%2B%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AB%2B10%2Bminute%2B%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%2582%2521.png" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="315" data-original-width="560" src="https://1.bp.blogspot.com/-_Y-c-1VIsWw/XHfPB0GNAnI/AAAAAAAAcbQ/r8AFyc8BWMIlJIsODF9R9zyWaE8797AXwCLcBGAs/s1600/Logo%2B%25E0%25A4%25AC%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%258F%25E0%25A4%2582%2B%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AB%2B10%2Bminute%2B%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%2582%2521.png" /></a></div><br /><span style="font-size: large;"><b>Logo बनाते समय रखें इन बातों का ख़ास ध्यान </b></span><br /><br />Logo बनाना कोई बहुत complicated काम नहीं है। ये एक कला है और आपको इसमें पारंगत में कुछ समय लग सकता है। आज मैं logo बनाते वक़्त कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखने को बताऊंगा<br /><br />1. सबसे पहली बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वो है combination. आपका logo बाकी चीज़ो से मैच होना चाहिए. अगर आपका ब्रांड color लाल है तो कोशिश करें कि आपके logo में भी लाल रंग कहीं न कहीं होना ही चाहिए। इसके अलावा ये भी ध्यान रखें के logo का रंग आपके business से match करे। जैसे कि आप देखेंगे कि Dominos या ऐसी ही किसी भी रेस्टोरेंट कंपनी के logo में लाल रंग ज़रूर होता है. तो इसी चीज़ का ध्यान आपको भी रखना होगा. उसके बाद ये ध्यान रखें कि logo आपको represent करता है, वह भी आपके business को कि अगर आप किसी art related business से ताल्लुक़ रखते हैं तो logo बना सकते हैं क्युकी आपकी audience उस तरह की है. वहीँ अगर आपका बिज़नेस बच्चों से related है तो बच्चों के अनुसार logo बनाये.<br /><br />2. इसके बाद जो बात आपको ध्यान रखनी है वह ये कि आपका logo हर जगह अच्छे से fit हो जाये. आपका logo ना सिर्फ आपकी वेबसाइट पर जायेगा बल्कि आपके सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर, visiting cards पर, यहाँ तक कि banners और hoardings पर भी जायेगा. तो आपको पहली बार में ही ऐसा logo design करना होगा जो हर बैकग्राउंड में अच्छे से render कर पाए. चाहे वो डार्क बैकग्राउंड हो, चाहे लाइट, आपका logo stand out करना ही चाहिए. तभी लोग आपके logo को notice कर पाएंगे।<br /><br /> 3. सादगी-सादगी में अदभुत शक्ति होती हैं और यही बात logo पर भी लागू होती है. एक simple logo आसानी से नजर में आ जाता है. For example, Google का logo बिलकुल simple है. कोई लाग लपेट नहीं, बस कुछ रंग, एक सादा सा font और Google का logo तैयार. ऐसा ही सादा सा logo आप भी बना सकते हैं.<br /><br /><b>Logo बनाने के लिए ऐसा जरूरी नहीं है आपको Photoshop जैसे complicated software की जानकारी हो. यहाँ मैं दो बहुत ही आसान और मुफ्त tools के बारे में बता रहा हूँ<br /></b><br />1. पहले tool का नाम है hatchful ये tool, shopify ने बनाया है जो कि एक ecommerce platform है। Hatchful से logo बनाने के लिए आप hatchful.shopify.com पर जाएं और अपनी requirements डाल दें। बस फिर बाकी details पर click करें और पसंद का logo select कर लें.<br /><br />2. Hatchful जैसे ही एक और tool है जिसे हम Canva Logo tool कहते हैं। इसमें आप logo बनाते समय अपने पसंद के हिसाब से font या color बदल सकते हैं। Canva पर logo बनाने के लिए आप सबसे पहले इस <a href="https://www.canva.com/en_in/create/logos/">लिंक पर क्लिक करें</a>। जैसे ही आप इस लिंक पर click करेंगे आपको बहुत सारे readymade logo templates दिख जायेंगे। इन templates की सबसे अच्छी बात ये हैं कि आप designs को जैसे चाहे अपने taste के हिसाब से बदल सकते हैं.<br /><br />तो दोस्तों, ये थी मेरी कुछ tips जो आपको बड़ी ही आसानी से एक अच्छा सा लोगो बनाने में मदद करेंगी. लेकिन अगर फिर भी आपको कोई doubt हो या कोई help चाहिए हो तो comments के माध्यम से हमसे ज़रूर share करें. हम आपकी मदद ज़रूर करेंगे.</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-81984718204753942172023-09-28T12:40:00.001+05:302023-09-28T12:40:55.483+05:30ब्लॉग के लिए ideas और Topics कैसे खोजें ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><h2 style="text-align: left;"><span style="font-weight: normal;">ब्लॉग के लिए Ideas और Topics कैसे खोजें- How To Find Blog Topics or Ideas ?</span></h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://3.bp.blogspot.com/-BAdqajXD1Ow/WNf8op7AXvI/AAAAAAAADOw/pa5vi0ko6_gmByGTATOxWONNTtsnU-nYgCLcB/s1600/how%2Bto%2Bfind%2Bblog%2Bideas.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="How to find blog topics or Ideas" border="0" src="https://3.bp.blogspot.com/-BAdqajXD1Ow/WNf8op7AXvI/AAAAAAAADOw/pa5vi0ko6_gmByGTATOxWONNTtsnU-nYgCLcB/s1600/how%2Bto%2Bfind%2Bblog%2Bideas.jpg" title="How to find blog topics or Ideas" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;">Use Mind Mapping Method </div><div><div><br />हेल्लो दोस्तों अज हम आपको कुछ Blogging Tips देंगे, की आप अपने ब्लॉग के लिए Idea और Topic कैसे खोजें और उसपर कम कैसे करे उसे Analyse कैसे करे .</div><div><br />Idea खोजने के लिए जरुरी नहीं की आप कुछ Study करें, Idea आपके आस पास ही होते है, सिर्फ हम ही, उसे नजर अंदाज करते है। </div><div><br />चलिए देखते है, ब्लॉग का Topic कैसे खोजें(Find/Research) करे और किसे टारगेट(Target) करें ?</div><div><br />सबसे पहले आप एक वाइट पेपर(blank paper) लीजिये और उसके सेंटर में “<b>ब्लॉग</b>“ लिखिए ,</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><br />इसे क्या होगा, की आप अनपे Idea पर फोकस(Focus) कर सकेंगे, आपका सोचने का स्कोप(Scope) हर तरफ फ़ैल जाता है। ब्लॉग सोचते ही सारे Thought उसके आस पास लिखेगे जैसे Tree की branches होते है। वैसे और लिखते जाओ ये मत सोचिए की आप सहीं लिख रहे हो या गलत, आप कोई भी ब्लॉग को देख के आपके Mind में जो भी बाते आएँगी उसे आप लिखते जाये. ब्लॉग सोचते ही मेरे Mind में आया की मेरे ब्लॉग का “ टारगेट “ क्या है ?</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><b>1 ) Targets Audience :-</b></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><br />अब आप सोच सकते है की आपके ब्लॉग की टारगेट लोग कोण है ?</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://4.bp.blogspot.com/-KaclqucXzjM/V7cuvHnoa-I/AAAAAAAACXs/6AJThSe0M6oXM63RGHe9MR-lAbKlak2WwCLcB/s1600/idea.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="How to find blog topics or Ideas" border="0" height="225" src="https://4.bp.blogspot.com/-KaclqucXzjM/V7cuvHnoa-I/AAAAAAAACXs/6AJThSe0M6oXM63RGHe9MR-lAbKlak2WwCLcB/s320/idea.jpg" title="How to find blog topics or Ideas" width="320" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><ol><li style="text-align: left;"><b>youth :</b> अगर आप youth के लिए ब्लॉग बना रहे हो, तो youth की पसंद के फोकस करना पड़ेगा उने क्या पसंद है ओर क्या नहीं example:- अगर आप youth के लिए ब्लॉग बना रहे हो तो उनके लिए Fashion (clothes, make-Up,) Relationship, Technology, Study Jobs-(<a href="http://www.naukripoints.com/">www.naukripoints.com</a>) etc. topic आप चुन (chose) कर सकते है.</li><br /><li style="text-align: left;"><b>mid-Aged :- </b>और mid Aged के लिए आप Health tips, या Saving tips etc.. इन पर भी आप ब्लॉग बना सकते है। ब्लॉग topic के लिए। </li><br /><li style="text-align: left;"><b>Kids :- </b> kids के लिए आप game, toy, etc.. topic से related ब्लॉग बना सकते है</li></ol><div style="text-align: left;"><b>2 ) How to make blog - कैसे बनेगा ब्लॉग ?</b></div></div><div><div><br /><b>how सोचते ही mind में कई सवाल आतें है</b>। जैसे :-</div><div><br />Domain :- , Hosting: - आप paid domain और Hosting लेके भी ब्लॉग बना सकते है। और इसके लिए आप godady, bigrock, जैसी बड़ी कंपनीसे डोमेन ले सकते है| और Hosting के लिए आप hosdtingger , hosting raaja जैसी बड़ी कम्पनी से भी ले सकते है। ध्यान रहे की डोमेन और होस्टिंग हमेशा बड़ी कंम्पनी का ही लें,</div><div><br />WordPress, या blogger ये कुछ ऐसे प्लेटफार्म है जहा पर आप फ्री में आपनाब्लॉग या वेबसाईट बना कर होस्ट कर सकते है। इनके बारे में हम बहुत ही जल्द एक article लिखने का प्रयास करेंगे। </div><div><br /><b>3 ) Promotion :- </b> ब्लॉग को promote कैसे करे इस के लिए आप सोशल मिडिया का use करे सकते है, जैसे फेसबुक आप फेसबुक पर फेन पेज बना सकते है। जिसके मदत से आप के ब्लॉग पर ट्रैफिक आएगा आपकी पोस्ट लोगो तक पहुच जाएगी।</div><div><br />इसके साथ आप ट्विटर,इन्स्ताल्ग्राम, etc.. प्लाटफार्म भी उसे कर सकते है, प्रमोशन के लिए.</div><div><br /><b>4) Research :- </b>सबसे important बात ये है की Research कहा से करे ब्लॉग के लिए उसके लिए आप बुक पद सकते है , या फिर किसी से पूछताछ करे discus करे या किसी वेबसाइट से आर्टिकल पड़े और उने अपने idea से Innovate करे। </div><div><br /><b>5)Income :- </b>ये बहुत ही Important बात है की कोई ब्लॉगर बिना फायदे के ब्लॉग नही बनाएंगे। तो इनकों income कहा से आएगा। कुछ निचे टिप्स है:-</div><div><ul style="text-align: left;"><li> Advertisement से आप अपने ब्लॉग से income क्र सकते है। कुछ famous कंपनी :- Google absence, info link, media.net etc.. के advertisement लगा कर बहुतसारा पैसा कमा सकते है। </li><br /><li>Referral : आप अपने ब्लॉग से referral प्रोग्राम के जरिये भी पैसा कमा सकते है जैसे snap deal , Amazon, ये कुछ कंपनी अपने प्रोडक्ट को आपके ब्लॉग पर Referral करने के बाद आप को कुछ % देती है। </li><br /><li> Direct Promotion : आप किसी का प्रोडक्ट या साईट को भी promote करके पैसे कमा सकते है। </li></ul><div>स्टार्ट :- </div><br /><div style="text-align: left;"><span style="font-weight: normal;">जब आपका ब्लॉग का topic सेलेक्ट हो जाये तो आप ब्लॉग के लिए एक </span></div><div><ol style="text-align: left;"><li><b>Name</b> आपके ब्लॉग के लिए एक नाम सोचे डोमेन नाम जो आपके ब्लॉग के कांटेंट के हिसाब से ही हो तो अच्छा होगा जैसे आप अगर techonology पर ब्लॉग बना रहे हो, तो नाम भी वैसा ही तो वो SEO के लिए अच्छा होगा। </li><br /><li><b>LOGO</b> एक logo भी बनाये। logo इस बनाये जो दिखने में अच्छा लगे। logo यानि brand का sing .</li><br /><li><b>Budget</b> आप का Budget आप अपना फिनासिअल budget तय करे की ब्लॉग बनाने का खर्चा कितना होगा या फ्री वासे हम ने इस पोस्ट में पेड और फ्री ब्लॉग के बारे में discus लिया है .</li><br /><li><b>Post</b> इसमें आप ब्लॉग के पोस्ट के structure के बारे में सोचे जैसे की आपके पोस्ट में क्या होगा। जैसे :- comment , social share button, Image, Text, etc. </li><br /></ol></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-9TvDKwlqBV0/V7cyrXO1-PI/AAAAAAAACX8/WhKKzGiKJwwTqvWAj0QAWbsib2l2oDnKACLcB/s1600/full.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="How to find blog topics or Ideas" border="0" height="352" src="https://1.bp.blogspot.com/-9TvDKwlqBV0/V7cyrXO1-PI/AAAAAAAACX8/WhKKzGiKJwwTqvWAj0QAWbsib2l2oDnKACLcB/s640/full.jpg" title="How to find blog topics or Ideas" width="640" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;">जब आपका mind माप बनजाये तो इसे एक बार आप देखे और अपनी idea के हिसाब से इसमें चेंज करे इस तरह आप ब्लॉग या कोई भी idea / topic सेलेक्ट कर उसपर कम कर सकते है</div><div class="separator" style="clear: both; text-align: left;"><br />दोस्तों<b> mind Mapping</b> एक बहुत ही अच्छा तरीका है, idea खोजने का इससे आप के दिमाग के सरे though पेपर पर लिखकर उसमे से बेटर option पर काम कर सकते है </div></div></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-33609610473531638662023-09-28T12:40:00.000+05:302023-09-28T12:40:29.123+05:30केशवदास [Keshavdas Biography ]<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div align="center" class="MsoNormal" style="text-align: center;"><br /><b><span face=""utsaah" , sans-serif" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"> </span><u><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;">जीवन परिचय</span></u></b></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://4.bp.blogspot.com/-0TA-KITMb74/VxPNC3H6MsI/AAAAAAAABeA/miotjVOUyAknz-_3Bp0IWOb_qHRaI4hFQCLcB/s1600/200px-Keshavdas.jpg" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" src="https://4.bp.blogspot.com/-0TA-KITMb74/VxPNC3H6MsI/AAAAAAAABeA/miotjVOUyAknz-_3Bp0IWOb_qHRaI4hFQCLcB/s1600/200px-Keshavdas.jpg" /></a></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>जन्म-परिचय</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">केशवदास का जन्म 1555 में बेतवा नदी के तटपर स्तिथ ओड़छा नगर में हुआ, माना जाता है | ओड़छापति महाराज इन्द्रजीत सिंह उनके मुख्या आस्र्येदाता थे जिन्होंने 21 गाँव उनके भेट में दिया</span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">था |</span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">उन्हें वीर सिंह देव का आत्रय भी मिला था | वे सहित्य और संगीत, धर्मशास्त्र और ज्योतिष, राजनीतिक और वेधक सब विषयों के गंभीर अद्येता थे | केसवदास की काव्य रचना में उनके तीन रूप दिखाई पड़ते है (आचार्य, माहाकवि और इतिहासकार ) |</span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;"><br /></span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>सहित्यिक विशेषताए</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">आचार्य का आसन ग्रहण करने पर केसवदास को संस्कृत की शास्त्रीय पध्दति को हिन्दी को रूपांतरित करने की चिंता हुई जो जीवन के आखिर तक बनी रही | आचार्य ने ही हिन्दी में संस्कृत की परम्परा की व्यवस्थापूर्वक स्थापना की थी | </span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;"><br /></span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">उनके द्वारा</span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"> </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">पहले भुई रीती ग्रन्थ लिखे गए पर व्यवास्था और सर्वागपूर्ण ग्रन्थ-सबसे पहले उन्होंने प्रस्तुत किए |</span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;"><br /></span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>निधन:</b>- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">उनकी मृत्यु सन् 1617 ई. में हुई |</span></div><div class="MsoNormal"><br /><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>प्रमुख रचनाए:-</b> </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">उनकी प्रमुख प्रमाणिक रचनाएँ है: कवि प्रिया, रसिक प्रिया, रामचंद्रिका, वीर चरित्र, वीर सिंह देव चरित्र, जहागीर जस्चंद्रिका,विज्ञान गीता आदि | ‘रतनबावनी’ का रचनाकाल आज्ञात है किन्तु उसे उनकी सबसे पहली रचना मानाजाता हैं |</span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b><br /></b></span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>भाषाशैली</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">केसव की काव्य भाषा तो ब्रज हैं | बुन्देल निवासी होने के </span><span style="font-size: 20pt;">कारण उनकी रचना में बुन्देली के शब्दों का सटीक प्रयोग भी मिला है, और संस्कृत का </span><span style="font-size: 20pt;">प्रभाव है ही |</span></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-11270176073026662262023-09-06T20:55:00.000+05:302023-09-06T20:55:26.635+05:30भाई दूज पर लेख और निबंध bhai Duj par nibandh <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><br />भाद्र द्वितीय कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला पर्व भाई दूज है ।जो हिंदू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीय भी कहते हैं। भाई दूध दीपावली के तीसरे दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है जो भाई के प्रति बहन जे स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहने अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती है।<br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-VIrSvc9Zu1M/W5gQcg1quiI/AAAAAAAAIuU/dAVAwn6we-8vpLy8VbY4SGN4oA7j36O2QCLcBGAs/s1600/%25E0%25A4%25B6%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25AD-%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B9%25E0%25A5%2582%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4.png" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" data-original-height="600" data-original-width="800" height="300" src="https://1.bp.blogspot.com/-VIrSvc9Zu1M/W5gQcg1quiI/AAAAAAAAIuU/dAVAwn6we-8vpLy8VbY4SGN4oA7j36O2QCLcBGAs/s400/%25E0%25A4%25B6%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25AD-%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B9%25E0%25A5%2582%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A4.png" width="400" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">भाई दूज। यम द्वितीया। लेख। निबंध </td></tr></tbody></table><br /><div style="text-align: justify;"><b style="text-align: left;">भाई दूज मनाने का मुहूर्त</b></div><br />हमारे हिंदू धर्म में हर त्यौहार को मनाने का एक मुहूर्त होता है वैसे ही भाई दूज को मनाने का भी एक मुहूर्त होता है भाई दूज <b>कार्तिक माह</b> के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक करके मनाया जाता है।