ओमप्रकाश वाल्मीकि [Omprakash valmiki]

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 जीवन परिचय










जन्म:- ओमप्रकाश वाल्मीकि का जन्म सन् 1950 में बरेली जिला,
मुजफ्फरनगर, (उ.प) में हुआ | उनका बचपन सामाजिक और आर्थिक  कठिनाईय में बिता | पढाई के दौरान उनको कई
आर्थिक, सामाजिक और मानसिक कष्ट झेलने पड़े | ये कुछ समय तक महाराष्ट्र में रहे |
वहाँ वे दलित लेखको के संपर्क में आये तथा उनकी प्रेरणा से वाल्मीकि जी ने डॉ॰ भीमराव
आंबेडकर की रचनायो का अध्यपन किया | इससे इनकी रचना-दृष्ट में बुनियादी बदलाव आया
| वर्तमान में वे देहरादून स्थित ऑडिनेंस फैक्ट्री में एक अधिकारी के रूप में
कार्य किया |





रचनाएँ:- इनकी प्रमुख रचनाएँ निन्म हैं- ‘सदियों का संताप, बस! बहुत
हो चूका’ (कहानी संग्रह); ‘घुसपैठियै’, ‘सलाम’, (कहानी संग्रह), दलित सहित्य का
सौन्दर्य शासत्र और ‘जूठन’(आत्मा कत्था) नाटको के अभिनय और निर्देशन में भी उनकी
दिल्चास्वी हैं | उनकी आत्मकथा ‘जूठन’ के कारण उन्हें हिंदी सहित्य में पहचान व
प्रतिष्ठा  मिली | उन्हें सन् 1993 में डॉ॰
आंबेडकर राष्ट्रीय परुस्कार तथा सन् 1995 में परिवेश सम्मान से अलंकृत  किया जा चूका है |









सहित्यिक विशेषताएँ:- हिन्दी में दलित सहित्य का विकास में ओमप्रकाश वाल्मीकि की
अहम् भूमिका है | उन्होंने अपने लेखन में जातीय अपमान तथा उत्त्पिरण का जीवंत
वर्णन किया है | और भारतीय  समाज के कई अनछुए
पहलुओ को पाठक के सामने पेश किया है | वे मानते है की दलित ही दलित की पीड़ा को
अच्छी तरीके से समझ कसते है | और वही उस अनुभव की प्रमाणिक अभिव्यक्ति कर सकती है
| उन्होंने सृजनात्मक सहित्य के साथ-साथ आलोचनात्मक लेखन भी किया है | 





भाषा:- उनकी भाषा सहज तथ्यपरक तथा आवेगमयी है | उसमे व्यंग का
गहरा पूत भी दीखता है | इन्होने साहित्यक खाड़ी बोली का इस्तेमाल किया है |
राजेस्थानी संवाद कहानी में दिलचस्पी बढ़ाते हैं |