<br /><br /><b>भाई दूज की पूजा की सामग्री</b><br /><br />भाई को तिलक करने से पहले बहने कुछ आवश्यक सामग्रियों का इस्तेमाल करती है जो कि इस प्रकार है।<br /><br />(१) आरती की थाली<br /><br />(२) तिलक के लिए कुमकुम चावल<br /><br />(३) नारियल ,(सूखा गोला ,खोपरा)<br /><br />(४) मिठाई<br /><br />(५) सर ढकने के लिए रुमाल या स्वच्छ कपड़ा<br /><br />(६)बैठने के लिए आसन ,पटिया<br /><br /><b>भाईदूज की पौराणिक कथा अनुसार</b><br /><br />कार्तिक शुक्ल की द्वितीय तिथि को पूर्व काल में यमुना ने यमराज को अपने घर पर सत्कार पूर्वक भोजन कराया था उस दिन नरक का जीवन जी रहे जीवो को इस यातना से छुटकारा मिला था और वह पाप मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गए और सभी अपनी इच्छा अनुसार संतोष पूर्वक रहते थे।<br /><br />उन सब ने मिलकर एक महान उत्सव मनाया जो की यम लोक के लिए हम सुख और खुशी पोहचने वाला था इसलिए ये तिथी तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से प्रख्यात हुई , जिस तिथि के दिन यमुना ने यम को अपने घर बुलाकर भोजन कराया था उसी तिथि के दिन जो मनुष्य अपनी बहनों के हाथों से अच्छा भोजन करता है उसे पौराणिक मान्यता के अनुसार उत्तम भोजन सहित धन की प्राप्ति होती है।<br /><br /><b>भाई दूज की रोचक कथा अनुसार</b><br /><br />एक बूढ़ी औरत के साथ बैठे थे और एक बेटी थी बेटों पर सर्प की कुदृष्टि थी जैसे ही उसके बेटे की शादी में का सातवा फेरा होता साँप उसे डस लेता है इस प्रकार बुढ़िया के छह बेटे मर गए इस डर से उसने सातवें बेटे की शादी नहीं करी लेकिन बहन ने देखा लेकिन बहन से यह सब देखा नहीं जा रहा था तो वह एक ज्योतिषी के पास गयी ज्योतिषी ने उससे कहा तेरे भाइयों पर सर्प की कुदृष्टि है अगर तू उसकी सारी बलाये अपने ऊपर लेले तो उसकी जान बच सकती है तो उसने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया वह जोर-जोर से चिल्लाने व सबसे लड़ने लगती थी उसके बाद सभी लोग इस वजह से उसकी सब बातें मानने लगे थे।<br /><br />जब उसके भाई की शादी का वक्त आया और उसके जीजा जी उसके भाई को सेहरा बांधने लगे तोवह चिल्लाने लगी सहरा पहले में बाँधूँगी तो सहरा उसे बांध दिया सहरा में साँप था तो उसने उसे फेंक दिया जब उसके भाई का घोड़े पर बैठने का समय आया तो वो फिर चिल्लाने लगी कि मैं घोड़े पर बैठूंगी इस प्रकार उसे फिर घोड़े ओर बैठा दिया जिस पर साँप था ,उसने उसे भी फेक दिया इस प्रकार स्वागत के समय भी यही हुआ ।<br /><br />अब जब शादी शुरू हुई तो सांपों का राजा उसे ढसने आया तब बहन ने उसे एक टोकरी में बंद कर दिया फेरे होने लगे तब नागिन बहन के पास आई और बोली मेरे पति को छोड़ दे तब बहन बोली पहले मेरा भाई से अपनी कुद्रष्टि हटा नागिन ने ऐसा ही किया, इस प्रकार उसने अपने आप को बुरा बना कर ना केवलबअपने भाई की रक्षा ही नहीं बल्कि उसके प्राण भी बचाए।<br /><br /><b>भाई दूज की मान्यता</b><br /><br />भाई दूज को लेकर हमारे देश में यह मान्यता प्रचलित है कि इस दिन बहनें भाई को प्रेम पूर्वक तिलक कराती हैं उन्हें प्यार से भोजन कराती है और भगवान से उनकी लंबी आयु की कामना करती है क्योंकि इस दिन यमुना जी ने भी अपने भाई यमराज से वचन लिया था उसके अनुसार भाई दूज मनाने से यमराज के भय से मुक्ति मिलती है और भाई-बहन में प्रेम के साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।<br /><br /><b>भाई दूज के कई अन्य नाम भी है </b><br /><br />भाई दूज को भारत में विभिन्न स्थान में विभिन्न नामों से पुकारा जाता है (गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक )में इसे भाऊबीज कहते है (नेपाल) में भाई तिलक कहते हैं( बंगाल) में ईसे भरात्रु द्वितीया, भाऊबीज, भाई फोटा, और (मणिपुर) में निंनगोल, चोकुवा, नाम से पुकारते हैं। इस प्रकार हमारे देश भारत में भाई दूज को कई अन्य नाम से भी पुकारा जाता है ।<br /><br /><b>उपसंहार</b><br /><br />बचपन से ही भाई का बहन का एक दूसरे के प्रति ध्यान और प्रेम की भावना झलकती है ,और इसी प्रेम को दर्शाने के लिए यह त्योहार बने है। भाई दूज होली और दीपावली दोनों ही समय आती है दोनों में ही बहन का केवल प्रेम और स्नेह ही झलकता है भाई बहन अपनी सभी लड़ाई-झगड़ों को भुलाकर बहने भाई को तिलक करती है। बहने अपने भाई के माथे पर तिलक करके उनकी खुशहाली और लंबी आयु की कामना करती है हमारे देश भारत में प्रेम और स्नेह को दिखाने वाले इतने सुंदर ओर प्यारे त्योहार है जो शायद ही कही होंगे।</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-64943159832178772262023-09-06T20:46:00.006+05:302023-09-06T20:46:54.547+05:30कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में Is Garmi me khud ko kaise rakhe thanda <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div align="center" class="MsoNormal" style="text-align: center;"><h2><span style="font-weight: normal;">कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में- </span>(How to Stay Cool During the Summer)</h2></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://2.bp.blogspot.com/-ooHnLmMLeKY/V1qEOtAkzSI/AAAAAAAAB5g/rUV1vkBTJI8QB4b_dqYTx_OQSxliTV9JACLcB/s1600/jalzira.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="258" src="https://2.bp.blogspot.com/-ooHnLmMLeKY/V1qEOtAkzSI/AAAAAAAAB5g/rUV1vkBTJI8QB4b_dqYTx_OQSxliTV9JACLcB/s320/jalzira.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal"><div style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;">दोस्तों अब वो गर्मी आ चुकी है जो कर सकती है, आपको 24 घंटे परेशान. हमेशा शारीर से पसीना निकलना, कही भी चैन न मिलना, गर्मी के वजह से दिन भर मुड ख़राब रहना और भी तरह तरह की दिक्कते </span></div></div><div class="MsoNormal"><br /><div style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><span style="font-family: mangal, serif;">ऐसे भीसंड गर्मी से हम दिला सकते है आपको राहत, जी हा हमारी</span><span style="color: #cc0000;"><span style="font-family: mangal, serif;"> </span><b><a href="https://hindi-essay.com/" target="_blank">Hindi Esasy Team </a></b></span></span><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;">की टीम ने ढूंड ढूंड कर कुछ ऐसे तरीके निकले है जिससे आप पा सकते है इस गर्मी से राहत और रख सकते है खुद को ठंडा. तो आइये देखते है क्या-क्या तरीका हमें अपनाने चाहिएँ है |</span></div></div><div class="MsoNormal"><h3 style="text-align: left;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;">गर्मी में खुद को ठंडा रखने के तरीके:-</span></h3></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://4.bp.blogspot.com/-AolkJ77qU3E/V1qFqR8pyxI/AAAAAAAAB5w/V85gKO4EAUYah_frrlNxB2-vPK5evOiSACLcB/s1600/onion.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="212" src="https://4.bp.blogspot.com/-AolkJ77qU3E/V1qFqR8pyxI/AAAAAAAAB5w/V85gKO4EAUYah_frrlNxB2-vPK5evOiSACLcB/s320/onion.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal"><div style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>प्याज:</b> गर्मी में प्याज का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है. प्याज को जीरे क साथ भुन कर खाए, इससे शारीर का तापमान नार्मल हो जाता है. </span></div></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-NbizY9Mq02I/V1qGe04XKtI/AAAAAAAAB58/hrMiXc5VA-g_0PeUCXVf1qrtGGuQGzn_QCLcB/s1600/jaljira.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="213" src="https://3.bp.blogspot.com/-NbizY9Mq02I/V1qGe04XKtI/AAAAAAAAB58/hrMiXc5VA-g_0PeUCXVf1qrtGGuQGzn_QCLcB/s320/jaljira.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><div class="MsoNormal"><div style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>जलजीरा</b> : गर्मी में जलजीरा का सेवन करने से पित्त की बीमारी दूर होती है और पेट में ठंडक मिलती है.</span><o:p></o:p></div></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://4.bp.blogspot.com/-OnZtxK0CWn8/V1qGvYawrbI/AAAAAAAAB6I/vcjsRHxfOjISmAHLOJKU1MyGeL0v2z8WwCLcB/s1600/dhaniya.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="239" src="https://4.bp.blogspot.com/-OnZtxK0CWn8/V1qGvYawrbI/AAAAAAAAB6I/vcjsRHxfOjISmAHLOJKU1MyGeL0v2z8WwCLcB/s320/dhaniya.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal"><div style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>धनिया</b> : धनिये को पानी में भिगो कर अच्छे से मसल ले और उसे छान कर उसमे थोड़ी शक्कर मिला ले. इस पानी से गर्मी में रहत मिलती है.</span></div></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://4.bp.blogspot.com/-rpnzZdp6rS4/V1qG5EBCVBI/AAAAAAAAB6U/JK9sn7ZijaQHnJH1_uxsSHkqQpJf8UqOgCLcB/s1600/water.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="180" src="https://4.bp.blogspot.com/-rpnzZdp6rS4/V1qG5EBCVBI/AAAAAAAAB6U/JK9sn7ZijaQHnJH1_uxsSHkqQpJf8UqOgCLcB/s320/water.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>पानी :</b> जादा गर्मी की वजह से बार बार गला सूखने लगता है और शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है, इसलिए थोड़ी थोड़ी देर में पानी पिए. सदा पानी स्किन को फ्रेश रखता है. जादा थकन होने पर<br />अपने मुह पर पानी के छीटे मरे, इससे अप्प फ्रेश महसूस करेंगे. </span></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-X3Y9-HNQj2Q/V1qHV5iEtFI/AAAAAAAAB6g/kOx5OmTMVcg7MFv0fgbq9gbfCgHw5gGkACLcB/s1600/bell.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="240" src="https://3.bp.blogspot.com/-X3Y9-HNQj2Q/V1qHV5iEtFI/AAAAAAAAB6g/kOx5OmTMVcg7MFv0fgbq9gbfCgHw5gGkACLcB/s320/bell.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>बेल का शरबत:</b> बेल का शरबत गर्मी में बहुत बढ़िया होता है. ये पुरे शारीर को ठंडा रखता है और वजन भी कम करता है. </span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://3.bp.blogspot.com/-l3cH0DZX7k0/V1qHei2vKyI/AAAAAAAAB6s/uH9V6SovRjgRvuuTMkungnjgx8hkMs2ugCLcB/s1600/imli.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="209" src="https://3.bp.blogspot.com/-l3cH0DZX7k0/V1qHei2vKyI/AAAAAAAAB6s/uH9V6SovRjgRvuuTMkungnjgx8hkMs2ugCLcB/s320/imli.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>इमली :</b> इमली के बीजो को पीस कर उसे पानी में घोल कर किसी कपडे से छान ले. इमली की इस पानी में थोडा शक्कर मिला कर पिए, गर्मी से आराम मिलेगा. </span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-ekyuW9KK6a8/V1qHn_n02VI/AAAAAAAAB60/YlYHQ-_g1Z46LxBk0gyFNvQy3faVf_XCACLcB/s1600/milk1.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="180" src="https://3.bp.blogspot.com/-ekyuW9KK6a8/V1qHn_n02VI/AAAAAAAAB60/YlYHQ-_g1Z46LxBk0gyFNvQy3faVf_XCACLcB/s320/milk1.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>दूध : </b>दूध में काली मिर्च पीस कर उसे अपने शरीर पर लगाए, इससे शारीर की गर्मी कम हो जाती है.</span></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-zfBowOZqQi4/V1qHwwH8wII/AAAAAAAAB7A/XkDzvYns8bUXygxFHzVJAeXE9c5eqHBUQCLcB/s1600/khida.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="181" src="https://3.bp.blogspot.com/-zfBowOZqQi4/V1qHwwH8wII/AAAAAAAAB7A/XkDzvYns8bUXygxFHzVJAeXE9c5eqHBUQCLcB/s320/khida.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>खीरा :</b> गर्मी में खीर किसी मास्चुराइजिंग क्रीम से कम नहीं होता है. खीर की जूस को चेहरे पर लगाने से चेहरे<br />पर ठंडक महसूस होती है.</span></div><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><br /></span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://1.bp.blogspot.com/-2hgtjlUNlb8/V1qH5kXZwHI/AAAAAAAAB7M/2KU0brQpkK4TvQ3T6VU8yQk0KCLnk5ELACLcB/s1600/sattu.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="195" src="https://1.bp.blogspot.com/-2hgtjlUNlb8/V1qH5kXZwHI/AAAAAAAAB7M/2KU0brQpkK4TvQ3T6VU8yQk0KCLnk5ELACLcB/s320/sattu.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>मुल्तानी मिटटी:</b> धुप से आने की कुछ घंटो बाद मुल्तानी मिटटी और चन्दन पाउडर फेस पर लगाने से चेहरे को ठंडक मिलती है. </span></div><div class="MsoNormal"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><br /></span></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://4.bp.blogspot.com/-ynToGB6GXcE/V1qIF9u0ytI/AAAAAAAAB7k/FWITBQ5GKcAmf7GyELsdVjYBdz18Xm7gQCLcB/s1600/capsul.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="239" src="https://4.bp.blogspot.com/-ynToGB6GXcE/V1qIF9u0ytI/AAAAAAAAB7k/FWITBQ5GKcAmf7GyELsdVjYBdz18Xm7gQCLcB/s320/capsul.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>विटामिन</b>: गर्मियों के मौसम में ऐसे फ्रूट्स और हरी सब्जिय खाए जिसमे विटामिन </span>A<span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"> और </span>C<span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"> भरपूर मात्रा में हो जैसे की काले अंगूर, आम, नीम्बू, संतरे. आप इनका जूस बना कर भी पि सकते है </span></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://1.bp.blogspot.com/-Vfmzvxlm3Q4/V1qIWLwxdaI/AAAAAAAAB7w/mdsX0V0V0LgtQAjQhzeMssnnP8MIe_UFACLcB/s1600/pudina.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="200" src="https://1.bp.blogspot.com/-Vfmzvxlm3Q4/V1qIWLwxdaI/AAAAAAAAB7w/mdsX0V0V0LgtQAjQhzeMssnnP8MIe_UFACLcB/s320/pudina.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>पुदीना:</b> पुदीना एक नेचुरल पपेर्मिंत है जो गर्मी से निजात पाने के लिए बहुत उपयोगी है. पुदीना बुखार, पेट<br />में जलन, लू और गैस की समस्या को भी दूर रखता है.</span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://1.bp.blogspot.com/-a134pwMCbck/V1qIdZWZ92I/AAAAAAAAB78/tE7s7pKD9ZAxdtTIYyNOJ1ruE9_3OXsVACLcB/s1600/milk.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="176" src="https://1.bp.blogspot.com/-a134pwMCbck/V1qIdZWZ92I/AAAAAAAAB78/tE7s7pKD9ZAxdtTIYyNOJ1ruE9_3OXsVACLcB/s320/milk.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>लस्सी </b>: गर्मी के मौसम में दही खाना और लस्सी पीना पेट के लिए बहुत अच्चा होता है. छाछ में थोडा जीरा और कला नमक डाल क्र पिए. गर्मी से बचने के लिए ठंडाई भी पि सकते है.</span></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://1.bp.blogspot.com/-7bOTM_eEIyg/V1qIlthOYcI/AAAAAAAAB8I/J-07JS306IwSREOSOyWeJ8rL_CO2JcG2wCLcB/s1600/coconut.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="213" src="https://1.bp.blogspot.com/-7bOTM_eEIyg/V1qIlthOYcI/AAAAAAAAB8I/J-07JS306IwSREOSOyWeJ8rL_CO2JcG2wCLcB/s320/coconut.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>नारियल पानी:</b> नारिया में काफी पोषक तत्व होते है गर्मी में लू से बचने की लिए नारियल पानी पिए और नारियल खाए.</span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://4.bp.blogspot.com/-RafFyGH26Iw/V1qIuXeSyRI/AAAAAAAAB8Y/OKUiIxVKqVs-DHVjFbUuAsRywd-pJVeKACLcB/s1600/jucie.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="214" src="https://4.bp.blogspot.com/-RafFyGH26Iw/V1qIuXeSyRI/AAAAAAAAB8Y/OKUiIxVKqVs-DHVjFbUuAsRywd-pJVeKACLcB/s320/jucie.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>नीम्बू पानी: </b>नेम्बू में विटामिन </span>C <span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;">भरपूर मात्रा में होता है. गर्मी से निजात पाने के लिए नीबू की शिकंजी बना कर<br />पिए.</span></div><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><br /></span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-4-fjseXXKtg/V1qI3SOlJKI/AAAAAAAAB8o/h6Q_AqQUXskYdRomuOczwNJRp1S2fImPgCLcB/s1600/appel.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="186" src="https://1.bp.blogspot.com/-4-fjseXXKtg/V1qI3SOlJKI/AAAAAAAAB8o/h6Q_AqQUXskYdRomuOczwNJRp1S2fImPgCLcB/s320/appel.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>फ्रूट जूस: </b>गर्मी में ताजे फलो का रस पीने से भी आराम मिलता है. स्ट्रॉबेरी, पपीता, संतरा, अंगूर का जूस जादा<br />पिए. ये जूस हेअलथी होने के साथ साथ बॉडी को अन्दर से ठंडा रखते है.</span></div><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-_MN7zRsCIrc/V1qJjiy8eHI/AAAAAAAAB9Q/ZBUn6HuktV8h_fP_eloOH9gFQl4Th0JJgCLcB/s1600/pepsi.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="158" src="https://3.bp.blogspot.com/-_MN7zRsCIrc/V1qJjiy8eHI/AAAAAAAAB9Q/ZBUn6HuktV8h_fP_eloOH9gFQl4Th0JJgCLcB/s320/pepsi.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>एनर्जी ड्रिंक:</b> गर्मी में लू लगने पर शारीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे डिहाइड्रेशन होने लगती है. इसका<br />उपाय करने के लिए पानी में ग्लूकोस या इलेक्ट्रोलाइट साल्ट या फिर कोई एनर्जी ड्रिंक में </span>3<span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"> से </span>4<span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"> बार पिए.</span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-9NfOWPD2rbo/V1qKI2ZhCBI/AAAAAAAAB94/D4e0gnQddYgtVXffW68FS3Iu2RxaFXrEwCLcB/s1600/%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25B5.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." border="0" height="213" src="https://3.bp.blogspot.com/-9NfOWPD2rbo/V1qKI2ZhCBI/AAAAAAAAB94/D4e0gnQddYgtVXffW68FS3Iu2RxaFXrEwCLcB/s320/%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25A4%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25B5.jpg" title="कैसे रखे खुद को ठंडा इस गर्मी में." width="320" /></a></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: justify;"><br /><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b>गुलाब की पत्तिया</b>: गुलाब की पत्तियों को पानी में भिगो कर उस पानी से चेहरा धोने से गर्मी में स्किन सॉफ्ट<br />रहती है.<br /><br /></span></div><div class="MsoNormal" style="text-align: center;"><span lang="HI" style="font-family: "mangal" , "serif"; mso-ascii-font-family: Calibri; mso-ascii-theme-font: minor-latin; mso-bidi-font-family: Mangal; mso-bidi-language: HI; mso-bidi-theme-font: minor-bidi; mso-hansi-font-family: Calibri; mso-hansi-theme-font: minor-latin;"><b><span style="color: #3d85c6;">अगर आप भी अपना Guest post करना चाहते है, तो हमें </span><a href="http://www.hindiarticles.com/p/contact-us.html" target="_blank"><span style="color: #cc0000;">contact</span></a><span style="color: #3d85c6;"> करें ॥</span></b></span></div><br /><div class="MsoNormal" style="text-align: center;"><br /><span style="color: #3d85c6; font-family: "mangal" , serif;"><b>ये post आपको कैसा लगा, इसी तरह के ढेर सरे Article पाने के लिए हमारे website को subscribe करे, और इस Articles को ज्यादा-से-ज्यादा share करें ।</b></span></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-24540329161951627172023-09-06T20:32:00.000+05:302023-09-06T20:32:33.009+05:30GST tax में शामिल राज्य सरकार के कर <h2 style="text-align: center;">GST में शामिल राज्य सरकार के कर </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjKrNBJ2lSYV58AoSoxDjMVEptvtk687VrJ_Z1bEfBfWezcDXe1tbI_Bd5ZzVPs0NdqhCuLHgo-PkGjzUwgr3oRVMDnKcZy_8vmh2AbxAD7052619is_si6FXd9DMWNBq8ia4DFA6dJQ8iaTvJEihl6eeOzoqaLIVQEhlor7EjQWghVf7WMMj80rnlRKLc5/s700/gst%20tax%20me%20rajgya%20sarkar%20ka%20tax.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="400" data-original-width="700" height="183" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjKrNBJ2lSYV58AoSoxDjMVEptvtk687VrJ_Z1bEfBfWezcDXe1tbI_Bd5ZzVPs0NdqhCuLHgo-PkGjzUwgr3oRVMDnKcZy_8vmh2AbxAD7052619is_si6FXd9DMWNBq8ia4DFA6dJQ8iaTvJEihl6eeOzoqaLIVQEhlor7EjQWghVf7WMMj80rnlRKLc5/s320/gst%20tax%20me%20rajgya%20sarkar%20ka%20tax.jpg" width="320" /></a></div><br /><div><br /></div><div>GST लागू होने पर राज्य के जिन अप्रत्यक्ष करो को हटाया गया हे वो इस प्रकार हे:-</div><div><br /></div><div><br /></div><div>राज्य सरकार के अप्रत्यक्ष कर :-</div><div>1. <b>राज्यीय वेट ( State Vat )</b> जिन राज्यों में वेट लागु हे उन राज्य में वस्तुओ के क्रय विक्रय पर लगने वाले टैक्स को (Value added Tax) राज्यीय वेट कहते हे | यह कर प्रत्येक स्तर पर विक्रय बड़ने वाले मूल्य पर लागत हे इसलिए इसे (Value added Tax) कहते हे | इस से सरकार को ज्यादा राजस्व भी प्राप्त होता हे |</div><div><br /></div><div>2. <b>विक्रय कर ( Sales Tax )</b> जिन राज्यों में वेट लागु नहीं हे उन राज्यों में वस्तुओ के विक्रय पर (Sales tax) लगता हे जिसे विक्रय कर भी कहते हे | इस कर की गणना वैट के नियमो से अलग होती हे तथा इसमें रिफंड के प्रावधान भी वेट से अलग होते | हर राज्य पर निर्भर करता हे की वो अपने राजस्व को देखकर ही वेट या विक्रय कर को लागु करे ये अधिकार केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए हे | कियोकी हर राज्य की आर्थिक और भोगोलिक स्थिति अलग होती हे</div><div><br /></div><div>3. <b>मनोरंजन कर ( Entertainment Tax )</b> यह कर सभी प्रकार के मनोरंजन और उनके माध्यमओ लगाया जाता हे जेसे फिल्म, टॉकीज, पीवीआर, मल्टीप्लेक्स, फनक्लब, गेमिंग, पार्क, आदि।</div><div><br /></div><div>4. <b>प्रवेश शुल्क ( Entry Tax )</b> जब कोई भी वस्तु किसी भी ट्रांसपोर्ट के माध्यम से एक राज्य से दुसरे राज्य की सीमा में प्रवेश करती तब यह कर लगाया जाता हे | इस कर की दर अधिकतर राज्यों में 1% हे |</div><div><br /></div><div>5. <b>लाटरी कर ( Lottery Tax )</b> यह कर सभी प्रकार की इनामी योजना एवं और लाटरी पर लगाया जाता हे |</div><div><br /></div><div>6. <b>विलासिता कर ( Luxury Tax )</b> यहाँ कर सभी प्रकार की विलासिता की वस्तुओ और सेवाओ पर लगाया जाता हे |</div><div><br /></div><div>7. <b>क्रय कर ( Purchase Tax )</b> जिन राज्यों (VAT) वेट लागु नही हे | उन राज्यों में वस्तुओ के क्रय पर लगने वाले कर को (Purchase Tax) या क्रय कर भी कहते हे | इस कर की दर हर राज्य के हिसाब से अलग अलग होती हे और वस्तुओ एवं सेवाओ की मांग के आधार पर होती हे | इस कर की गणना वैट के नियमो से अलग होती हे तथा इसमें रिफंड के प्रावधान भी वेट से अलग होते | हर राज्य पर निर्भर करता हे की वो अपने राजस्व को देखकर ही वेट या क्रय कर को लागु करे ये अधिकार केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए हे | कियोकी हर राज्य की आर्थिक और भोगोलिक स्थिति अलग होती हे</div><div><br /></div><div>8. <b>विज्ञापन कर ( Advertisement Tax ) </b>यह कर सभी प्रकार की वस्तुओ और सेवाओ के विज्ञापन पर लगाया जा</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-44540965800744682452023-09-06T20:24:00.000+05:302023-09-06T20:24:06.981+05:30निवेश योजना और मार्गदर्शन के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><b>लोग निवेश क्यों करते हैं?</b> शायद उन्हें वित्तीय सुरक्षा की जरूरत है। वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? यह भविष्य में वित्तीय स्थिरता रखने के लिए लंबे समय तक पैसे बचाने और निवेश करना है। अधिकांश लोगों की सामान्य सोच के अनुसार, यदि आपको अधिक धन की आवश्यकता है तो आपको और अधिक काम करने की आवश्यकता है। लेकिन क्या आपके पास पैसे का आनंद लेने के लिए समय नहीं है? आपके लिए हर बार काम करने के लिए आपके पास क्लोन नहीं हो सकता है, इसलिए धन का विस्तार आपके कामकाजी घंटों का विस्तार होता है। निवेश आपके पैसे को आपके लिए काम करना है, अपनी कमाई क्षमता को अधिकतम करना भारत में सर्वोत्तम निवेश विकल्पों के बारे में अधिक जानने के लिए।<br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://3.bp.blogspot.com/-Nzr167atmvI/XAqccHpCFaI/AAAAAAAAI-8/Z_w-EsCnL1UqKJ4UNo12TzfraIsPctbzwCLcBGAs/s1600/investment%2Bplanning.jpg" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="investment planning" border="0" data-original-height="420" data-original-width="630" src="https://3.bp.blogspot.com/-Nzr167atmvI/XAqccHpCFaI/AAAAAAAAI-8/Z_w-EsCnL1UqKJ4UNo12TzfraIsPctbzwCLcBGAs/s1600/investment%2Bplanning.jpg" title="investment planning" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">investment planning </td></tr></tbody></table><h2 style="text-align: left;">निवेश योजना और मार्गदर्शन के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए</h2><div><div>आजकल, निवेश पैसे बचाने के लिए नहीं बल्कि आय उत्पन्न करने के साधनों के रूप में देखा जाता है। आपकी बचत को बढ़ाने के बहुत से तरीके हैं जैसे कि स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉज़िट, बांड और भी बहुत कुछ।</div><div><br /></div><div>स्टॉक और इक्विटी जैसे निवेश विकल्प आपको उतार-चढ़ाव वाले स्टॉक इंडेक्स और बाजार की अस्थिरता से जुड़े उच्च जोखिमों के बावजूद अधिक रिटर्न अर्जित करने में सक्षम करते हैं। हालांकि प्रत्येक निवेश विकल्प के साथ कुछ जोखिम जुड़ा होता है, पर जोखिम का स्तर प्रत्येक निवेशक के लिए अलग होता है।</div><div><br />कुछ निवेशक संभावित रूप से अधिक रिटर्न के बदले में अधिक जोखिम ले सकते हैं, जबकि अन्य निवेशक कम जोखिम वाले स्थिर निवेश की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। कम जोखिम के साथ जाने वाले निवेशक पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड, बांड, लिक्विड फंड, या फिक्स्ड डिपॉज़िट में निवेश कर सकते हैं।</div><div><br />सही निवेश चुनते समय, अपने निवेश के लक्ष्य पर विचार करने के लिए पर्याप्त समय समर्पित करना, वह अवधि जिसके लिए आप निवेश करना चाहते है उसके बारें में जानना और जिस रिटर्न की आप उम्मीद कर रहे हैं उसकी दर के बारें में सोचना यह सभी महत्वपूर्ण है। प्रभावी ढंग से निवेश करने और अपने निवेश से अधिक लाभ उठाने के लिए, एक स्मार्ट निवेश रणनीति होना महत्वपूर्ण है। यहाँ एक स्मार्ट निवेश रणनीति बनाने का एक संक्षिप्त तरीका दिया गया है।</div></div><div><h3 style="text-align: left;">निवेश रणनीति की रिसर्च करें</h3></div><div>सभी उपलब्ध निवेश विकल्पों की मार्केट रिसर्च करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। विभिन्न<a href="https://www.bajajfinserv.in/hindi/complete-guide-investing" rel="nofollow" target="_blank"> निवेश योजनाओं</a> और प्रस्तावों की समझ प्राप्त करें जो विभिन्न बैंक और एनएफबीसी (गैर-वित्तीय बैंक कंपनियां) प्रदान करती हैं। असल में, सभी मौजूदा निवेश योजनाओं को जानने और समझने की सलाह दी जाती है ताकि आप एक सोचा-समझा निर्णय ले सकें। यह आपको विभिन्न निवेशों पर उपलब्ध मौजूदा रुझानों और ऑफ़र के बारें में और इनसे होने वाले लाभों के बारें में बताता है। आप प्रत्येक योजना के विभिन्न पहलुओं पर रिसर्च कर सकते हैं जैसे कि:</div><div><ul style="text-align: left;"><li> आप कहां निवेश कर रहे है और स्कीम की आवेदन प्रक्रिया क्या है?</li><br /><li> प्रत्येक स्कीम (बैंक या एनबीएफसी) के लिए सबसे अच्छी योजना कौन प्रदान करता है?</li><br /><li>निवेश के लिए न्यूनतम कितनी राशि की आवश्यकता है?</li><br /><li>रिटर्न की दरें क्या हैं?</li><br /><li>क्या निवेश बाजार की अस्थिरता से प्रभावित होगा ? यदि हां तो कितना?</li><br /><li>दीर्घकालिक लाभ की संभावनाएं क्या है?</li></ul><div><h3 style="text-align: left;">जोखिम सहनशीलता(टॉलरेंस) और दीर्घकालिक निवेश</h3></div></div><div>उच्च जोखिम निवेश तब किया जाता है जब उसको करने का लक्ष्य धन को बढ़ाना होता है। जोखिम भरे निवेश वह हैं जो बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं यानी बाजार के पतन के दौरान भारी नुकसान भी हो सकता है। इन निवेशों को आपकी जोखिम सहनशीलता क्षमता के अनुसार किया जाना चाहिए। आपकी उम्र के आधार पर, निवेश के लिए आपका लक्ष्य और बाजार में उतार-चढ़ाव से निपटने के आपके दृष्टिकोण से आपकी जोखिम सहनशीलता क्षमता निर्धारित की जा सकती है। यदि आपकी निवेश योजना बाजार जोखिमों को बर्दाश्त नहीं कर सकती है, तो आप <a href="https://www.bajajfinserv.in/hindi/what-is-fixed-deposit" rel="nofollow" target="_blank">सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉज़िट)</a> जैसे बिना जोखिम वाले निवेश में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। बजाज फाइनेंस 9 .10% रिटर्न के साथ उच्च एफडी ब्याज दरें प्रदान करता है। ये दीर्घकालिक निवेश रिटर्न की गारंटी देते है जो उन्हें कम जोखिम वाला विकल्प बनाती हैं जो कि किसी भी गैर-आक्रामक निवेशक के लिए आदर्श हैं।</div><div><h3 style="text-align: left;">विविध निवेश और मूर्त संपत्ति (टेंजिबल असेट्स) आवंटन</h3></div><div><div>जब आपके पास निवेश करने के लिए बहुत अधिक पूंजी होती है, तो आप विभिन्न उद्योगों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। एक विविध पोर्टफोलियो होने से आपको उच्च रिटर्न, सुरक्षित दीर्घकालिक निवेश और प्रभावी जोखिम प्रबंधन जैसे निवेश के सभी लाभ मिल सकते हैं। अपने पोर्टफोलियो को विविधता देने के लिए आप कुछ योजनाओं जैसे स्टॉक, फंड और बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं जिनमें बाज़ारी जोखिम शामिल है। इसी प्रकार, अपने निवेश से जुड़े जोखिम स्तर को कम करने के लिए पेंशन योजनाओं, एफडी या बीमा पॉलिसी जैसी सुरक्षित निवेश योजनाओं में भी निवेश करें। अमूर्त संपत्तियों में निवेश करने के अलावा, आप अचल संपत्ति जैसी मूर्त संपत्तियों में निवेश करके भी अपने निवेश को विविधता दे सकते हैं। हालांकि, रियल एस्टेट लिक्विडिटी के मामले में बिलकुल निम्न स्थान पर है और आपके पैसे को आसानी से प्राप्त करना मुश्किल बनाता है।</div><div><br />एक उचित निवेश का निर्माण सिर्फ शुरुआत है! एक बार जब आप योजनाबद्ध निवेश निष्पादित कर लेंगे, तो आपको बाजार के प्रदर्शन और आपके निवेश पर इसके प्रभावों की निगरानी करने में सतर्क रहना होगा। आपको कानून और निवेश के नियमों के अपडेट के बारे में चौकन्ना रहने की भी आवश्यकता होती है। एक बार आपकी योजना तैयार हो जाती है तो, उसके बाद, मार्केट रिसर्च नियमित रूप से करना आवश्यक होता है। इन प्रथाओं के अतिरिक्त, आउटपुट के लिए आपके निवेश और बाजार के रुझान की निगरानी आपको अपने पैसे को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करते हैं।</div></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-60840110300128810842023-09-06T20:12:00.001+05:302023-09-06T20:12:50.841+05:30असगर वजाहत [Asghar Wajahat]<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div align="center" class="MsoNormal" style="text-align: center;"><u><b><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;">जीवन परिचय</span></b></u></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://2.bp.blogspot.com/--EE4YpzBuME/VxYen-LpNvI/AAAAAAAABfM/CORMhOfY2k81lFt4Q5b09jgJWApw5Y4-wCLcB/s1600/asgar%2Bwajahat.png" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="असगर वजाहत" border="0" height="185" src="https://2.bp.blogspot.com/--EE4YpzBuME/VxYen-LpNvI/AAAAAAAABfM/CORMhOfY2k81lFt4Q5b09jgJWApw5Y4-wCLcB/s400/asgar%2Bwajahat.png" title="असगर वजाहत" width="400" /></a></div><br /><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>जन्म</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">असगर वजाहत का जन्म सन् 1946 में फतेहपुर, उत्तर प्रदेश में </span><span style="font-size: 20pt;">हुआ | उनकी प्राम्भिक शिक्षा फतेहपुर में हुआ और उपरी स्तर की पढाई उन्होंने अलिगढ़ </span><span style="font-size: 20pt;">मुस्लिन विश्वविधालय में की | 1955-56 से ही असगर साहब ने लेखन कार्य प्रारंभ कर </span><span style="font-size: 20pt;">दिया था | प्रारंभ में उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं लेखन कार्य किया , बाद में वे </span><span style="font-size: 20pt;">दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविधालय में अद्यापन कार्य करने लगे | असगर ने कहानी, </span><span style="font-size: 20pt;">नाटक उपन्यास तथा लघु कथायें तो लिखी ही हैं | साथ ही फिल्मों और धारावाहिकों के </span><span style="font-size: 20pt;">लिए पटकथा लेखन का कार्य भी किया है |</span></div><div class="MsoNormal"><br /></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>प्रमुख रचनाएँ</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">उनकी प्रमुख रचनाए है – दिल्ली पहुचना हैं, स्वीमींग पूल और सब कहाँ कुछ, मैं हिन्द हूँ , अधि बनी (कहानी संग्रह) फिरंगी लौट आए, समिधा, वीरगति, जिस लाहौर नई देख्या और अकी (नाटक) सबसे सस्ता गोस्त (नुक्कड़ नाटक) का संग्रह तथा रात में जाने वाले, दोपहर तथा सात आसमान, कैसी आगि लगाईं (प्रमुख उपन्यास) |</span></div><div class="MsoNormal"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-Oa2ALHA5R9c/VxYe2L6gE0I/AAAAAAAABfQ/oKUxytu0ISwfQ-qyob2AS-ZpKJXH3tIEQCLcB/s1600/asgar%2Bwajahat1.jpg" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img alt="असगर वजाहत [hindiarticles.com]" border="0" height="200" src="https://3.bp.blogspot.com/-Oa2ALHA5R9c/VxYe2L6gE0I/AAAAAAAABfQ/oKUxytu0ISwfQ-qyob2AS-ZpKJXH3tIEQCLcB/s200/asgar%2Bwajahat1.jpg" title="असगर वजाहत" width="160" /></a></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>प्रमुख भाषा शैली</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">असगर वजाहत की भाषा में बहुत गाम्भीर्य, सबल भावयक्तित्व तथा व्यंग्यात्मकता है | मुहावरो तथा तद भव शब्दों का प्रयोग से उसमे सादगी एवं सहजता आ गयी हैं | वजाहत ने ‘गजल की कहानी’ वृत्त्ताचित्र का निर्देशन किया है और ‘बूँद- बूँद’ धारावाहिक का लेखन किया है |</span></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-6075409384795326112023-08-29T10:12:00.000+05:302023-08-29T10:12:44.871+05:30करियर का चुनाव संतुलन के साथ<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-P98s-bJbxBo/WTPOX5m2vhI/AAAAAAAADek/FpMz01RpjSw2mX9GudbMeBODMB7FYDCPACEw/s1600/career%2Bown%2Blife.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="करियर का चुनाव संतुलन के साथ" border="0" data-original-height="428" data-original-width="608" src="https://1.bp.blogspot.com/-P98s-bJbxBo/WTPOX5m2vhI/AAAAAAAADek/FpMz01RpjSw2mX9GudbMeBODMB7FYDCPACEw/s1600/career%2Bown%2Blife.jpg" title="करियर का चुनाव संतुलन के साथ" /></a></div><br /><h2 style="text-align: left;">करियर का चुनाव संतुलन के साथ</h2><div><div>करियर (Career ) का चुनाव सदेव मांग और क़ाबलियत के अनुसार करना चाहिए , कहने का मतलब हे की डिमांड ( Demand ) और स्किल ( Skill ) के अनुसार करना चाहिए . कभी भी माता पिता या किसी अन्य की सलाह के आधार पर करियर (Career ) का चुनाव नहीं करना चाहिए |<br /><br />दसवी और बारहवी के बाद हर विधियार्थी के सामने यही सवाल होता हे की कोन सा करियर (Career ) चुने. इसका सबसे अच्छा उपाय यहाँ हे की शांत मन से सोचे की आप को क्या अच्छा लगता हे और उस कार्य को आप अन्य लोगो से केसे बेहतर कर सकते हे , ये तो हे आप के मन और इच्छा की बात अब दूसरा तरीका हे जिस में आप सोचे की अपनी स्किल ( Skill ) के द्वारा उस काम को किस हद तक पूरा कर सकते हे |</div></div><div><div><br />इस सोच में दो और कारण हे पहला की कही उस काम को पूरा करने में आप की स्किल ( Skill ) में कोई कमी तो नहीं हे , और दूसरा वो काम आप की स्किल ( Skill ) के लायक हे या नहीं . जो आप की शिक्षा और अनुभव के आधार पर आप को पूरा सम्मान और पैसा दिला सके |</div></div><div><div><br />अब तीसरा और अंतिम तरीका हे करियर चुनने का जो काम आप करना चाहते हे , अपनी शिक्षा और अनुभव के आधार पर उस काम को लोग समझते हे या नहीं , और उस काम की उस जगह पर उचित मांग हे या नहीं, और उस काम की उचित कीमत प्राप्त होगी या नहीं |</div><div><br /></div></div><div><div> करियर का चुनाव करने से पहले इन तीनो विषयो पर सोचना आवश्यक हे , कियोकी आप की सोच कितनी अच्छी और सामाजिक हो पर आप की भी अपनी पारिवारिक जिम्मेदारिया और आवशकता हे . और हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी अलग होती हे , उस का भी आप के करियर (Career ) पर असर पड़ता हे . यदि आप किसी दुसरे शहर या राज्य में पड़ने या काम करने जा रहे हे , तो उसकी लागत को अपनी मिलने वाली सैलरी ( Salary ) और इनकम ( Income ) से जरुर मूल्यांकन करे ,फिर उस जॉब ( Job ) और शिक्षा संस्था को चुने |</div><div><br /></div></div><div><div>कियोकी हमारे देश में मेट्रो सिटी ( Metro City ) को छोड़ कर , और बड़ी कंपनीयो ( Company ) को छोड़ कर छोटी कंपनी ( Company ) या छोटे शहरो में काम के हालत सरकार के मानक के अनुसार नहीं हे . मूल सुविधो का भी आभाव हे |</div></div><div><div><br />हमारे देश में स्टूडेंट AC Class Room में पड़ते हे , और बड़े कॉलेज में जो सर्वसुविधा युक्त होते , उन में डिसिप्लिन ( Discipline ) और कई टेक्निकल ( Technical ) और प्रेक्टिकल ( Practical ) बाते बहुत अच्छे से सिखाई जाती हे . लेकिन जब हम काम करते हे तो एसा कुछ नहीं मिलता , कहने का मतलब हे की हम काम लेबर क्लास (Labour Class ) में करते हे . हमारी शिक्षा के अनुसार काम का वातावरण नहीं होता हे , और होता भी हे तो बहुत कम जगह पर सिमित दायरे में |</div></div><div><div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-6v3eFOLN8Ow/WTPM6wE80MI/AAAAAAAADeg/K4TSBIvX-5Y2dVskdGTo79heQM7f5aISQCEw/s1600/Career%2Bchoice%2Bwith%2Bbalance.jpeg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="करियर का चुनाव संतुलन के साथ" border="0" data-original-height="439" data-original-width="659" height="266" src="https://3.bp.blogspot.com/-6v3eFOLN8Ow/WTPM6wE80MI/AAAAAAAADeg/K4TSBIvX-5Y2dVskdGTo79heQM7f5aISQCEw/s400/Career%2Bchoice%2Bwith%2Bbalance.jpeg" title="करियर का चुनाव संतुलन के साथ" width="400" /></a></div><br /> जेसे हम को कॉलेज ( College ) में सॉफ्टवेर ( Software ) के बारे में बहुत कुछ बारीकिय सिखाई जाती हे , और जब हम किसी लोकल कंपनी ( Local Company ) में काम करते हे तो उन के पास लाइसेंस सॉफ्टवेर ( License Software ) तक नहीं होते हे . ऐसे कुछ रियल ( Real ) उदाहरण में आप के सामने रखता हु , इस तरहा की कंपनियों ( Company ) का चुनाव सोच समझ कर करे . और काम करना भी पड़े तो कोई एक्स्ट्रा वर्क ( Extra Work ) भी करे और अच्छी कंपनी ( Company ) काम ( Work ) को तलाश ते रहे |</div></div><div><div><br />1. जेसे सही रोड ट्रांसपोर्ट ( Road Transport ) की समस्या कई इंडस्ट्रियल एरिया ( Industrial Area ) में हे , पक्के रोड ( Road ) नहीं हे . जिस से बारिश में काफी परेशानी होती हे , कियो वाही से भरी वाहन गुजर ते हे , जिस से दुर्घटना का भी खतरा रहता हे . लेट नाईट में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ( Lat Night Public Transport ) की सुविधा नहीं होती , या पब्लिक ट्रांसपोर्ट ( Public Transport ) की ही सुविधा नहीं होती |</div><div><br /></div></div><div><div>2. साफ पानी और खाने की व्यवस्था नहीं होती , कई कंपनी ( Company ) में तो शोचालय तक की व्यवस्था नहीं होती |</div></div><div><div><br />3. 12 से 13 घंटे का वर्किंग टाइम ( Working Time ) जिस से व्यक्ति अपने आप और परिवार को समय नहीं दे पता . और उसकी सामाजिक लाइफ ( Life ) समाप्त हो जाती हे | </div><div><br /></div></div><div><div>4. सही इंफ्रास्ट्रक्चर ( Infrastructure ) की समस्या , आग और क्राइम ( Crime ) से सिक्यूरिटी ( Security ) की सुविधा नहीं होती |</div></div><div><div><br />5. PF और ESIC में दोनों पार्ट ( Part ) कर्मचारी की सैलरी ( Salary ) में से काट कर कास्ट ऑफ़ एम्प्लोयी </div><div><br />( Cost Of Employee ) दिखाना बुक ( Book ) में , मतलब १५०००/- सैलरी ( Salary ) होने पर आप को केवल 8000 नगद मिलेगे |</div></div><div><div><br /></div></div><div><div>6. कंपनी का सिस्टम ( Company System ) और सर्वर ( Server ) ख़राब होने पर , कर्मचारी दवारा किया जाने वाला ओवर टाइम ( Over Time ) और उसका भी भुगतान न होना . कर्मचारी बीमा न होना |</div></div><div><div><br />ऐसी कंपनियों ( Company ) का चुनाव सोच समझ कर करे | एकाउंटिंग, बीपीओ, प्रिंटिंग, एडवरटाइजिंग, ऑटोपार्ट्स, ( Accounting, BPO, Printing, Advertising, Industry ) इंडस्ट्री में ये समस्या सब से जयादा हे |</div></div><div><div><br />और यदि आप इन्वेस्टमेंट, फाइनेंस, इन्सुरांस, स्टॉक मार्केट, सॉफ्टवेयर, और एकाउंटिंग, ( Investment, Finance, Insurance, Stock Market, Software, Accounting ) के कार्य से जुड़े हे , तो आप ये ध्यान रखे की भारत के सभी बड़े शहर और मेट्रो सिटी ( Metro City ) को छोड़ कर , अन्य छोटे शहरो में इन को जयादा सामान की द्रष्टि से नहीं देखा जाता और उचित भुगतान भी नहीं मिलता |</div><div><br /></div></div><div> इस तरह के कम को गाँवो और छोटे शहरो में न करे , जिस से आप पर बेवजह का मानसिक तनाव भी नहीं होगा , और आप की शक्ति और उत्त्साह का हास् भी नहीं होगा , और आप पारिवारिक दबाव से भी बच सकते हे.</div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-23416692112173020732023-08-29T10:10:00.000+05:302023-08-29T10:10:07.874+05:30घनश्याम दास बिड़ला, आदित्य बिड़ला ग्रुप, बिड़ला ग्रुप हिस्ट्री, कारोबार। <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://3.bp.blogspot.com/-JKFSZBeAuGQ/W6FAlUwVVKI/AAAAAAAAIxg/-K_b9fHR9u8rNS5QD9YyjN1ydH-_sww6wCEwYBhgL/s1600/Ghanshyam%2BDas%2BBirla%252C%2Bhindi.PNG" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="घनश्याम दास बिड़ला, आदित्य बिड़ला ग्रुप के संस्थापक" border="0" data-original-height="391" data-original-width="700" src="https://3.bp.blogspot.com/-JKFSZBeAuGQ/W6FAlUwVVKI/AAAAAAAAIxg/-K_b9fHR9u8rNS5QD9YyjN1ydH-_sww6wCEwYBhgL/s1600/Ghanshyam%2BDas%2BBirla%252C%2Bhindi.PNG" title="घनश्याम दास बिड़ला" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">घनश्याम दास बिड़ला, बिड़ला ग्रुप के संस्थापक। </td></tr></tbody></table><h2 style="text-align: left;">घनश्याम दास बिड़ला जीवनी , बिड़ला ग्रुप हिस्ट्री, परिवार। </h2><b>घनश्याम दास बिड़ला (Ghanshyam das Birla), बिड़ला ग्रुप के संस्थापक</b> थे। वर्तमान में इसका नाम आदित्य बिड़ला ग्रुप हे। घनश्याम दास बिड़ला का जन्म सन 11 अप्रेल 1894 ग्राम पिलानी राजस्थान में हुआ था। इन के पिता का नाम <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Baldeo_Das_Birla" rel="nofollow" target="_blank">बलदेवदास बिड़ला</a> था। इनके पिता की चार संतान <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Jugal_Kishore_Birla" rel="nofollow" target="_blank">जुगल किशोर बिड़ला</a>, <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Rameshwar_Das_Birla" rel="nofollow" target="_blank">रामेश्वरदास बिड़ला</a>, <b>घनश्याम दास</b>, <b>ब्रजमोहन दास बिड़ला </b>थी। इनकी माता का नाम योगेश्वरी देवी था। घनश्याम दास मात्र 14 वर्ष की आयु से ही अपनी सामान्य शिक्षा पूरी कर वे अपने खानदानी व्यावसाय में योगदान देने लगे।<br /><br />आईडिया (Idea), हिंडालको(Hindalco), और भी कई कंपनिया सव्मित्व में हे। इस बिड़ला ग्रुप का करोबार 20 से अधिक देशो में फेला हे। जिसमे घनश्याम दास का विशेष योग दान रहा। घनश्याम दास बिड़ला भारतीय अर्थव्वस्था के सूत्रधार थे। भारतीय अर्थव्वस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने के लिए उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हे। घनश्याम दास बिड़ला कभी भी उपलब्धियो से संतुष्ट नहीं होते थे। एक लक्ष्य को प्राप्त कर अगले के लिए अग्रसर हो जाते थे। वे सदेव आत्म प्रसंसा के खिलाफ थे।<br /><br />इसलिए उन्होंने अपनी जीवनी पर कभी सहमती नहीं दी। वेसे उन्होंने अपने को कई बार अभिव्यक्त किया जिसका उलेख उनके दवारा लिखे पत्र पत्रिकाओ और भाषण में मिलता हे। जिसमे उनके जीवन दर्शन की झलक मिलती हे। जिससे उनके जीवन की काफी जानकारी मिलती हे। उनके दवारा कियो गए 60 साल के लगतार प्रयासों के कारणों ही 20 सदी में आधुनिक भारत की नीव पड़ी। जब देश आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। तब भी ब्रिटिश सरकार के अधिकारी विस्टन चर्चिल भी भारत में सवेधानिक शासन व्यवस्था के लिए उनसे परामर्श लेते थे।<br /><br />उनके दवारा ही भारत में पूंजीवादी व्यवस्था की नीव पड़ी। आजादी के बाद उन्होंने देश के उधोग के विकास, कला, संस्कृति, तकनिकी, प्रोधोयोगिकी, शिल्पकला, राजनीती, महत्पूर्ण योगदान दिया। उन के जेसा योगदान किसी और अन्य भारतीय ने नहीं दिया। 1942 आते आते G.D बिड़ला, मील मालिक और उद्योगपति के तोर पर पहचान बना चुके थे। गाँधी जी के विचारो से प्रभावित होकर उन्होने खुबसूरत मंदिर, शिक्षण संसथान और सामाजिक कार्यो में भी योगदान दिया। उन्हें दानशीलता और महात्मा गाँधी से आदर्श संबंधो के लिए भी जाना जाता हे। लेकिन दुर्भाग्य से महात्मा गाँधी की हत्या उनके दिल्ली स्थित आवास पर ही हुई थी।<br /><br />सामाजिक कार्यो के साथ साथ उन्होंने कभी भी अपने व्यवसायिक हितो को क्षति नहीं पहुचने दी। 1947 के पूर्व वे स्वदेशी उधोग के प्रबल समर्थक थे, उन्होंने भारतीय उधोग और उनके विकास के लिए अनेक कार्य किये। जब विश्व युद्ध के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था ख़राब थी तब भी घनश्याम दास बिड़ला ने व्यापक लाभ कमाया।<br /><br />इस कारण उन्होंने स्वयं को भारत के प्रथम उधोगपति के रूप में स्थापित कर लिया था। उन्ही के प्रयासों से भारतीय उधोगो को ब्रितानी हुकूमत से रियायते प्राप्त हुई। पूंजीवादी जगत को मजबूत करने के लिए उन्होंने राजनितिक ढाचे के साथ परस्पर समझ को भी विकसित करने का कार्य भी किया। घनश्याम दास बिड़ला ने अनेक कार्य किये और वे असिम प्रतिभा के धनी थे। इस लेख में उलेखित विवरण उन के व्यक्तित्व की एक झलक मात्र हे।<h3 style="text-align: left;">घनश्याम दास बिड़ला, आदित्य बिड़ला ग्रुप, बिड़ला ग्रुप के कारोबार। </h3><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-5oKy2vYWU5o/W6FC2PeCE0I/AAAAAAAAIxs/l3UeoWQVarsaPnaMqbPzCHH3goCdp1OqgCPcBGAYYCw/s1600/Aditya-Birla-group-hindi.png" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img border="0" data-original-height="77" data-original-width="150" src="https://3.bp.blogspot.com/-5oKy2vYWU5o/W6FC2PeCE0I/AAAAAAAAIxs/l3UeoWQVarsaPnaMqbPzCHH3goCdp1OqgCPcBGAYYCw/s1600/Aditya-Birla-group-hindi.png" /></a></div><div style="text-align: justify;">उनकी कुछ कार्यो का वर्णन इस लेख में किया गया हे, जो इस प्रकार हे। आदित्य बिड़ला ग्रुप एक बहुराष्ट्रीय व्यापारिक संस्था हे। जो 20 से ज्यादा देशो में अपना कारोबार संचालित करता हे। इसका मुख्यालय मुंबई भारत में स्थित हे।</div><br /><b>1. धातु कारोबार:-</b> धातु कारोबार में विश्वभर में आदित्य बिड़ला ग्रुप की एलुमिनियम और तांबा उत्पादन की लगत सब से कम आती हे। इस कारण नियुनतम लगत में उत्पादन करने के मामले में हिंडाल्को विश्व की प्रमुख 500 कंपनियों में से एक हे। यह विश्व की सबसे बड़ी एलुमिनियम रोलिंग कंपनी मानी जाती हे। एलुमिनियम के प्राथमिक उत्पादन में इसे एशिया में तीसरा और कॉपर के उत्पादन में इसे चोथा स्थान प्राप्त हे।<br /><br /><b>2. अन्य कारोबार:-</b> धातु कारोबार के साथ साथ बिड़ला ग्रुप कई वस्तुओ का उत्पादन करता हे और कई सेवाए भी प्रदान करता हे। इन क्षेत्रो में भी समूह का योगदान महत्वपूर्ण हे और उसे अग्रणीय स्थान प्राप्त हे। जेसे बी.पी.ओ. सेवाओ में विश्व में 15 वा और भारत में तीसरा स्थान प्राप्त हे। तथा खाद उत्पादन में भी अग्रणीय भूमिका हे। वस्त्रो के उत्पादन में प्रमुख स्थान प्राप्त हे। तथा यार्न के उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान प्राप्त हे। कलोर एल्करी सेक्टर में दूसरा स्थान प्राप्त हे। संपत्ति प्रबंधन के कारोबार में और लाइफ इंसोरेंस के भारत की 5 प्रमुख कंपनियों में से एक हे। तथा भारत की 5 प्रमुख मोबाइल कंपनी में अग्रणीय स्थान हे।<br /><br /><b>3. सीमेंट कारोबार:-</b> समूह का सीमेंट कारोबार ग्रासिम एवं अल्ट्रा टेक सीमेंट के नाम से संचालित हे। तथा दोनों भारत की अग्रणीय कपनियां हे और सीमेंट कारोबार में भारत में इनका पहला स्थान हे। और क्वालिटी वाइज भी नंबर वन ब्रांड हे। अल्ट्रा टेक सीमेंट को अब समूह में शामिल कर लिया गया हे, पहले यह एल एंड टी दवारा सीमेंट उत्पादन करती थी। सन 2007 में समूह दवारा इसका अधिग्रहण कर लिया गया हे।<br /><br /><b>4. कार्बन ब्लैक कारोबार:-</b> कार्बन ब्लैक के उत्पादन में समूह विश्व में चोथे स्थान पर हे। इसके उत्पादन के प्लांट भारत चीन थाएलैंड मिस्त्र में हे वही से इसका उत्पादन होता हे। और समूह दवारा विश्व के सभी टायर विक्रेताओ को कार्बन ब्लैक की आपूर्ति की जाती हे।<br /><br /><b>5. टेलिकॉम कारोबार:-</b> समूह का टेलिकॉम व्यावसाय आईडिया(Idea) सेल्युलर कंपनी दवारा संचालित किया जाता हे। भारत में यह प्रमुख टेलिकॉम ऑपरेटरर्स में से एक हे। इसका प्राम्भिक पूंजी निवेश भारत में किया गया हे, आईडिया सेल्युलर का बाजार में पूंजी निवेश के हिसाब से तीसरा स्थान हे।<br /><br />ये <b>बिड़ला ग्रुप</b> वर्तमान आदित्य बिड़ला ग्रुप के कुछ प्रमुख कारोबार जो विश्व भर में विभिन्न कपनियो के माध्यम से संचालित किये जाते हे, इन सभी कारोबार के एकीकरण का श्रेय भी <b>घनश्याम दास बिड़ला</b> को जाता हे।</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-80112852573622287082023-08-29T10:08:00.000+05:302023-08-29T10:08:25.326+05:30सम्राट अशोक [Samrath-Ashoka] भारत का मौर्य सम्राट <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-bmgjhDKWnqc/W1iszpMWfCI/AAAAAAAAIZs/zXhVjpKfx0g3jB0jAmoyDXwCgQLnH11OwCPcBGAYYCw/s1600/Ashoka.png" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="सम्राट अशोक [Samrath-Ashoka] भारत का मौर्य सम्राट" border="0" data-original-height="315" data-original-width="560" src="https://1.bp.blogspot.com/-bmgjhDKWnqc/W1iszpMWfCI/AAAAAAAAIZs/zXhVjpKfx0g3jB0jAmoyDXwCgQLnH11OwCPcBGAYYCw/s1600/Ashoka.png" title="सम्राट अशोक-भारत का मौर्य सम्राट" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">सम्राट अशोक -भारत का मौर्य सम्राट </td></tr></tbody></table><b style="text-align: justify;"><br />सम्राट का अर्थ होता है पूरे राष्ट्र को जीतने वाला।</b><span style="text-align: justify;"> आइए हम जानते हैं </span><b style="text-align: justify;">#<u>सम्राट अशोक</u> के इतिहास</b><span style="text-align: justify;"> के बारे में। </span><br /><div style="text-align: justify;"><br />चंद्रगुप्त मौर्य की मृत्यु के बाद उनका राजपाट उनके बेटे बिंदुसार द्वारा संभाला गया कुछ समय बाद ही बिंदुसार की मृत्यु हो गई । बिंदुसार का एक पुत्र अशोक (सम्राट अशोक) था वही अपने पिता की मृत्यु के बाद संपूर्ण साम्राज्य का शासक बना, भूतकालीन इतिहास में ऐसा कोई सम्राट नहीं हुआ जो अशोक के समान सभी गुणों में संपन्न हो। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">अशोक का शासनकाल भूतकालीन इतिहास के लिए अत्यंत गौरवमय रहा क्योंकि उस काल में अशोक ने अपनी असाधारण योग्यता क्षमता से भारत को दुनिया के सामने एक विशाल राष्ट्र की तरह खड़ा कर दिया था । किसी इतिहासकार ने कहा है कि इतिहास के पन्नो को रंगने वाले हजार राजाओं मे अशोक का नाम सर्वोपरि सूर्य के समान है उसे विश्व की महान विभूतियों मे से एक कहा जा सकता है, श्रेष्ठ प्रशासनिक व्यवस्था, धर्म का सरंक्षी, हृदय की दया व उदारता, कला का विकास एवं प्रजा की हित की दृष्टि से सम्राट अशोक एक महान राजा था, अशोक ने शस्त्र विजय के स्थान पर धर्म विजय प्राप्त करने की बात कही। अशोक वे सांस्कृतिक उपलब्धियां है जो विश्व की इतिहास में अतुलनीय है, इसके साथ उसकी राजनीतिक उपलब्धियां जो उसके अमर कीर्ति का आधार है। पूरे संसार का भौतिक एवं आध्यात्मिक उत्थान अशोक के जीवन का परम आदर्श था ।<br /><br /></div><div style="text-align: justify;"><b>प्रारंभिक जीवन और परिवार</b> - अशोक की माता का नाम सुभद्रांगी (रानी धर्मा) था, अशोक की माता चंपा के एक ब्राह्मण की पुत्री थी इतिहास में उनके लिए दर्शनीया, प्रसादिका और जनकल्याणी का प्रयोग किया गया है तो कहीं बौद्ध धर्म ने उसका नाम धर्मा बतलाया गया है, इनका दूसरा बेटा विगताशोक-तिष्य अशोक का सगा भाई था। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">पुराने इतिहास में अशोक के पिता बिंदुसार की 16 रानियों तथा उनसे उत्पन्न 101 पुत्रों का उल्लेख मिलता है जिसमें सुसीम अथवा सुमन सबसे बड़ा था इतिहास के पन्नों से अशोक की अनेक पत्नियों की जानकारी मिलती है। जिसमें विदिशा की श्रेष्ठी पुत्री देवी (शाक्य कुमारी के रूप में पहचानी जाती थी), असन्धमित्रा, तिक्षयरक्षिता, पद्मावती कारुवाकी अथवा चारूवा मुख्य थी। देवी से महेंद्र नामक पुत्र और संघमित्रा नामक पुत्री हुई, पद्मावती से कुणाल और धर्म विवर्धन नामक पुत्र हुआ, कारुवाकी से तीवर अथवा तीवल नामक पुत्र हुआ। इतिहास में अशोक के एक अन्य पुत्र जालौक का भी उल्लेख मिलता है तथा उनकी एक अन्य पुत्री भी थी जिसका नाम चारुमती था।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"><b>प्रांत के शासक के रूप में अशोक </b>- सम्राट अशोक बिंदुसार के शासन के समय उपराजा के तौर पर शासन संबंधी अनुभव प्राप्त कर लिया था, उन्हें सर्वप्रथम अवंति प्रांत का सूबेदार नियुक्त किया गया था जहां उन्होंने विद्रोही तत्वों का नाश कर जनता में शांति व्यवस्था तथा संतोष जगाया उसकी इस जीत से खुश होकर उनके पिता बिंदुसार ने उन्हें तक्षशिला का सूबेदार बनाया क्योंकि उस राज्य में भ्रष्ट राजाओं के शोषण के विरुद्ध जनता ने विद्रोह शुरू कर दिया था। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">अशोक वहां पर भी जीत पाने में कामयाब रहा लेकिन बिंदुसार के अंतकाल में तक्षशिला में पुनः विद्रोह शुरू हो गया था पर इस बार बिंदुसार ने अपने बड़े राजकुमार सुसीम को भेजा लेकिन प्रयास असफल रहा तब पुन: अशोक को भेजा गया जिसने सफलतापूर्वक कामयाबी हासिल की, वहां के कहीं मंत्रियों का समर्थन उसे मिल गया कुछ दिनों के बाद ही बिंदुसार की मृत्यु हो गई अपने समर्थ मंत्रियों जिनमें राधागुप्त प्रमुख था, के सहयोग से अशोक राजगद्दी पर आसीन हुए। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"><b>उत्तराधिकारी के लिए संघर्ष </b>- इतिहास से पता चलता है कि बिंदुसार की मृत्यु के बाद सिंहासन के लिए उनके पुत्रों में घमासान संघर्ष हुआ था इस संघर्ष में अशोक ने अपने बड़े भाई सुमन को हरा कर मार डाला और मगध के सिंहासन पर अपना आधिपत्य जमा लिया था इस संघर्ष में अशोक के 100 के करीब भाई मारे गए थे अशोक के मगध सम्राट बनने तथा उसके राज्याभिषेक में 4 वर्ष का अंतर था वह अंतर उनके उत्तराधिकार संघर्ष का काल था, बिंदुसार अपने बड़े पुत्र सुसीम को अपना उत्तराधिकार बनाना चाहते थे लेकिन महामंत्री खल्लाटक एवं मंत्री राधागुप्त अशोक के पक्ष में थे अंततः बिंदुसार की मृत्यु के बाद मंत्रियों की सहायता से अशोक शासन पाने में कामयाब रहा ।</div><blockquote class="tr_bq" style="text-align: justify;"><b>अशोक के अपने शासनकाल में दो प्रमुख विजय प्रशंसनीय रही जिसमें काश्मीर की विजय तथा कलिंग विजय प्रमुख थी ।</b></blockquote><div style="text-align: justify;"><b>अशोक के अन्य नाम</b> - अशोक को तीन प्रमुख नामों से पुकारा जाता था जिसमें एक अशोक दूसरा देवाना प्रिय प्रियदर्शी और तीसरा राजा । ऐसे सम्राट को कोटि-कोटि नमन जिनसे हमारा राष्ट्र हमेशा गौरवान्वित महसूस करता हो।<h4 style="text-align: left;"><span style="color: #274e13;">कुछ महत्वपूर्ण सवाल जो अक्सर पूछे जाते है। Some question/Answer About Samrath-Ashoka . </span></h4><div><div style="text-align: left;"><b>सवाल-सम्राट अशोक की माता पिता का नाम ?</b></div></div><div><b>जवाब-</b> पिता-बिन्दुसार और माता- सुभद्रांगी (रानी धर्मा)<br /></div><div><br /></div><div><b>सवाल-सम्राट अशोक की पत्नी का नाम ?</b></div><div><b>जवाब- </b>देवी, कारुवाकी, पद्मावती, तिष्यरक्षिता</div><div><br /></div><div><b>सवाल- सम्राट अशोक किस वंश के थे ? उनका धर्म क्या था ?</b></div><div><b>जवाब-</b> मौर्य वंश और जाती बौद्ध धर्म<br /></div><div><br /></div><div><b>सवाल- सम्राट अशोक का राजकाल?</b></div><div><b>जवाब-</b> 269 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व</div><div><br /></div><div><b>सवाल- सम्राट अशोक की मित्यु ?</b></div><div><b>जवाब-</b> 232 ईसा पूर्व<br /><br /><b><span style="color: #cc0000;">📣</span> </b>आपके पास भी <b>सम्राट अशोक [Samrath-Ashoka]</b> से जुड़े कोई भी सवाल और उसके जवाब है तो हमें कमेंट में बातये हम जल्द ही आपके सवाल को यहाँ जोड़ेंगे।<b> </b></div></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-27764561630029324602023-08-29T10:07:00.000+05:302023-08-29T10:07:19.186+05:30 सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदडो, हड़प्पा सभ्यता का इतिहास और रहस्य। <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div>जब-जब प्राचीन इतिहास की चर्चा होती है तो सिन्द्धु घाटी सभ्यता का नाम इतिहास के पन्नों में बहुत ही मशहूर है जब-जब सिंधु घाटी सभ्यता का नाम आता है उस सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे बड़े रहस्यमई नगर मोहनजोदड़ो का नाम सबसे पहले आता है जो अब दक्षिणी एशिया के सिंधु नदी के पश्चिम में लरकाना डिस्ट्रिक्ट पाकिस्तान में मौजूद है। </div><div><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://2.bp.blogspot.com/-LdC4xurFQ9k/W2viB4M9k9I/AAAAAAAAIbo/ZKnGvLR5ycwvyBAFvO5WA-NErnsjNA1VQCLcBGAs/s1600/HindiArticles.com.png" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="mohan jodaro, sindhu ghati, haddapa, hindi history" border="0" data-original-height="315" data-original-width="560" src="https://2.bp.blogspot.com/-LdC4xurFQ9k/W2viB4M9k9I/AAAAAAAAIbo/ZKnGvLR5ycwvyBAFvO5WA-NErnsjNA1VQCLcBGAs/s1600/HindiArticles.com.png" title="सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदडो, हड़प्पा सभ्यता का इतिहास और रहस्य।" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"> सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदडो, हड़प्पा सभ्यता का इतिहास और रहस्य। </td></tr></tbody></table><br /></div><div>यह एक समय भारत का हिस्सा हुअा करता था परन्तु आजादी के बाद बंटवारे के साथ यह ऐतिहासिक शहर पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। मोहनजोदड़ो का अर्थ होता है मुर्दों का टीला। मनुष्य द्वारा निर्मित विश्व का सबसे पुराना शहर माना जाता है। </div><div><br />आखिर क्या है ? मोहनजोदडो का इतिहास। हड़प्पा सभ्यता से इसका क्या संबंध है मोहनजोदारो इतिहासकारों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है क्यों मोहनजोदाड़ो का हिंदू धर्म से संबंध बताया जाता है। </div><div><br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://4.bp.blogspot.com/-dfYszkrBuEA/W2vicjFx8WI/AAAAAAAAIbw/zh6Uh35x1gIbvtCleO4yiAVkMB3sWGlXwCLcBGAs/s1600/sindhu-ghati-haddapa-mohanjodaro.jpg" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="mohanjodaro nagar yogna, this is not real image , this only imagination" border="0" data-original-height="528" data-original-width="800" height="422" src="https://4.bp.blogspot.com/-dfYszkrBuEA/W2vicjFx8WI/AAAAAAAAIbw/zh6Uh35x1gIbvtCleO4yiAVkMB3sWGlXwCLcBGAs/s640/sindhu-ghati-haddapa-mohanjodaro.jpg" title="mohanjodaro nagar yogna, this is not real image , this only imagination" width="640" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">Google image: harappa sabhyata</td></tr></tbody></table></div><div><br />मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ऑफिसर <b>राखल दास बनर्जी</b> ने की थी यह शहर सिंधु नदी के किनारे स्थित है हड़प्पा में २ साल तक बहुत ही ज्यादा खुदाई के बाद हड़प्पा से 590 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में मोहनजोदडो की खोज हुई थी बाद में मोहनजोदड़ो की ज्यादातर खुदाई 1964 से 1965 तक Dr. George F. Dales ने करवाई थी इसके बाद खुदाई को रोक दिया गई ताकि सर्वेक्षण को सुरक्षित रखा जा सके । माना जाता है यह शहर 200 हेक्टर क्षेत्र में फैला हुआ था कहा जाता है सौ साल में जितनी खुदाई हुई है यह मात्र इसकी एक तिहाई ही है इस की खुदाई में धातु की मूर्तियां और बहुत सारी मूल्यवान वस्तुएं शामिल है कहा जाता है। </div><div><div style="text-align: left;"><br /><a href="https://4.bp.blogspot.com/-mN4FEEx2o2E/W2vjDYwZmYI/AAAAAAAAIb4/NNm7kqy2LQsSZiduQk_dGDs_KMKny9-fQCLcBGAs/s1600/layout%2Bof%2Bmohanjodaro.jpg" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="layout of mohanjodaro nagar yojna, haddapa shbyata" border="0" data-original-height="750" data-original-width="530" height="200" src="https://4.bp.blogspot.com/-mN4FEEx2o2E/W2vjDYwZmYI/AAAAAAAAIb4/NNm7kqy2LQsSZiduQk_dGDs_KMKny9-fQCLcBGAs/s200/layout%2Bof%2Bmohanjodaro.jpg" title="layout of mohanjodaro nagar yojna, haddapa shbyata" width="141" /></a></div><br />यह सभ्यता 5500 साल पुरानी होने के साथ-साथ इसकी जनसंख्या 40000 से भी अधिक थी आईआईटी खड़गपुर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार यह 5500 नहीं बल्कि 8000 साल पुरानी सभ्यता थी मोहनजोदारो नगर के लोग बहुत बुद्धिमान थे इतने साल पहले बने इस शहर को इतने व्यवस्थित ढंग से बनाया गया है कि जिसकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते हैं पाकिस्तान के सिंध में लगभग 4600 साल पहले इसका निर्माण हुआ था खुदाई के दौरान इस शहर की बारे में लोगों को जानकारी हुई इसमें बड़ी-बड़ी इमारतें जलकुंड, मजबूत दीवार वाले घर, सुंदर चित्र कार्य, मिट्टी और धातु की बनी बर्तन मुद्राएं मूर्तियां तराशे हुए पत्थर और भी बहुत सी चीजें मिली जिससे यह पता चलता है कि यह एक व्यवस्थित शहर बना हुआ था जैसे हम आज रहते हैं वैसे ही वह लोग भी घरों में रहते थे, खेती किया करते थे ।</div><div><br />इस प्राचीन सभ्यता के लिए पाकिस्तान को एक नेशनल आइकन माना जाता है सन 1856 में एक अंग्रेज इंजीनियर रेल रोड बनाते समय इस प्राचीन सभ्यता को खोज निकाला था रेलवे ट्रैक बनाने के लिए यह इंजीनियर पत्थरो की तलाश कर रहा था जिससे वह गिट्टी बना सके यहां उन्हें बहुत मजबूत और पुराने ईट मिली जो बिल्कुल आज की ईट की तरह बनी हुई थी वहां के एक आदमी ने बताया इस सब के घर इन्हीं ईट से बने हैं जो उन्हें खुदाई में मिलते हैं तब इंजीनियर समझ गया कि यह जगह किसी प्राचीन शहर के इतिहास से जुड़ी है इस इंजीनियर को सबसे पहले सिंधु नदी के पास बसे इस सबसे पुरानी सभ्यता के बारे में पता चला था सिंधु नदी के पास होने के कारण इस स्थान को सिंधु घाटी की सभ्यता कहा गया इस प्राचीन सभ्यता के समय एक और प्राचीन सभ्यता की थी जिसमें यह बात पुरातत्ववेत्ताओं द्वारा कही गई है शहर के चारों ओर ईट की मोटी दीवार थी जो रक्षा के लिए बनाई गई थी इसके साथ ही पता लगाया गया कि कुछ लोग ईट के घरों में रहते थे जो तीन तीन मंजिल के बने हुए थे कुछ घरों में बाथरूम भी थे जिसमें पानी निकास के लिए नालियां भी थी दुनिया में पहली नाली का निर्माण यहीं से हुआ। </div><div><br /></div><div>पुरातत्व के अनुसार लोग खेती भी किया करते थे उन्हें गेहूं चावल उगाना आता था लोग जानवर भी पाला करते थे। <b>भारतीयों द्वारा मोहनजोदड़ो की खोज सन 1922 में राखल दास बनर्जी जो पुरातत्व सर्वेक्षण के सदस्य थे</b> पाकिस्तान में सिंधु नदी के पास में खुदाई का काम किया था उन्हें बुद्ध का स्तूप सबसे पहले दिखाई दिया जिसके बाद आशंका जताई गई कि यहां नीचे कुछ इतिहास दबा हुआ है आगे बढ़ाते हुए। 1925 में जॉन मार्शल ने खुदाई का काम करवाया सन 1965 तक इसे भारत के अलग-अलग लोगों की कमांड में करवाया गया लेकिन इसके बाद इस खोज को बंद करा दिया गया और कहा गया कि खुदाई की वजह से प्रकृति को नुकसान हो रहा है।<br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://4.bp.blogspot.com/-oG8EVxNkLbM/W2vjmz5pDiI/AAAAAAAAIcE/lrCRD5NR0x86CjtSD9VUnwvPyRCJsI78QCLcBGAs/s1600/murtiya.jpeg" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="sindhu ghati, mohanjodaro, haddapa ." border="0" data-original-height="258" data-original-width="200" src="https://4.bp.blogspot.com/-oG8EVxNkLbM/W2vjmz5pDiI/AAAAAAAAIcE/lrCRD5NR0x86CjtSD9VUnwvPyRCJsI78QCLcBGAs/s1600/murtiya.jpeg" title="सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदडो, हड़प्पा सभ्यता का इतिहास और रहस्य।" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">google imge</td></tr></tbody></table><br /></div><div><b>मोहनजोदड़ो की विशेषताएं</b> :- खोज के दौरान पता चला यहां के लोग गणित का भी ज्ञान रखते थे इन्हें जोड़ घटाना मापना सब आता था जो एक ईंट उस समय अलग अलग शहर में उपयोग की गई थी वह सब एक ही वजन व साइज की थी मानो की एक ही सरकार के द्वारा बनवाया गया था पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार सिंधु घाटी सभ्यता के लोग गाने बजाने खेलने कूदने के भी शौकीन थे। </div><div><br />उन्होंने कुछ म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट भी खोज निकाले थे वे लोग साफ सफाई पर ध्यान देते थे उन्होंने कंकाल के दांत का निरीक्षण भी किया था जिससे यह पता चला था कि उनकी नकली दांत भी लगे हुए मतलब प्राचीन सभ्यता में डॉक्टर भी हुआ करते थे। </div><div><br />कुछ लोगो ने बहुत से धातु के गहने व कॉटन के कपड़े भी खोज निकाले थे यह गहने आज भी बहुत से संग्रहालय में रखे हुए हैं इसके अलावा बहुत सी चित्रकारी, मूर्तियां,सिक्के, दिए,बर्तन, बाज़ार भी मिले थे जिन्हें देश विदेश के संग्रहालयों में रखा गया है। </div><div><br /></div><div>खोज में पता चला था कि यह लोग खेती भी किया करते थे कुछ इससे यह सिद्ध होता है कि इनको पढ़ना लिखना भी आता था जहां के लोग सोने चांदी के गहने भी पहनते थे। </div><div><br /><b>ये एक रहस्या बना हुआ है और अनुमान लगाया जाता है : </b>कहते हैं प्राचीन सभ्यता में 5000000 तक लोग रहते थे। वह भूचाल आया और सब तहस-नहस कर दिया। इसी भूचाल के चलते मोहनजोदड़ो दब गया और भूकंप के बाद हिमालय पर्वत बन गया कुछ खोज से पता चलता है कि उस समय वहां रहने वालों के दुश्मन भी हुआ करते थे कुछ हमलावरों ने वहां हमला कर पूरे शहर को नष्ट कर दिया था अभी पुरातत्व वाले और खोज में लगे हुए हैं पता कर रहे हैं कि कैसे इस शहर का निर्माण हुआ वहां रहने वालों ने कैसी इतने अग्रिम सभ्यता का निर्माण किया और कैसे इनका अंत हुआ? सब सवालों के जवाब के लिए पुरातत्ववेत्ताओं की खोज जारी है<h3 style="text-align: left;">इस वीडियो को सुने सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदडो, हड़प्पा सभ्यता का इतिहास के बारे में कुछ मजेदार बातें आपको पता चलेगी।</h3></div><div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="266" src="https://www.youtube.com/embed/wpFeAeOsXfU" width="320" youtube-src-id="wpFeAeOsXfU"></iframe></div><br /></div><div>तो आपको हमारा ये छोटा सी पेशकस कैसा लगा। आशा करते है आपको ये इतिहास से सम्बंधित रोचक बातें पढ़ने में अच्छा लगा। आप अपने मित्रो से इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।</div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-79914444766401255042023-08-29T10:03:00.000+05:302023-08-29T10:03:48.552+05:30सफलता पाने के सबसे जरुरी बातें |<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><div style="text-align: left;"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://3.bp.blogspot.com/-mxbrsIu13Qs/WZlVlYoGljI/AAAAAAAAFQo/uDko9cIaLpcxfZlgcuy1KQfb7x2OREEFwCLcBGAs/s1600/The%2Bmost%2Bimportant%2Bthings%2Bfor%2Bsuccess%2Bin%2Bour%2Blife.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="The most important things for success in our life" border="0" data-original-height="217" data-original-width="400" src="https://3.bp.blogspot.com/-mxbrsIu13Qs/WZlVlYoGljI/AAAAAAAAFQo/uDko9cIaLpcxfZlgcuy1KQfb7x2OREEFwCLcBGAs/s1600/The%2Bmost%2Bimportant%2Bthings%2Bfor%2Bsuccess%2Bin%2Bour%2Blife.jpg" title="The most important things for success in our life" /></a></div></div><h2 style="text-align: left;">जीवन में सफलता पाने के लिए विशेष बातें। </h2><div><b>सफलता- </b>परिश्र्म और मेहनत से मिलती है। ऐसी नहीं है की आपको इसका कोई सूत्र(formula) मिल जाए और आपको सफलता मिल जाये। अपने जीवन में सफलता पाने के लिए कुछ विशेष गुण अपनाने पड़ते हैं। जिसके अनुसार आपको सफलता मिल सकती है। सफलता पाने के लिए इन गुणों को अपनाना भी आवश्यक है जो इस प्रकार हैं :-</div><div><ul style="text-align: left;"><li style="text-align: left;"><b>वादा (commitment):- </b>वादे का मतलब एक बार जो आपने वादा कर दिया फिर उससे पीछे न हटना, चाहे कितनी मुसीबतें आएं लेकिन अपने वादे पर कायम रहना, इसी को असल में वादा कहते है।</li></ul><ul style="text-align: left;"><li style="text-align: left;"><b>सूचनात्मकता (Informativity):-</b> सफलता को पाने के लिए व्यक्ति का दिमाग सूचनात्मक भी होना चाहिए क्योकि कुछ नया सोचने के लिए उसके पास इतनी बुद्धि होनी चाहिए की वह कुछ नया सोचे, नई संभावनाओ की खोज करे जैसे नया बाजार, नया उत्पाद इत्यादि। इसमें समय, पैसा, प्रयत्न और श्रम इत्यादि भी लगता है। </li></ul><ul style="text-align: left;"><li style="text-align: left;"><b>नीति (Ethics):-</b> वह नियम जिसके द्वारा किसी व्यक्ति के आचरण या किसी व्यवसाय की सदस्यता को प्रस्तुत क्या जाये उसे नीति कहते है। </li></ul></div><div><ul style="text-align: left;"><li><b>मूल्य (Value):- </b>वो नियम जिसके अनुसार हम सही-गलत, अच्छी या बुरी चीजों का विश्लेषण करते हैं उन्हें कहते है। </li></ul></div><div><ul style="text-align: left;"><li><b>सकारात्मक सोच की शक्ति (The Power of Positive Attitude):-</b> इस विषय को समझने के लिए हमें एक उद्धरण लेनी पड़ेगी। दो मित्र राम और श्याम नौकरी के लिए आवेदन पत्र देते है और दोनों को इंटरव्यू के लिए कॉल भी आती है। राम हमेशा सकारात्मक सोचता था लेकिन श्याम नकारात्मक सोचता था। उसने इंटरव्यू से पहले से ही यह नकारात्मक सोच बना ली थी की उसको नौकरी नही मिलेगी इसलिए उसने उतने उत्साहित मन सेतैयारी नही की , न ही समय पर पहुँच पाया क्योंकि नकारात्मक सोच मनुष्य के विश्वास को कमजोर बना देती है। श्याम ने न तो तयारी ठीक से की, न ही वह प्रश्न पत्र को सही से हल कर पाया। लेकिन राम ने पहले से ही सकारात्मक सोच बना ली थी की यह नौकरी तो उसको ही मिलेगी। इस उम्मीद के साथ उसने अपनी तैयारी की और इस सकारात्मक सोच ने उसके विश्वास को ओर बढ़ा दिया। इसलिए वह नौकरी राम को ही मिली। राम और श्याम दोनों की योग्यता बराबर थी, लेकिन दोनों की सोच में जमीन-आसमान का फर्क था जो की एक नौकरी के उद्धरण से आंका गया।</li></ul><ul style="text-align: left;"><li><b>स्वयं-जागरूकता (Self-Awareness):-</b> हमें सबसे पहले अपनी ओर ध्यान को केंद्रित करना चाहिए जिससे हम अपने वर्तमान व्यवहार, और अपने आंतरिक आदर्शों का मूल्यांकन कर सकते है। इसलिए जिससे की सबसे पहले स्वयं को जागरूक कर सकें। यदि हम स्वयं को जागरूक कर सकते है तो दूसरों को भी सकते है। लेकिन सबसे पहले अपने आपको इस लायक बनाना पड़ेगा। </li></ul><ul style="text-align: left;"><li><b>कैरियर योजना या रोज़गार योजना (Career Planning or Employability Planning):-</b> हर एक मनुष्य का यह सपना है की वह जीवन में बड़ा आदमी बने लेकिन बड़ा आदमी बनने के लिए उसे एक कैरियर योजना बनानी पड़ेगी और उस योजना के अनुसार उसे परिश्रम करना पड़ेगा तब जाकर वह उस पद के लायक बनेगा जो वह बनना चाहता है। </li></ul><ul style="text-align: left;"><li><b>लक्ष्य निर्धारण (Goal Setting):-</b> लक्ष्य को निर्धारित करने के लिए आप लक्ष्य को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करें जिससे की आपको लक्ष्य के प्राप्ति में आसानी हो और तैयारी भी आप अच्छे से कर सकें। लक्ष्य की पप्राप्ति के लिए जितने छोटे-छोटे लक्ष्य होंगे उनको पाने में उतनी ही आसानी होगी और उतनी ही जल्दी आप अपने मुख्य लक्ष्य को पा सकेंगे। लक्ष्य को पाने के लिए आप प्रतियोगिता में भी बंधे रहेंगे।</li></ul></div><div><br />उम्मीद है ये <b>Motivation Article</b> आपको अच्छा लगा होगा। इसे अपने साथियों से ज्यादा से ज्यादा share जरूर करें। और नए पोस्ट को डायरेक्ट अपने ईमेल में पाने के लिए Subscribe करें।</div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-86166060728368247972023-08-29T09:55:00.001+05:302023-08-29T09:55:29.579+05:30जयपुर के रघुवीर सिंह चौधरी(Raghuveer Singh Choudhary) की success story अब हिंदी में। <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">राजस्थान के जयपुर में रहने वाले रघुवीर सिंह एक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। एक समय ऐसा भी था जब उनके घर की हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि वह स्कूल जाकर उच्च शिक्षा हासिल कर पाते, इसलिए मजबूरन उन्हें ई कॉमर्स साइट अमेज़न में बतौर डिलीवरी बॉय काम करना पड़ता था। जहां उन्हें महज 9000 तनख्वाह मिलती थी, लेकिन आज यह युवक ऐप के जरिए चाय बेचकर लाखों का कारोबार कर रहा है, चाय बेचकर लाखों का कारोबार करने वाले<b> रघुवीर सिंह की सफलता</b> के मूल मंत्र को आइए जानते हैं।<br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://4.bp.blogspot.com/-_WxUzvImpPc/WyiWaTnnVjI/AAAAAAAAIJY/wQiiPx4lueMtBcKnyYHSlVfxVtQvbY1DACLcBGAs/s1600/aily%2Bmusings.png" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="raghuveer sing, raghuveer sing success story, raghuveer chai wala, jaipur ke raghuveer, chai ka business, delivery boy start tea business" border="0" data-original-height="315" data-original-width="560" src="https://4.bp.blogspot.com/-_WxUzvImpPc/WyiWaTnnVjI/AAAAAAAAIJY/wQiiPx4lueMtBcKnyYHSlVfxVtQvbY1DACLcBGAs/s1600/aily%2Bmusings.png" title="जयपुर के रघुवीर सिंह चौधरी की success story अब हिंदी में। शुरू किया अपना बिज़नेस" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">जयपुर के रघुवीर, inspirational story, </td></tr></tbody></table><h3 style="text-align: left;"> नाम से नहीं काम से अपनी पहचान बनाएं </h3>बेहद कम उम्र में इतना बड़ा स्टार्टअप शुरुआत करने वाले रघुवीर सिंह मानते हैं, कि इंसान की असली पहचान उनके नाम से नहीं बल्कि काम से बनती है, अपनी मिसाल देते हुए रघुवीर ने बताया कि दिनभर थकने के बाद रघुबीर को अक्सर चाय की तलब लगती थी, लेकिन आस-पास चाय के ठेले या दुकान ना होने की वजह से उन्हें लगातार साइकिल पर डिलीवरी करनी पड़ती थी, रघुबीर ने सोचा कि जब इतनी बड़ी कंपनी अन्य सामानों की डिलीवरी कर सकती है तो क्यों ना वह भी चाय डिलीवर करने का धंधा शुरु कर दें।<br /><br />वहीं से उन्हें डिलीवरी करने का आईडिया सुझा, इसके लिए रघुवर ने एक ऐप बनाई और WhatsApp और फोन पर आर्डर प्राप्त कर डिलीवर करना शुरू कर दिया।<br /><h3 style="text-align: left;">विपरीत परिस्थितियों में हार ना माने </h3>कामयाबी की राह में आने वाली अड़चन अक्सर इंसान का मनोबल तोड़ देती है। इस तरह की मुश्किलें रघुवीर के रास्ते में भी आई, दरअसल स्टार्टअप शुरू करने के बाद रघुबर के पास चाय डिलीवर करने की ढेरों फरमाइश आने लगी, इतने बड़े पैमाने पर चाय का बंदोबस्त करना और उसे डिलीवर करना काफी मुश्किल काम था, इसके लिए उन्होंने 100 से भी ज्यादा चाय वालों से संपर्क साधा और 4 बाइकों पर दोस्तों की मदद से चाय पहुंचाना शुरू कर दिया, रोजाना दर्जनों मुश्किलों का सामना करने के बाद आज रघुवीर खुद को एक कामयाब इंसान मानते हैं।<h3 style="text-align: left;">रणनीति बनाएं और मित्र गणों की सलाह लें </h3>रघुवीर का कहना है कि "किसी भी काम को करने से पहले उस पर शुभचिंतकों या दोस्तों की राय लेना जरूरी होता है, इससे आपको बाजार की स्थिति का बेहतर अनुभव मिलता है, रघुवीर ने शुरुआत में अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस काम को शुरु किया था, 3 लोगों में से कोई भी ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था लेकिन कमाई के मामले में आज उसे कई दिग्गजों को मात दे रहे हैं।<br /><br />रघुबीर को हर दिन 600 से 800 चाय के ऑर्डर मिलते हैं जिससे वह महीनों के लाखों रुपए कमा रहे हैं<h3 style="text-align: left;">सफलता के मंत्र </h3>लक्ष्य के प्रति मन में जुनून और धैर्यवान विवेक के बिना जीवन में कामयाबी की कल्पना करना मुश्किल है, अक्सर लोग केवल मन में जज्बा लिए लक्ष्य का पीछा करते हैं,जबकि धैर्य इंसान को सही समय पर सही निर्णय लेना सिखाता है।भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तीन होनहार खिलाड़ियों ने भी जज्बे और धैर्य के बल पर खुद को शिखरनुमा ऊंचाइयों पर पहुंचाया है,<br /><br />आगे इस कड़ी में हम आपके लिए लेकर आएंगे, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के तीन शानदार खिलाड़ी के जीवन का अनकही कहानी लेकर जिसका छोटा सा भाग हम आपको यहां पर पढ़ने के लिए दे रहे हैं, अगर आपको अच्छा लगे तो हमारे पोस्ट को जरूर पढ़िएगा।<h4 style="text-align: left;">मिताली राज </h4>भारतीय क्रिकेट की कप्तान मिताली राज का कहना है कि "मुश्किल हालात में धैर्य ना खोना ही इंसान की सबसे बड़ी पहचान है, उसे कभी भी अपनी पहचान नहीं खोनी चाहिए, क्योंकि ईश्वर हर किसी में कुछ ना कुछ एक्स्ट्रा टैलेंट दिये रहता है,<br /><br />अगर आप उस टैलेंट को पहचान कर अपना काम करेंगे तो आपको सफलता सौ प्रतिशत मिलेगी इसमें कोई दो राय नहीं है,<h3 style="text-align: left;">एकता बिष्ट </h3>अक्सर लोग ज्यादा जज्बे और जुनून को महत्व देते हैं, ध्यान रखें कि शारीरिक अंगों के कर्मनुसार भी दिमाग को दिल से ऊपर का दर्जा मिला है। अक्सर जुनून में लिए गए फैसलों के परिणाम अच्छे नहीं होते, इसलिए विपरीत परिस्थितियों में धर्य वान बने रहना सबसे जरूरी है, इससे आपको सही फैसले लेने और सही रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। और अगर आप सही समय पर सही फैसला लेते हैं, तो फिर आपको कामयाब इंसान बनने से कोई नहीं रोक सकता।<h3 style="text-align: left;">झूलन गोस्वामी</h3>इंसान का जज्बा कामयाबी की राह पर उनकी रफ्तार को तो तेज कर सकता है, लेकिन वह गति उसे सही दिशा में मिल रहा है या नहीं या धैर्य पर निर्भर करता है, जीवन में सफलता पाने के लिए कुछ एक्स्ट्रा करने की जरूरत नहीं है, बस अपने हुनर को पहचान कर अपना काम आगे बढ़ाएं, आप अपने टैलेंट के अनुसार काम करें और बाजार के अनुसार भी।<br /><br />तो आपको सफलता जरूर मिलेगी बस आपको धैर्य रखने की जरूरत है, क्योंकि सफल इंसान कोई एक दिन में नहीं बन जाता, वैसे भी एक हार से भी कोई विश्व विजेता नहीं बन जाता और एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बन जाता उसे बार-बार जीतना पड़ता है, उसी तरह आपको भी अपने काम को बार बार करते रहना होगा, तब तक जब तक कि आपका नाम कामयाब लोगों की लिस्ट में शामिल नहीं हो जाए।<br /><br /><br />तो आज हमने आपको बताया कि रघुवीर सिंह एक अमेजन का डिलीवरी बॉय से कैसे लाखों रुपए महीना कमाने लगे, हम आगे और भी इस तरह के पोस्ट आपके लिए लेकर आते रहेंगे, बस आप कमेंट के जरिए हमारा हौसला बढ़ाते रहें अगर आपको इस तरह के पोस्ट पसंद आते हैं, तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करते रहें और कमेंट करना ना भूलें।<br /><br />दोस्तों यह जयपुर के रघुवीर सिंह चौधरी की सच्ची घटना है। आप लोगों के साथ यह इसलिए शेयर किया है ताकि आप भी ऐसे मोटिवेट होकर अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा कर सके आपको कैसा लगा जरूर बताइएगा</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-62838184942112769332023-08-29T09:50:00.000+05:302023-08-29T09:50:33.124+05:30Top Indian Hindi Blogs for Learn Blogging in Hindi[Bloggers LIst]<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">नमस्कार दोस्तों, में आपका Hindi Articles पे स्वागत करता हु, यहाँ Daily आपके लिए Interesting Post लाते है जिससे आप Update रह सको, आज भी हम आपके लिए एक Interesting Post लाएं है, जो अगर आप Online खुद की पहचान बनाना चाहते हो तो आपको जानना जरूरी है।<br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://1.bp.blogspot.com/-nNRm01wN74k/WZlbApImKRI/AAAAAAAAFRY/-Z5GFXcRDzkkQh0R_-EwmTpie8ZvjJ1agCEwYBhgL/s1600/hindi-blogs__1503222503_45.127.138.92.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="top hindi bloggers" border="0" data-original-height="333" data-original-width="500" src="https://1.bp.blogspot.com/-nNRm01wN74k/WZlbApImKRI/AAAAAAAAFRY/-Z5GFXcRDzkkQh0R_-EwmTpie8ZvjJ1agCEwYBhgL/s1600/hindi-blogs__1503222503_45.127.138.92.jpg" title="top hindi bloggers" /></a></div><br /><br />जब भी हम Online पैसे कमाने की बात करते है तो हमारे दिमाग में दो Answer आते है। -<br /><br /><b>1. Blogging, 2. YouTube<br /></b><br />दोनों ही काफी बेहतर तरीके है। पैसे कमाने के लिए और अपनी पहचान बनाने के लिए। हम YouTube पे चैनल बनाकर और उसपर लोगो को पसंद आने वाली Videos डालकर अपनी पहचान बना सकते है और साथ ही अच्छे पैसे कमा सकते है।<br /><br />YouTube से पैसे कमाने के लिए बस हमको Basic कुछ Knowledge होनी चाहिए लेकिन अगर हमें Blogging से पैसे कमाने है तो हमें इसके लिए काफी मेहनत करनी होती है और काफी चीज़ों के बारे में सीखना होता है, अगर हम आसानी से सीखना चाहे तो हम वैसे तो Google पर Search करके सिख सकते है<br /><br />लेकिन अगर हमें Daily Guide चाहिए जिनमे कुछ Unique हो तो हमें Blogging Learning Websites को Follow करना होता है, वैसे तो हमें कई तरह की English Blogging Learning Sites या Blogs मिल जायेंगे, लेकिन अगर बात Hindi की करे तो हम 100% Confused होंगे।<h2 style="text-align: left;">Top Indian Hindi Blogs for Learn Blogging- भारतीय हिंदी ब्लोग्स।</h2>आज हम आपकी इस Confusion को दूर कर देंगे यानि आज हम Top Hindi Blogging Learning Website के बारे में आपको बताएँगे। जो की आपको Blogging में माहिर कर देंगी और आप आसानी से Blogging से एक अच्छी Income Generate कर पाओगे,, तो चलिए शुरू करते है। जानते है वे टॉप ब्लोग्स जो हमें हिंदी में ब्लॉग्गिंग सिखाते है और हमें इंटरनेट से update रखते है।<br /><br /><b><span style="font-size: large;"># SupportMeIndia</span></b><br /><br /></div><div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">अगर आप Blogging में थोड़ा भी Interest रखते हो तो में 100% Sure हु की आपने कभी न कभी तो SupportMeIndia.com पर विजिट करा ही होगा, क्योंकि इस Site पर हर तरह की Blogging Details मिलती है साथ ही में ये Google में भी ज्यादातर हर Post में Top पर है।<br /><br />SupportMeIndia की शुरुआत 17 जुलाई 2015 को जुमेदीन खान ने की थी, इनके ब्लॉग लिखने के बेस्ट तारिके और उनकी कड़ी मेहनत की वजह से आज इनकी Website India की Top 10,000 वेबसाइट में से एक है।<br /><br />इस वेबसाइट पर आप Blogging, Seo, Make Money, Social Network Sites, Blog Tips and Tricks और भी Internet से जुडी कई चीज़ों के बारे में सिख सकते हो।<br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank : 121,423</span></b><br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank in India : 9176</span></b><br /><br /><br /><b><span style="font-size: large;"># Hindi Me Help</span></b><br /><br />Hindi Me Help के बारे में आपने शायद कभी न कभी तो सुना ही होगा क्योंकि HindiMeHelp इसके नाम के मुताबित इनका काम भी शानदार है।<br /><br />Rohit Mewada ने इस Website को 20 फरवरी 2015 में बनाया था , ये पहले ऐसे Blogger है जिन्होंने Blogging के बारे में Hindi में गाइड देना शुरू किया था। ये वेबसाइट आज Best Hindi Website में गिनी जाती है। यहाँ पर आप Blogging, AdSense, Motivational Stories, Tech News और भी इंटरनेट से जुडी कई Interesting बातो के बारे में जान सकते हो।<b><span style="color: #444444;"><br /></span></b><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank : 138,622</span></b><br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank in India : 12,271</span></b><br /><br /><b><span style="font-size: large;"># ShoutMeHindi</span></b><br /><br />ShoutMeHindi एक बहूत ही शानदार और एक Best Blogging Learning Blog है, यह ShoutMeLoud का ही एक Hindi पार्ट है, यहा पर आप Blogging के बारे में Hindi में जान सकते हो<br /><br />ShoutMeHindi को Harsh Aggrawal जो की India के Top Blogger में से एक माने जाते है और ये ShoutMeLoad.Com के मालिक है। ये हिंदी ब्लॉग 15 जून 2015 में बनाया था।<br /><br />यह उन Bloggers के लिए और उन Beginners के लिए है जो Blogging से अच्छे पैसे कमाने की उम्मीद करते है, यानि ये उनके लिए एक Free पर Professional Guide है, यहाँ पर आप Internet से जुडी और पैसे कमाने से जुडी सभी जानकारी हासिल कर सकते हो।<b><span style="color: #444444;"><br /></span></b><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank : 172,147</span></b><br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank in India : 12,317</span></b><br /><br /><br /><b><span style="font-size: large;"># HindiMe</span></b><br /><br />HindiMe.Net मेरी चहिते Sites में से एक है क्योंकि यहाँ पर हम Trusted Tricks और इंटरनेट से सम्बंधित जानकारी देते है।<br /><br />HindiMe.Net का मकसद लोगो को सही जानकारी देना वो भी हिंदी में इंटेरनेट के माध्यम से लोग इस वेबसाइट पर बहुत सारी चीज़ों के बारे में जान सकते हो। यह वेबसाइट एक Group के द्वारा बनाई गई है, यहाँ पर आपको कई तरह की Details मिलेगी लेकिन यहाँ आपको न केवल Blogging बल्कि आयुर्वेद, Health, Motivational आदि के बारे में भी पूरी जानकारी मिलेगी।<br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank : 163,467</span></b><br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank in India : 12,120</span></b><br /><br /><br /><b><span style="font-size: large;"># BlogLon</span></b><br /><br />ये ब्लॉग बहुत ही जल्दी Grow हुआ है और इसकी खास वजह यह है कि इस Blog के Owner सुरेन्द्र जी ने इसपर हमेशा Original Content ही Share किया है।<br /><br />Surendra सिंह अपने ब्लॉग पर Technology, Internet, Blogging, Search Engine Optimization से जुड़े पोस्ट करते है साथ ही आप यहाँ पर पैसे कमाने के बारे में भी सिख सकते है।<br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank : 283,359</span></b><br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank in India : 20,015</span></b><br /><br /><br /><b><span style="font-size: large;">#Gyanians</span></b><br /><br />दोस्तों Gyanians एक नयी वेबसाइट है, लेकिन फिर भी इसके Admin/Founder नील ठाकुर की मेहनत और लिखने की Skills की वजह से यह बहुत ही Fast Grow होती जा रही है, इसका एक कारन ये भी है कि आपको यहाँ पर Trusted Information मिलती है।<br /><br />में भी Gyanians पर पोस्ट पढता हु और मुझे सच में इस Website के पोस्ट नंबर 1 लगते है, यहाँ पर Amazing Information शेयर की जाती है। यहाँ पर आप Wordpress, Blogger, Technology, Internet, Facts, Google, Updates, Security और Privacy से जुडी कर सारी पोस्ट पढ़ सकते हो।<br /><br />और नील ठाकुर एक टीचर भी है।<br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank : 826,090</span></b><br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank in India : 58,338</span></b><br /><br /><b><span style="font-size: large;">#Harpreet Kumar</span></b><br /><br />Harpreetkumar.com भी बहुत ही बढ़िया साइट है। यहाँ आपको Blogging, Hosting, Seo, Wordpress, internet technology की जानकारी मिलता है। यह ब्लॉग February 26, 2016 को बनाया गया है।<br /><br />हमें जहाँ तक याद है इनकी पहली वेबसाइट missingideas.com हुआ करती थी लेकिन पता नहीं किसी कारणवस यह वेबसाइट अब नहीं है। और अपने ही नाम से इन्होने इस वेबसाइट को बनाया है। इन्होने ब्लॉग्गिंग की दुनिया में 7 साल का experience gain क्या है। और हम भी इनके पोस्ट पढ़ते है। बहुत अच्छे और बहुत ही टेलेंटेड person है<br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa : 602,517</span></b><br /><br /><b><span style="color: #444444;">Alexa Rank in India : 40,190</span></b><br /><br /><blockquote class="tr_bq"><br /><span style="color: red;">Note : </span>आप देख सकते है सभी वेबसाइट/ब्लॉग की Alexa Rank अलग-अलग है। ये रैंक समय के अनुसार update होते रहते है।</blockquote><br />दोस्तों यदि आपको ब्लॉगिंग में करियर बनाना है अच्छे पैसे कमाना है तो दी गयी Top Indian Blogs को फॉलो करे और ब्लॉग्गिंग में सफल बने, ब्लॉग्गिंग को सीखे। आशा करता हु की आप भी एक दिन अपने ब्लॉग्गिंग के करियर में सफल जरूर बनेंगे ।<br /><br />उम्मीद करता हु दोस्तों आपको ये पोस्ट अच्छी लगी और हेल्पफुल रही , यदि आपके मन में कोई सुझाव या कोई सवाल हो तो आप निचे कमेंट में पूछे। इस पोस्ट को Share करना न भूले। धन्यवाद।</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comयूनाइटेड किंगडम55.378051 -3.4359729999999916.371756750000003 -86.40472299999999 90 79.53277700000001tag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-57631587193953282452023-08-29T09:46:00.000+05:302023-08-29T09:46:06.524+05:30नीलम संजीव रेड्डी | भारत के छटे राष्ट्रपति | जीवनी | Neelam Sanjeev Reddy<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://3.bp.blogspot.com/-YL3v3RIVJIY/WzPfA0mkZOI/AAAAAAAAIPY/TY8IygBsQ_Aco4wde3oQKIlmobeIDPVCwCEwYBhgL/s1600/Neelam%2Bsanjiva%2Breddy.PNG" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="नीलम संजीव रेड्डी, six president of india,Neelam Sanjiva Reddy Biography In Hindi" border="0" data-original-height="384" data-original-width="693" src="https://3.bp.blogspot.com/-YL3v3RIVJIY/WzPfA0mkZOI/AAAAAAAAIPY/TY8IygBsQ_Aco4wde3oQKIlmobeIDPVCwCEwYBhgL/s1600/Neelam%2Bsanjiva%2Breddy.PNG" title="नीलम संजीव रेड्डी की जीवनी | Neelam Sanjiva Reddy Biography In Hindi" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">नीलम संजीव रेड्डी की जीवनी</td></tr></tbody></table><h2 style="text-align: left;">नीलम संजीव रेड्डी - भारत के छटे राष्ट्रपति जी की जीवनी | Six President of India- Neelam Sanjiva Reddy.</h2><b>जन्म:- </b> रेड्डी का जन्म 19 मई 1913 तेलगु बोलने वाले आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में मध्यम वर्गीय परिवार मे हुआ था. कृषक परिवार में जन्मे होने के बावजूद वे एक कुशल नेता थे. नीलम संजीवा रेड्डी के पिता का नाम नीलम चिनप्पा रेड्डी था. वे कॉग्रेस के पुराने कार्यकर्ता और प्रसिद्ध नेता टी. प्रकाशम के साथी थे. इनका परिवार भगवन शिव में बहुत अधिक आस्था रखते था.<br /><br />रेड्डी जी की प्रारंभिक शिक्षा थियोसोफिकल हाई स्कूल अंडयार, मद्रास में शुरू हुई थी. इसी विद्यालय में रेड्डी जी अध्यात्म की ओर आकर्षित हुए थे और उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने आर्ट्स कॉलेज अनंतपुर में प्रवेश लिया. किन्तु जुलाई 1929 में गांधीजी से मिलने के बाद रेड्डी जी का जीवन पूरी तरह से बदल गया.<h4 style="text-align: left;">परिवार</h4>इनके पिता का: नामनीलम चिनप्पा रेड्डी था नीलम संजीव रेड्डी का विवाह 8 जून, 1935 को नागा रत्नम्मा के साथ सम्पन्न हुआ था। इनके एक पुत्र एवं तीन पुत्रियाँ हैं। पुत्र सुधीर रेड्डी अनंतपुर में सर्जन की हैसियत से अपना स्वतंत्र क्लिनिक पार्टी ऑफ़ इण्डिया के प्रभावशाली नेता रहे हैं और आज़ादी की लड़ाई में यह भी कई बार जेल गए हैं।<h4 style="text-align: left;">शिक्षा</h4>नीलम संजीव रेड्डी की प्राथमिक शिक्षा 'थियोसोफिकल हाई स्कूल' अड़यार, मद्रास में सम्पन्न हुई। आगे की शिक्षा आर्ट्स कॉलेज, अनंतपुर में प्राप्त की। महात्मा गांधी के आह्वान पर जब लाखों युवा पढ़ाई और नौकरी का त्याग कर स्वाधीनता संग्राम में जुड़ रहे थे, तभी नीलम संजीव रेड्डी मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही इस आंदोलन में कूद पड़े थे। इन्होंने भी पढ़ाई छोड़ दी थी। संजीव रेड्डी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी भाग लिया था। यह उस समय आकर्षण का केन्द्र बने, जब उन्होंने विद्यार्थी जीवन में सत्याग्रह किया था। वह युवा कांग्रेस के सदस्य थे। उन्होंने कई राष्ट्रवादी कार्यक्रमों में हिस्सेदारी भी की थी। इस दौरान इन्हें कई बार जेल की सज़ा भी काटनी पड़ी।<h4 style="text-align: left;">राजनैतिक जीवन</h4>सन 1946 में वे मद्रास विधान सभा के लिए चुने गए और कांग्रेस विधायक दल के सचिव बनाये गए। बाद में उन्हें मद्रास से ‘भारतीय संविधान सभा’ का सदस्य बनाया गया। अप्रैल 1949 से अप्रैल 1951 तक वो मद्रास राज्य में आवास, वन और निषेध मंत्री रहे। सन 1951 में वो मद्रास विधान सभा का चुनाव हार गए।<br /><br />सन 1951 में एन. जी. रंगा को हराकर वो आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बन गए। जब 1953 में आंध्र प्रदेश की स्थापना हुई तब टी. प्रकाशम् मुख्यमंत्री और नीलम संजीव रेड्डी उप-मुख्यमंत्री बने। बाद में जब तेलेंगाना को आंध्र प्रदेश में शामिल किया गया तब रेड्डी मुख्यमंत्री बनाये गए और 1 नवम्बर 1956 से 11 जनवरी 1960 तक इस पद पर बने रहे। मार्च 1962 से फरवरी 1964 तक रेड्डी एक बार फिर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। नागार्जुन सागर और श्रीसैलम बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं उनके कार्यकाल में ही प्रारंभ हुईं। रेड्डी की कार्यकाल में आंध्र प्रदेश सरकार ने कृषि और संबद्धित क्षेत्रों के विकाश पर ध्यान दिया।<br /><br />सन 1960 और 1962 के मध्य नीलम संजीव रेड्डी तीन बार भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। वो तीन बार राज्य सभा के सदस्य भी रहे। 1966 में लाल बहादुर शाष्त्री मंत्रिमंडल में वह इस्पात और खनन मंत्री रहे और जनवरी 1966 से मार्च 1967 के मध्य उन्होंने इंदिरा गाँधी सरकार में परिवहन, नागरिक उड्डयन, जहाजरानी और पर्यटन मंत्रालय संभाला।<br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://2.bp.blogspot.com/-4Nb-oZ3ISYk/Wzkf_JB2swI/AAAAAAAAIRU/_Vu2JxumV-oRY99kQ4YiRE8W5EdpeuzuACLcBGAs/s1600/Neelam_Sanjiva_Reddy.jpg" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="नीलम संजीव रेड्डी | भारत के छटे राष्ट्रपति | जीवनी |" border="0" data-original-height="400" data-original-width="600" src="https://2.bp.blogspot.com/-4Nb-oZ3ISYk/Wzkf_JB2swI/AAAAAAAAIRU/_Vu2JxumV-oRY99kQ4YiRE8W5EdpeuzuACLcBGAs/s1600/Neelam_Sanjiva_Reddy.jpg" title="नीलम संजीव रेड्डी" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">नीलम संजीव रेड्डी | भारत के छटे राष्ट्रपति |</td></tr></tbody></table><br />सन 1967 के लोक सभा चुनाव में रेड्डी आंध्र प्रदेश के हिन्दुपुर से जीतकर सांसद बन गए और 17 मार्च को उन्हें लोक सभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। लोक सभा अध्यक्ष पद को निष्पक्ष और स्वतंत्र रखने के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अध्यक्ष को संसद का प्रहरी कहा और कई मौकों पर इंदिरा गाँधी से भी मोर्चा ले लिया जिसका खामियाजा उन्हें दो साल बाद राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भुगतना पड़ा। <br /><br />सन 1969 में राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी ने रेड्डी को राष्ट्रपति का उम्मीद्वार चुना पर प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया क्योंकि वो इंदिरा गाँधी के विरोधी गुट में शामिल थे और इंदिरा को ऐसा लगा कि अगर रेड्डी चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें प्रधान मंत्री पद से हटाया जा सकता है। इंदिरा ने अपने सांसदों और विधायकों से कहा कि वो अपनी ‘अंतरात्मा की आवाज़’ पर वोट दें। इसका नतीज़ा यह हुआ कि रेड्डी स्वतंत्र उम्मीद्वार वी. वी. गिरी से चुनाव हार गए।<br /><br />इसके पश्चात रेड्डी, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए लोक सभा अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था, ने सक्रीय राजनीति से संन्यास ले लिया और अनंतपुर जाकर कृषि कार्य में लग गए।<h4 style="text-align: left;">सक्रीय राजनीति में वापसी और राष्ट्रपति पद</h4>जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण करांति के नारे के बाद रेड्डी राजनैतिक निर्वासन से बहार निकले और सन 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर नन्द्याल लोक सभा सीट से जीत गए। 26 मार्च 1977 को उन्हें छठी लोक सभा का अध्यक्ष चुना गया पर कुछ महीनों बाद ही उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।<br /><br />सन 1977 के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के मृत्यु के बाद राष्ट्रपति चुनाव कराए गए जिसमें नीलम संजीव रेड्डी को बिना चुनाव के निर्विरोध राष्ट्रपति चुन लिया गया। इसके साथ वो सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बनने वाले व्यक्ति हो गए। उस समय उनकी उम्र 65 साल थी।<br /><br />नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को राष्ट्रपति पद का शपथ लिया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने तीन अलग-अलग सरकारों के साथ कार्य किया – मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह और इंदिरा गाँधी।<h4 style="text-align: left;">नीलम संजीवा रेड्डी मृत्यु</h4>जून 1966, 83 वर्ष की आयु में रेड्डी जी का निधन उनके पैतृक स्थान में हुआ. उनका दूरदर्शी नेतृत्व, मिलनसारिता और उपलब्धता ने उन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों का परम प्रिय बना दिया था.</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-17695197069256930742023-08-29T09:44:00.000+05:302023-08-29T09:44:18.536+05:30Income Tax E-Verification Source (आयकर ऑनलाइन सत्यापन माध्यम)<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://3.bp.blogspot.com/-wJtwcezENvk/WxZgCuk_xLI/AAAAAAAAIDc/BDaMIGiClm4Kev8fB1y3cRA9AgFCJT3LQCLcBGAs/s1600/Income%2BTax%2B%2BE-Verification%2BSource.PNG" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Income Tax E-Verification Source" border="0" data-original-height="393" data-original-width="697" height="360" src="https://3.bp.blogspot.com/-wJtwcezENvk/WxZgCuk_xLI/AAAAAAAAIDc/BDaMIGiClm4Kev8fB1y3cRA9AgFCJT3LQCLcBGAs/s640/Income%2BTax%2B%2BE-Verification%2BSource.PNG" title="Income Tax E-Verification Source" width="640" /></a></div><br />आयकर विवरणी (Returns) के ऑनलाइन सत्यापन के लिए अनिवार्य दस्तावेज और माध्यम इस प्रकार हे | और ये दस्तावेज एवं माध्यम आपके आयकर अकाउंट और पेनकार्ड (Pan Card) से जुड़े (link) होना चाहिए | इस में आपके आयकर अकाउंट के ID और Password भी अनिवार्य हे | और जिस माध्यम का आप चुनाव करते हे उसके अकाउंट के ID और Password भी अनिवार्य रूप से आवश्यक हे |<br /><br />1. आधार कार्ड (Aadhar Card) में आपका का नाम, पता, ईमेल, मोबाइल नंबर, सही और आयकर अकाउंट के अनुसार ही होना चाहिए | जेसे दोनों में नाम, पता अलग न हो और मोबाइल नंबर, ईमेल, वर्तमान समय में सक्रीय (Active) होना चाहिए | इसमें ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया अन्य माध्यमो से जल्दी पूर्ण हो जाती हे | इसका (OTP) 10 मिनिट के लिए ही (Active) वेध रहता हे | इस माध्यम में आपको आधार नंबर भी साईट पर डालकर लॉगइन करना होगा |<br /><br />2. बैंक अकाउंट (Bank Account) वर्तमान समय में कई सरकारी एवं गैरसरकारी बैंक भी नेटबैंकिंग (Net Banking) के माध्यम से ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा प्रदान करते हे इसलिए नेट बैंकिंग से लॉगइन कर आयकर विभाग की साईट पर आयकर विवरणी (Returns) ऑनलाइन सत्यापन कर सकते हे | इस माध्यम में आप बैंक अकाउंट नंबर से भी अपनी आयकर विवरणी (Returns) ऑनलाइन सत्यापित कर सकते हे | इस माध्यम का उपयोग करने से आपका रिफंड भी सीधे आप के बैंक अकाउंट में आ जाता हे | इस में भी आपका का (Pancard) ईमेल, मोबाइल नंबर, सही और बैंक अकाउंट के अनुसार ही होना चाहिए | जेसे दोनों में नाम, पता अलग न हो और मोबाइल नंबर, ईमेल, वर्तमान समय में सक्रीय (Active) होना चाहिए |<br /><br />3. डीमेट अकाउंट (Demat Account) वर्तमान समय में कुछ ब्रोकिंग कंपनी भी ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा प्रदान करती हे | इस माध्यम में आपको Demat Account Number और DP,Client ID का विवरण देकर आयकर विवरणी ऑनलाइन सत्यापित कर सकते हे | पर इस माध्यम का उपयोग करने से आप का रिफंड डीमेट अकाउंट में प्राप्त नहीं होगा | वो केवल आपके द्वारा चुने बैंक अकाउंट में या जो बैंक अकाउंट आपके आयकर अकाउंट से जुड़ा हे उसी में प्राप्त होगा | इस में आपका का नाम, पता, ईमेल, मोबाइल नंबर, (Pancard) सही और डीमेट अकाउंट के अनुसार ही होना चाहिए | जेसे दोनों में नाम, पता अलग न हो और मोबाइल नंबर, ईमेल, वर्तमान समय में सक्रीय (Active) होना चाहिए |<br /><br />इन में से किस भी माध्यम का चुनाव करने पर आपको (EVC) Electronic Verification Code प्राप्त होगा | इस (EVC) को आप आयकर विभाग की साईट में जाकर अपने आयकर अकाउंट में लोगिन कर (EVC) कोड को डालकर अपनी आयकर विवरणी (Returns) का ऑनलाइन सत्यापन कर सकते हे | ये (EVC) 72 घंटे के लिए वेध रहता हे |<br /><br />इन माध्यमो के आभाव में आप को अपनी आयकर विवरणी (Returns) की प्रति आयकर विभाग के पंजीकृत पते पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भेजकर सत्यापित करनी होगी | इस प्रक्रिया में समय भी बहुत लगता हे और त्रुटि की भी सम्भावना रहती हे, वेसे अधिकारिक समय 72 घंटे हे |</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-5372354256104799522023-08-29T09:43:00.000+05:302023-08-29T09:43:33.388+05:30निर्मल वर्मा [Nirmal Verma ]<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div align="center" class="MsoNormal" style="text-align: center;"><span face=""utsaah" , sans-serif" style="font-size: 34.6667px; line-height: 39.8667px;"><u><b>जीवन परिचय</b></u></span></div><div align="center" class="MsoNormal" style="text-align: center;"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /><a href="https://1.bp.blogspot.com/-ELaYyYhapmE/VxYbYwWvNvI/AAAAAAAABe4/OxRGrQ8hGAgfJ7cV12D5Ah7sGduFt6SmQCLcB/s1600/Nirmal_Verma_.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="निर्मल वर्मा" border="0" height="350" src="https://1.bp.blogspot.com/-ELaYyYhapmE/VxYbYwWvNvI/AAAAAAAABe4/OxRGrQ8hGAgfJ7cV12D5Ah7sGduFt6SmQCLcB/s400/Nirmal_Verma_.jpg" title="निर्मल वर्मा" width="400" /></a></div><br /><br /></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>जन्म परिचय</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">निर्मल वर्मा का जन्म सन् 1929 में शिमला (हिमाचल प्रदेश) में हुआ | वर्मा जी ने दिल्ली विशवविधालय के सेंट स्टीफेंस कालेज से इतिहास में एम.ए. किया और फिर आध्यापन कार्य करने लगे | चेकोस्लोवार्क्रिया के प्राच्य-विधा संस्थान प्राग के आमंत्रित पर सन् 1959 में वहाँ गए चेक उपन्यासों तथा कहानोया का हिंदी में अनुवाद किया | </span></div><div class="MsoNormal"><br /><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>निधन</b> :- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">इनका निधन 2005 में हुआ |</span></div><br /><div class="MsoNormal"><br /><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>पद-प्रतिष्ठा</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">निर्मल वर्मा को हिंदी के सामान ही अंग्रेजी भाषा पर भी अधिकार प्रतप्त था | उन्होंने ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया ’ और ‘हिन्दुस्थान टाइम्स ’ के लिए यूरोप के राजनितिक एवं सांस्कृतिक <br />समस्याओ पर अनेक लेख तथा रिपोर्ट लिखे हैं जो उनके निबंध संग्रह में संकलित है | सन् 1970 में वे भारत लौट आए तथा स्वतंत्र लेखन करने लगे |</span></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://4.bp.blogspot.com/-ckkxfAhgGG0/VxYbtMErtiI/AAAAAAAABe8/EUn_PczYV5QgBpNJSdCO7vUuIiy2aWXQACLcB/s1600/nirmalverma%2B2.jpg" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img alt="निर्मल वर्मा" border="0" src="https://4.bp.blogspot.com/-ckkxfAhgGG0/VxYbtMErtiI/AAAAAAAABe8/EUn_PczYV5QgBpNJSdCO7vUuIiy2aWXQACLcB/s1600/nirmalverma%2B2.jpg" title="निर्मल वर्मा" /></a></div><br /><div class="MsoNormal"><br /><span face=""utsaah" , sans-serif" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>प्रमुख रचनाएँ</b>:- </span><span face=""utsaah" , sans-serif" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">निर्मल वर्मा का प्रमुख योगदान हिन्दी कथा-सहित्य के क्षेत्र में है | वे नई कहानी आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर माने जाते है |‘जलती झारी’ , ‘परिंदे ’,’तीन एकांत ’,’पिछली गर्मियो में ’,’कव्वे और काला पानी’, बिच बहस में, सुखा (कहानी संग्रह) और ‘वे दिन ’, ’लाल टिन की छत’, ’एक चिथड़ सुख’ और अंतिम अरण्य उपन्यास इस नजर से उल्लेखनीय हैं | ‘रात का रिपोर्ट ’ जिस पर सिरिअल भी तयार किया गया है, उनका उन्यास है | </span></div><div class="MsoNormal"><br /><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>प्रमुख पुरस्कार</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">सन् 1985 में ‘कव्वे और काला पानी’ पर उनको ‘सहित्य अकादमी प्रुस्कर ’ भी मिला | इसके अलावा उन्होंने कई अन्य परुस्कारों से भी सम्मानित किया गया है |</span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;"><br /></span></div><div class="MsoNormal"><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 26pt; line-height: 115%;"><b>भाषा शैली</b>:- </span><span face=""utsaah" , "sans-serif"" lang="HI" style="font-size: 20pt; line-height: 115%;">निर्मल वर्मा की भाषा शैली में एक ऐसी अनोखी कसावट है, जो किसी विचार-चित्र की गहनता को विविध उध्दरणों से रोचक बनाती हुई उस विषय का विस्तार करती है | शब्द-चयन में अधिक जटिलता न होते हुए भी उनकी वाक्य-रचना में तथा संयुक्त वाक्यों की प्रधानता है | जगह-जगह पर उन्होंने उर्दू और अंग्रेजी के शब्दों का स्वाभाविक सटीक प्रयोग किया हैं | जिससे उनकी भाषा-शैली में अनेक नवीन प्रयोगों की साफ झलक मिलती है |</span></div></div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-12089614625188646332023-08-29T09:41:00.000+05:302023-08-29T09:41:17.741+05:30दवाईओं पर विशेष चिन्ह कियो होते है ? <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://2.bp.blogspot.com/-MT9b2om0zKM/Wvx5ZU0sAZI/AAAAAAAAH9k/olj1llVz1xMA9YNIPz2vTeM7kay-ww3fwCLcBGAs/s1600/medician-doctor-hindi.PNG" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="दवाईओं पर विशेष चिन्ह कियो होते है ?" border="0" data-original-height="390" data-original-width="698" src="https://2.bp.blogspot.com/-MT9b2om0zKM/Wvx5ZU0sAZI/AAAAAAAAH9k/olj1llVz1xMA9YNIPz2vTeM7kay-ww3fwCLcBGAs/s1600/medician-doctor-hindi.PNG" title="दवाईओं पर विशेष चिन्ह कियो होते है ?" /></a></div><br />आपने कई बार देखा होगा की दवाईयों कुछ विशेष चिन्ह होते हे | जेसे की <span style="color: red;">लाल </span><span style="color: #38761d;">हरी </span><span style="color: #0b5394;">नीली </span>लाइन या संक्षिप शब्दों में कुछ लिखा होता हे | और हर तरह की दवाई पर कुछ न कुछ निशान जरुर होता हे | जिसका उस दवाई की मात्र और किस की सलाह पर लेने हे इस बात से काफी गहरा संबंध होता हे | ये चिन्ह सरकार के मानक और दवा की प्रकति के आधार पर लगाये जाते हे | जो की कुछ स्तर तक अन्तराष्ट्रीय रूप में भी समान होते हे | या दुसरे शब्दों में कहे तो कुछ निशान अन्तराष्ट्रीय रूप में भी समान होते हे | कियोकी कई देश आपस में दवाओ का आयात निर्यात करते हे |<h3 style="text-align: left;">किस चिन्ह का क्या मतलब हे इसका विवरण इस प्रकार हे |</h3><b>1) </b> किसी भी दवाई पर यदि <b>लालाधारी का निशान</b> होता हे इसका मतलब यह हे की | दवाई को बिना डॉक्टर के पेर्मिशन लिए न बेचा जा सकती हे, और ना ही इस्तेमाल किया जा सकता हे | ऐसी दवाये जीवन रक्षक दवाओ की श्रेणी में आती हे | इनका उपयोग गंभीर बीमारियों जेसे डेगू मलेरिया एड्स टीबी के इलाज के में किया जाता हे | और एंटीबायोटिक दवाओ के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए भी इस निशान का इस्तेमाल किया जाता हे |<br /><br /><b>2) </b><span style="font-size: large;"><b>Rx- </b></span>निशान का मतलब होता हे की ये डॉक्टर दवारा लिखकर दी गई दवा हे | और केवल उसी मरीज को दी जा सकती हे जिसे उसने अपने<b> <a href="https://www.hindiarticles.com/2018/04/doctor-prescription-me-shaf-kio-nhi-likhte.html" target="_blank">Medical Prescription</a></b> में लिख कर दी हो | मतलब बिना डॉक्टर के पर्चे के दवा नहीं दी जा सकती हे |<br /><br /><b>3)</b> <span style="font-size: large;"><b>NRx- </b></span>निशान का मतलब हे, की यहाँ एक ऐसी दवा हे | जिसे आप तभी बेच सकते हे जब इसे ऐसे डॉक्टर ने लिख कर दिया हो | जिसके पास नशीली दवाओ का लाइसेंस हो जेसे Neurologist Anesthesiologist Psychiatrist आदि | इन दवाओ का सेवन अपनी मर्जी से काम ज्यादा मात्रा एक निश्चित समय पर और समय अवधि तक ही किया जाता हे | यदि मात्रा और समयावधि में परिवर्तन करना होतो डॉक्टर का परामर्श जरुरी हे | इन दवाओ का इस्तेमाल दिमाग और तंत्रिका तंत्र से सम्बंधीत बीमारियों के इलाज में किया जाता हे।<br /><br /><b>4)</b> <span style="font-size: large;"><b>XRx- </b></span>निशान का मतलब हे की यहाँ दवा आप किसी ऐसे डॉक्टर को बेच सकते हो | जिसके पास नशीली दवाओ का लाइसेंस हो जेसे Neurologist Anesthesiologist Psychiatrist आदि | और इस दवा को डॉक्टर सीधे अपने मरीज को दे सकता हे | ये दवा आप सीधे तोर पर मेडिकल स्टोर से नहीं खरीद सकते भले ही फिर आप के पास डॉक्टर का पर्चा हो | ये दवाए अति संवेदनशील होती हे इसलिए इसे डॉक्टर मरीज की स्थिति का पता लगा कर अपनी देखरेख में ही मरीज को देता हे | वेसे भी इन दवाओ का उपयोग विशेष गंभीर परिस्थित में किया जाता हे <br /><br /><b>निष्कर्ष- </b>दवाओ पर दिए गए चिन्हों के विवरण से प्राम्भिक तोर पर ही यहाँ स्पष्ट हो जाता हे की दवा किस संदर्भ में दी जा रही हे और उसका उसका स्तर क्या हे | इसलिए दवाओ खरीद हो या इस्तेमाल काफी सावधानी से करनी चाहिए |</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-36238205376294079352023-08-29T09:36:00.000+05:302023-08-29T09:36:57.046+05:3040 Mahatma Gandhi quotes हिंदी में <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on"><b>50 Mahatma Gandhi quotes in Hindi</b> - <a href="https://www.hindiarticles.com/2018/09/Hindi-essay-on-mahatma-gandhi.html" target="_blank">महात्मा गाँधी</a> के अनमोल विचार:- एक ऐसी हस्ती जिनको सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाता है सिर्फ अपने कर्मो की वजह से ही। महात्मा गाँधी जी ने सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर भारत को अंग्रेजो से मुक्त करवाया। चलिए जानते है उनके कुछ Inspiring quotes in Hindi.<br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://1.bp.blogspot.com/-Pat3S8dq3xw/WxOIDM7cafI/AAAAAAAAICI/_vs3DtRPklkuyZzMbAZHh34qXN_cxlJkwCEwYBhgL/s1600/50%2BMahatma%2BGandhi%2Bquotes%2Bin%2Bhindi%2B%25281%2529.png" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="Mahatma Gandhi quotes, 50+ Mahatma Gandhi quotesहिंदी में" border="0" data-original-height="450" data-original-width="810" src="https://1.bp.blogspot.com/-Pat3S8dq3xw/WxOIDM7cafI/AAAAAAAAICI/_vs3DtRPklkuyZzMbAZHh34qXN_cxlJkwCEwYBhgL/s1600/50%2BMahatma%2BGandhi%2Bquotes%2Bin%2Bhindi%2B%25281%2529.png" title="50+ Mahatma Gandhi quotes हिंदी में" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">Mahatma Gandhi<br /></td></tr></tbody></table><h3 style="text-align: left;">महात्मा गाँधी जीवन परिचय</h3><b>पूरा नाम</b> - मोहन दास करम चंद गाँधी<br /><br /><b>जन्म </b>- 2 अक्टूबर, 1869<br /><br /><b>उपाधि </b>- राष्ट्रपिता (बापू)<br /><br /><b>मृत्यु </b>- 30 जनवरी 1948<br /><h2 style="text-align: left;">Mahatma Gandhi quotes in Hindi - महात्मा गाँधी के अनमोल विचार</h2><p style="text-align: left;"><b>#1</b> आपको इंसानियत से कभी भी भरोसा नहीं तोडना चाहिए क्योकि इस संसार में इंसानियत एक ऐसा सुमंदर है जहा अगर कुछ बूंद गन्दी भी हो जाये तो भी समुन्दर गन्दा नहीं होता।</p><br /><b>#2</b> अपने आपको जीवन में ढूँढना है तो लोगों की मदद में खो जाओ।<br /><br /><br /><b>#3</b> कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा जीने वाले हो।<br /><br /><b>#4</b> एक आँख के बदले आँख ही पूरी दुनिया को अँधा बना कर समाप्त होती है।<br /><br /><b>#5</b> यह स्वास्थय ही है जो हमारा सही धन है, सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ भी नहीं है।<br /><br /><b>#6</b> खुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते है, जो कहते है और जो करते है, सामंजस्य में हो।<br /><br /><b>#7</b> तभी बोलो जब वो मौन से बेहतर हो।<br /><br /><b>#8</b> आप खुद में बदलाव कीजिये जो आप दुनिया में देखना चाहते है।<br /><br /><b>#9</b> एक आदमी अपने विचारो से ही बनता है, जो वो सोचता है, वही बन जाता है।<br /><br /><b>#10</b> एक विनम्र तरीके से आप पूरी दुनिया को हिला सकते है।<br /><br /><b>#11</b> काम की अधिकता नहीं, अनीयमितता आदमी को मार डालती है।<br /><br /><b>#12</b> अगर आप खुद नहीं करोगे तो आपके पास कोई परिणाम नहीं होगा।<br /><br /><b>#13</b> पहले वो तुम्हारी उपेक्षा करेंगे, फिर वो तुम पर हसेंगे, फिर वो तुमसे लड़ाई करेंगे, मगर अंत में जीत तुम्हारी ही होगी।<br /><br /><b>#14</b> कमजोर किसी को माफ़ नहीं कर सकते, माफ़ करना मजबूत लोगो की निशानी है।<br /><br /><b>#15</b> जो काम आप खुद कर सकते हो, उस काम को दुसरो से नहीं करवाना चाहिए।<br /><br /><b>#16</b> अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के बराबर है, जो फर्श को चमकदार बना देता है।<br /><br /><b>#17</b> जो पसंद है वही मत करो, जो करना पड़ेगा उसको पसंद करो।<br /><br /><b>#18</b> मुर्ख व्यक्ति क्रोध को जोर जोर से प्रकट करता है लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति शांति से वश में कर लेता है।<br /><br /><b>#19</b> भूल करने में पाप तो होता है लेकिन उसको छिपाने में उस से भी बड़ा पाप होता है।<br /><br /><b>#20</b> अपनी बुरे हमेशा सुने अपनी तारीफ कभी भी नहीं सुने।<br /><br /><b>#21</b> आज आप जो करते है उसपर आपका भविष्य निर्भर करता है।<br /><br /><b>#22</b> थोडा सा अभ्यास, बहुत सारे उपदेशो से बेहतर है।<br /><br /><b>#23</b> पाप से नफरत करो पापी से नहीं।<br /><br /><b>#24</b> कायरता से कही अच्छा है लड़ते लड़ते मर जाना।<br /><br /><b>#25</b> मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पंहुचा सकता।<br /><br /><b>#26</b> कुछ लोग सफलता के सपने देखते है जबकि कुछ लोग जागते है और कड़ी मेहनत करते है।<br /><br /><b>#27</b> पुस्तको का मूल्य रत्नों से भी कही अधिक है, क्योकि पुस्तकें मनुष्य को उज्ज्वल करती है।<br /><br /><b>#28</b> अकलमंद इंसान काम करने से पहले सोचता है और मुर्ख इंसान काम करने के बाद।<br /><br /><b>#29 </b>आख के बदले में आख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी।<br /><br /><b>#30</b> चिंता के समान शरीर का नाश करने वाला और कोई नहीं है, जिसको इश्वर में विश्वास हो उसको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।<br /><br /><b>#31</b> ऐसे बहुत से कारण है जिसके लिए मै मर जाऊंगा, लेकिन ऐसा एक भी कारण नहीं है जिसके लिए मै मरूँगा।<br /><br /><b>#32</b> विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता की जननी है।<br /><br /><b>#33</b> भगवान का कोई धर्म नहीं होता है।<br /><br /><b>#34</b> जहा प्रेम है वह जीवन है।<br /><br /><b>#35 </b>जो लोग अपनी प्रशंसा के भूखे होते है, वे लोग साबित करते है की उनमे योग्यता नहीं है।<br /><br /><b>#36</b> जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जाएगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।<br /><br /><b>#37</b> महिला को कमजोर जाती कहना एक अपमान है, यह आदमी का महिला के प्रति किया गया अन्याय है।<br /><br /><b>#38 </b>विश्वास को हमेशा तर्क से तोलना चाहिए, जब विश्वास अँधा हो जाता है तब वह मर जाता है।<br /><br /><b>#39</b> पूंजी बुरी नहीं है, उसका गलत उपयोग करने में बुराई है, किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्कता ज़रूर रहेगी।<br /><br /><b>#40</b> जो भी चाहे वह अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है, यह सबके अन्दर होती है।</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5343983234117936821.post-74698982808972017452023-08-29T09:32:00.000+05:302023-08-29T09:32:46.357+05:30पर्सनल लोन लेना हुआ आसान। Personal loan लेने से पहले महत्पूर्ण बातें। <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">पैसा लेने का एक असुरक्षित तरीका, <b>पर्सनल लोन</b> बहुत सारे उद्देश्य पूरे करता है. फिर चाहे छुट्टी पर जाना हो, घर में कुछ साज सजावट करानी हो, कोई महंगा सामान खरीदना हो, एक पर्सनल लोन तुरंत पैसे मिलने का एक विकल्प होता है। हालाँकि इस लोन को लेने से पहले कुछ बातों को आपको जान लेना चाहिए।<br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://3.bp.blogspot.com/-8G3QOSvxIno/WztKJtz6OJI/AAAAAAAAIRg/zdnZzFV4BxkKmDi_U8kZEzC6csK_MolQwCLcBGAs/s1600/personal%2Bloan.png" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="loan, personal loan , hindi loan, hindi personal loan, finance hindi" border="0" data-original-height="315" data-original-width="560" src="https://3.bp.blogspot.com/-8G3QOSvxIno/WztKJtz6OJI/AAAAAAAAIRg/zdnZzFV4BxkKmDi_U8kZEzC6csK_MolQwCLcBGAs/s1600/personal%2Bloan.png" title="personal loan in hindi" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">पर्सनल लोन कैसे लिया जाता है ? Personal loan </td></tr></tbody></table><h3 style="text-align: left;">आपको कितने लोन/ऋण की जरूरत है?</h3>एक पर्सनल लोन लेने से पहले, बहुत जरूरी है कि आपको यह पता हो कि कितना ऋण लेना है। अपनी एकदम सटीक आवश्यकता का पता लगाने के लिए अपनी जरूरतों को जाने। क्योंकि एक असुरक्षित लोन होने के नाते आपका क्रेडिट स्कोर लोन की राशि तय करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक ऐसा लोन लें जो आप अपने दूसरी आर्थिक जरूरतों से समझौता किये बगैर चुका सकें। आदर्श रूप से ईएमआई की रकम आपकी मासिक आय से 40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।<h4 style="text-align: left;">लोन की अवधि क्या है?</h4><br />लोन की अवधि लोन देने वाले पर निर्भर करती है. अधिकतर लोन देने वाले यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपनी सुविधा के अनुसार लोन चुका पाएं। इंटरनेट पर विविध पर्सनल लोन देने वालों की अवधि की तुलना करें और उसे चुनें जो आपकी और जरूरतों और रीपेमेंट क्षमता के हिसाब से सबसे सही हो। आप जो भी अवधि चुनेंगे वह आपकी मासिक ईएमआई को प्रभावित करेगी।<br /><h3 style="text-align: left;">ब्याज की दर क्या है?</h3>यह एक और जरूरी सवाल है जो आपको लोन लेने से पहले पूछना चाहिए. व्यक्तिगत ऋण की ब्याज दर मासिक ईएमआई के रूप में आती है। किसी भी अंतिम फैसले पर पहुँचने से पहले इंटरनेट पर विविध पर्सनल लोन देने वालों के ब्याज दर की तुलना कर लें। ब्याज दर आपके क्रेडिट स्कोर, लोन की राशि और अवधि और कई अन्य कारणों पर निर्भर करता है।<h3 style="text-align: left;">क्या आपको किसी बैंक से लोन लेना चाहिए या एनबीऍफ़सी से?</h3>जहां पहले, बैंक पर्सनल लोन देने का प्राथमिक स्रोत थे, आज कई गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) भी पर्सनल लोन दे रहे हैं। एक नए द्रष्टिकोण के साथ कुछ प्रमुख एनबीएफसी फ्लेक्सी पर्सनल लोन भी दे रही हैं, जहां आपको केवल अपनी स्वीकृत ऋण से आप जो राशि इस्तेमाल करते हैं, उसी पर ब्याज देना होगा।<h3 style="text-align: left;">क्या आपके पास कोई और भी लोन/ऋण है?</h3>अगर आपके पास कोई पहले से ऋण है, तो इसका सीधा असर आपकी लोन चुकाने की क्षमता पर पड़ेगा। लोन की राशि मंजूर करते समय उधारकर्ता इसे भी ध्यान में लेंगे। जब आपके पास पहले से ही कई लोन और देनदारियां हैं पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय यह, सुनिश्चित करें कि आपने समय पर वर्तमान लोन की ईएमआई का भुगतान किया है।<br /><br />पर्सनल लोन समय-समय पर पैदा होने वाली कई जरूरतों को पैसा देने के सबसे सुविधाजनक तरीकों में से एक है। अगर आप कई लोन की तुलना करेंगे और आप पर्सनल लोन के डॉक्यूमेंट को सही से समझ लेंगे तो आपको एक बेहतर डील मिल सकती है।<br /><br />पर्सनल लोन, होमलोन, बिजनिस लोन और कई अन्य वित्तीय उत्पादों के लिए बजाज फिनसर्व प्री-एप्रूव्ड ऑफर भी देखें। न केवल यह फाइनेंसिंग की प्रक्रिया को सरल करता है बल्कि बचत के समय भी आपकी मदद करता है।</div>Hindi Articleshttp://www.blogger.com/profile/09926068095405318102noreply@blogger.com